जटेरी धाम
इस स्थान का प्राकृतिक दृश्य अत्यंत मनोहारी हे जटेरी धाम के चारों तरफ छोटे-छोटे पर्वत स्थित है
हिमालय पर्वत का सुंदर दृश्य एवं यहां का अति मनोरम प्राकृतिक छटा मन को लुभाते हैं ।
चारों दिशाओं के पर्वत के बीच बसा हुआ जटेरी धाम में ठा.हंसन बिहारी जी की आलोकिक छवि का विग्रह है।
श्रीनारायण भगवान जब यह तपस्या कर रहे थे तो उस समय उनकी तपस्या भंग करने के लिए देवराज इंद्र ने कुछ सुंदर अप्सराओं को यहां भेजा था श्रीनारायण भगवान ने यह घटना जानकर अपनी बायीं जांघ से अनेक अप्सराओं को उत्पन्न करके इंद्र का घमंड चूर किया था।
तपोवन के दक्षिण दिशा में स्थित गन्धमादन पर्वत है
पश्चिम दिशा में केशव पर्वत है
उत्तर दिशा में निषाद पर्वत है
एवं पूर्व दिशा में शंख-कूट पर्वत विराजित है।
चारों ओर पर्वत श्रृंखलाओं से घीरी हुई बृज की पावन धरा पर इस घोर कलयुग में 5000 बर्ष पूर्व के सतयुग का अहसास करना चाहते हैं तो जटेरी धाम जाकर अपना जीवन कृतार्थ कर वहां बिताए कुछ पल को अपने जीवन के अविस्मरणीय यादों में समाएं रखें।
जय श्री राधे 🙏
जय गिरिराज धरण 🙏
Негізгі бет 👉क्या आप जानते हैं 👈 जटेरी धाम के बारे में EPS-15 ब्रज की पर्वत श्रृंखलाओं के बीच बसा हुआ पावन धाम
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