#लोकगीत#उत्तर प्रदेश#बृज क्षेत्र#महक माटी की
अरे मेरो रोय रोय अंचरा भींजे
परदेसी से प्रीत न कीजै
१ बा परदेसी की सलमा की टोपी
अरे बाकी काली जुल्फ मन रीझे
परदेसी से प्रीत न कीजै
अरे मेरो रोय रोय अंचरा भींजे
परदेसी से प्रीत न कीजै
२ बा परदेसी की बड़ी बड़ी अंखियां
अरे बाकी तिरछी नजर मन रीझे
परदेसी से प्रीत न कीजै
३बा परदेसी कौ जालीदार कुर्ता
अरे बाकौ गोरों बदन मन रीझे
परदेसी से प्रीत न कीजै
४ बा परदेसी की ऊंची नीची धोती
अरे बाकी तिरछी चाल मन रीझे
परदेसी से प्रीत न कीजै
Негізгі бет (लोकगीत ) परदेसी से प्रीत न कीजे ,अरे मेरो रोय रोय अंचरा भींजे ||Reena Chaturvedi ||
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