राजीव गांधी भारतीय इतिहास के सबसे युवा प्रधानमंत्री रह चुके हैं। राजीव गांधी जब भारत के प्रधानमंत्री बने थे तब उनकी उम्र सिर्फ 40 वर्ष की थी। यही वजह है कि राजीव गांधी को भारत इतिहास का सबसे युवा प्रधानमंत्री कहा जाता है।
अक्टूबर 1984 को जब इंदिरा गांधी की आकस्मिक मृत्यु हो गई थी, उसके बाद देशभर में लोकसभा चुनाव हुआ। उस लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को इतनी ज्यादा वोट मिले जितना उससे पहले कभी नहीं मिला था। उस लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को भारी बहुमत से जीत हासिल हुई थी। इसके बाद इंदिरा गांधी के बड़े बेटे राजीव गांधी को कांग्रेस पार्टी की तरफ से भारत का प्रधानमंत्री बनाया गया।
राजीव गांधी कभी भी राजनीति में नहीं आना चाहते थे। आप यह भी कह सकते हैं कि राजनीति में आना राजीव गांधी की अपनी इच्छा नहीं थी। जब राजीव गांधी के छोटे भाई संजय गांधी की एक हवाई दुर्घटना में मृत्यु हो गई, तब इंदिरा गांधी ने अपने बड़े बेटे राजीव गांधी पर राजनीति में आने का दबाव बनाया। और अंत में राजीव गांधी राजनीति में आने के लिए तैयार हो गए। और अपने राजनीति के शुरुआती दिनों मे राजीव गांधी युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष नियुक्त किए गए थे। तब किसी ने सोचा भी नहीं था कि एक दिन राजीव गांधी देश के प्रधानमंत्री बनेंगे।
21 मई 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में भारत के सबसे युवा प्रधानमंत्री राजीव गांधी की असामयिक मृत्यु हो गई। वर्तमान में राजीव गांधी की पत्नी सोनिया गांधी, बेटा राहुल गांधी और बेटी प्रियंका गांधी सभी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य हैं।
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Негізгі бет लाल किला से Rajiv Gandhi का अंतिम भाषण
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