Namaste sir Congratulations to R Balasubramaniam on the occasion of Launch of beautiful book of Prime Minister and his Leadership Thank you
@mruthyunjayasiddalingaiah7489
3 ай бұрын
I have purchased Books and donated to our Schools & Colleges of Siddaganga Muth
@drdeshmane8581
3 ай бұрын
Dr R Balasubramaniam sir Congratulations to you on the occasion of Launch of your beautiful book on the Leadership of our Honourable Prime minister of Bharat Thank you Thank you to the team: CNBC TV 18
@kurubalanrengaraju8528
3 ай бұрын
Scale of achievements is clear but there are those who refuse to see The internal strength both firm and pliable is indeed our cultural heritage
@colarunjoshi
3 ай бұрын
Phenomenal. The anchor is knowledgeable & superb. Thankyou so much. A must bùy
@Hindustani_jaago
3 ай бұрын
Jai Sanatan Dharma. Jai Bharat. Jai Modiji. ❤🙏🇮🇳🕉🛕🚩🪔🔱🪷
@sundarreddy2822
3 ай бұрын
Modiji is a source of inspiration ❤❤❤🔥🔥🔥💥💥💥💪💪💪😎😎😎🤗🤗🤗😍😍😍🤩🤩🤩🥰🥰🥰😘😘😘🥳🥳🥳🎉🎉🎉🎊🎊🎊🚩🚩🚩🇮🇳🇮🇳🇮🇳
@mohanabadri6628
3 ай бұрын
Blessings from gokul modiji jai sri ram
@ShailendraPSingh-zv4wr
3 ай бұрын
सभ्यता और समृद्धि भाग 1 जैसे आवश्यकता अविष्कार की जननी है वैसे सभ्यता ही समृद्धि की जननी है। वह भी सदा वाली समृद्धि ना कि छणिक समृद्धि। सनातन के नजर में छणिक सैकड़ों सालों का होता है जैसे 100 साल का एक सनातनी जीवन जो अपने तन मन धन के समृद्धि की तैयारी के लिए सनातनी करता है और जिसका उपयोग वह इस जन्म में और आगे के हर जीवन हेतु करता है। ऊपर सदा समृद्धि का मतलब हमेशा वाली है जो कम से कम हजारों सालों का होता है जैसे 500 BC से 1500 AD तक दो हजार सालों वाली भारतीय समृद्धि का रहा। हम पाते हैं कि पिछले हजार सालों की धरती के इतिहास में चंगेज, तुर्क, मुगल, डच, फ्रांसीसी और अंग्रेजो की समृद्धि हजारों नहीं बरन सैकड़ों सालों की ही रही जो सनातनी चस्मे से छणिक और अल्प है। वर्तमान विश्व व्यवस्था में समृद्धि के शिखर पर अमेरिका है जिसके नक्शे कदम से लगता है कि उसकी हालत डच और अंग्रेजो वाली सैकड़ों साल वाली अल्प समृद्धि ही होगी। उसके एप्पल जैसी कंपनियां हजारों साल की बात तो कर रहीं हैं मगर उनके नीव में इसकी संभावना कम दिखती है। इतिहास की घटना नजदीक से देंखे तो दुनिया की अल्प समृद्धि समझ में आती है। 1789 ई में दुनिया में दो बड़ी घटना हुई। एक राज्य - राष्ट्र वाली फ्रांस क्रांति हुई जिससे सकड़ो साल वाली अल्प काल की यूरोप समृद्धि और जिसका वर्चस्व पूरे दुनिया पर सैकड़ों साल रहा। दूसरी नीलकंठ क्रांति जिसे दुनिया पहले नही देख पाई मगर आने वाले समय में लाभ लेने जा रही है। नीलकंठ ने आठ साल की उम्र में सभी सनातन शास्त्र का शिक्षा प्राप्त कर 1789 ई से भारत में धार्मिक और आध्यात्मिक क्रांति की शुरुआत की और आज पूरी दुनिया में अपने एक हजार से अधिक संत और दस हजार से अधिक मंदिर के द्वारा पूरी कायनात का कायाकल्प करने में जुटे हैं। ज्ञात रहे कि अरब देशों में पहला मंदिर ध्वज इन्ही का पिछले साल लहराया जो कट्टर इस्लाम धरती पर लोगों के अल्प ईमान को दीर्घायु करने जा रहे