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वीडियो जानकारी: 30.08.2020, जन जागृति समारोह, खुला संवाद, ग्रेटर नॉएडा, उत्तर प्रदेश
प्रसंग:
मनुष्य मुक्त पैदा होता है, लेकिन फिर वो बेड़ियों में जकड़ जाता है।
Man is born free and everywhere he is in chains.
~ रूसो
~ क्यों हमेशा बंधनों में पाए जाते हैं हम?
~ हमें बंधनों से इतना लगाव क्यों होता है?
~ क्या मनुष्य के बंधनों के लिए वह स्वयं ही ज़िम्मेदार है?
~ विवेकानन्द के जीवन से क्या प्रेरणा लें?
~ बंधनों से आसक्ति कैसे हटाएँ?
~ जीव बंधनों के बिना असहाय क्यों अनुभव करता है?
~ मुक्ति क्या है?
~ क्या बंधनों से मुक्ति संभव है?
~ मुक्ति कैसे मिले?
~ क्या बंधनों से छुटकारा संभव है?
संगीत: मिलिंद दाते
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Негізгі бет क्यों हमेशा बंधनों में पाए जाते हैं हम? || आचार्य प्रशांत, दार्शनिक रूसो पर (2020)
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