वक़्त की आवाज़ की इस नयी कड़ी में हम मिलेंगे संभाजी भगत से, जो कि महाराष्ट्र की लोकशाहिर परंपरा के प्रमुख प्रतिनिधि हैं. अपने संगीत और बैठकों के ज़रिये संभाजी जनता के बीच संविधान के प्रमुख सिद्धांतों के बारे में चर्चा करते रहे हैं. वाम और अम्बेडकरपंथी विरोध परम्पराओं का संगम, संभाजी की शैली का एक ख़ास हिस्सा हैं. इस कड़ी में संभाजी से सुनिए उनके गीत और गायन के बारे में.
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Негізгі бет लफड़ा काइको रे | सुमंगला दामोदरन की लोकशाहिर संभाजी भगत से बातचीत
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