हैं। अच्छरधाम का मतलब है उस एक परम सत्ता का धाम है जिसका कभी छय नही होता। अच्छरधाम संप्रदाय का अमेरिका में विश्व का बृहत्तर मंदिर बन रहा है जो उस सभ्यता का संदेश देगा जो हजारों साल तक समृद्धि अपनी और औरों की बनाए रखेगी। ज्ञात रहे कि बुद्ध के बाद भारत चीन के साथ मिलकर हजारों साल तक अपनी और दुनिया की समृद्धि बनाए रखी। याद रहे की यहां समृद्धि का मतलब सनातनी समृद्धि से है जहां हम अपने और दूसरों के भूख और रूह की जरूरतों सबके शांति और निर्भयता के साथ करते हैं। 1789 ई की तरह 1947 में दुनिया की दो दूरगामी घटना हुई। एक भारत के राजनैतिक आजादी की नीव तो दूसरी अमेरिका के सैनिक और सुरछा आजादी की नीव। ज्ञात रहे कि अमेरिका 1947 में पूरी दुनिया में अपने द्वितीय विश्व युद्ध के मित्र शत्रु देशों को भुलाकर अपने सैनिक अड्डों की स्थापना की और अपने समृद्धि को हासिल किया। उसी तरह भारत भी अपने शत्रु और दुश्मन को भूलकर दुनिया में अपने राजनैतिन अड्डों की स्थापना की अपने हजारों सालों के समृद्धि हेतु। यदि अमेरिका, ग्रीक और रोमन सभ्यता के अरस्तू और प्लेटो को बिना भूले उनके तरह भारत के साथ सहयोग कर आगे बड़ेगी तो उसकी समृद्धि हजारों साल की होगी अन्यथा उसकी समृद्धि भी यूरोप वाली सैकड़ों सालों की अल्पायु समृद्धि साबित हो सकती है। ध्यान देने की बात है कि इस्लाम और अंग्रेजों के गुलामी काल से ही भारत के चैतन्य महाप्रभु और नीलकंठ जैसे अवतरित अगले हजार साल वाली सनातनी समृद्धि की तैयारी कर रहे है जिसकी झलक अब इस्कॉन और अक्षरधाम के संगठित स्वरूप से दुनिया को महसूस भी होने लगा है। गालिब कहे चलो सबके लिए सभ्यता को समृद्धि की जननी बनाते और अगले हजारों सालों हेतु शांति और सहयोग को निशाना बनाते संसार में शांति और सहयोग के मनोकामना के साथ सबका मंगल हो!!! डा शैलेंद्र भारत राष्ट्रीय राजनैतिक और रणनैतिक सलाहकार मौलिक भारत
@sridevimalakar7033
3 ай бұрын
Beautiful, excellent,India always becomes strong due to internal wisdom, spiritual knowledge,inner strength, faith is inernal energy connected secretly, silently with god
@grmrthhegde
3 ай бұрын
Very thoughtful and useful program thanks...
@BhulakshmiNallamothu
2 ай бұрын
His excellency we see we feel your power within you, yourself and your great historical country and it's people.
@satishgupta6282
2 ай бұрын
Modi Yogi ❤best har har mahadev
@Guru36911
2 ай бұрын
It is really a great book narrated by Honorable PM shree Narendra Modi ji 🎉
@jaykoruth
3 ай бұрын
After so many years with practically no improvement in her skills, she still doesn't know the difference between an interviewer and interviewee!!. This skeleton's retirement is long overdue!!!
@shreel8880
3 ай бұрын
Nitpicker spotted😂
@govindasharma9524
3 ай бұрын
Congratulations, Dr Balu!🎉 Waiting for 5th July, Bengaluru.
@DavidDLalsa
3 ай бұрын
@jaykoruth if you have the knowledge, ability and skill, then you ought to apply for her job and then you may be interviewed. Good luck
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