Njan hindi padhyam chollal kalolsavathinu padan povukayannu❤
@hussain.leatherpalacehussa4318
Жыл бұрын
Super ayitt paranju👌
@amalyoutuber6396
18 күн бұрын
Sooper🎉
@sabithakv1376
18 күн бұрын
🎉
@nandhalalnisha5341
Жыл бұрын
Wow perfect
@human6416
Жыл бұрын
मां मुझे डर लगता है.... बहुत डरलगता है....सूरज की रौशनी आग सी लगती है.... पानी की बुँदे भी तेजाब सी लगती हैं.... मां हवा में भी जहर सा घुला लगता है....मां मुझे छुपा ले बहुत डर लगता है.... मां याद है वो काँच की गुड़िया, जो बचपन में टूटी थी.... मां कुछ ऐसे ही आज में टूट गई हूँ.... मेरी गलती कुछ भी ना थी, माँ फिरभी खुद से रूठ गई हूँ.... माँ बचपन में स्कूल टीचर की गन्दी नजरों से डर लगता था.... पड़ोस के चाचा के नापाक इरादों से डर लगता था... माँ वो नुक्कड़ के लड़कों की बेवकूफ बातों से डार लगता है....और अब बोस के वह शी इशारों से डरलगता है.... मां मुझे छुपा ले, बहुत डर लगता है.... मां तुझे याद है तेरे आँगन मेंचिड़ियासी फुदक रही थी.... ठोकर खा के में जमीन पर गिर पड़ी थी.... दो बूंद खून की देख के माँ तू भीरो पड़ी थी....माँ तूने तो मुझे फूलों की तरह पाला था.... उन दरिंदों का आखिर मैंने क्याबिगाड़ा था.... क्यों वो मुझे इस तरह मसल के चले गए है....बेदर्द मेरी रूह को कुचल के चले गए.... मां तू तो कहती थी अपनी गुड़िया को दुल्हन बनाएगी....मेरे इस जीवन को खुशियों से सजाएगी.... माँ क्या वो दिन जिंदगी कभी ना लाएगी.... माँ क्या अब तेरे घेर बारात ना आएगी? ? ? ? ? माँ खोया है जो मैने क्या फिर से कभी ना पाउंगी? मां सांस तो ले रही हु.... क्या जिंदगी जी पाउंगी? मां घूरते है सब अलग ही नज़रों से.... मां मुझे उन नज़रों से छूपा ले.... माँ बहुत डर लगता है मुझे आंचल में छुपा ले........ ~इंदु~
@anjaliks5775
11 ай бұрын
Thanks 🥰
@AsmaAshraf-wg4xc
10 ай бұрын
Thanks
@aswathyvr7165
5 ай бұрын
Thank you very much ❤❤
@subinaashkar6432
Ай бұрын
Thanks
@MuhammadHani-xx1xb
Ай бұрын
Thankyou 🎉🎉❤
@anoopt427
3 жыл бұрын
ഉഷാറായി 👍
@FarhathRinu
Жыл бұрын
Wowiiieeeeee❤❤❤❤
@muhammedshamiln.p2820
3 жыл бұрын
👍👍👍👍👍😻
@panchamickr1116
3 жыл бұрын
👍👍👍👍
@thesnidhafas8553
20 күн бұрын
Wow❤iam going to sing it in my school. I,ll see I can get first 🥇 prize.
@induverma6466
8 күн бұрын
All the best
@anupamapv5043
Жыл бұрын
👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻പക്ഷെ മാം എന്ന് മുഴുവനും പറയരുത്.. മാ അത്രേം മതി.' തി' എന്നല്ല' ഥി 'അങ്ങനെ കുറച്ചു കുറച്ചു ഉച്ചാരണം ശരിയാക്കണം.. Expression, presentation sooooper
@user-gn4tw5sl9t
Ай бұрын
Thank you for the information 😊😊
@rahanasulthana4307
3 жыл бұрын
Awsome presentation❤️👏👏👏
@shahanidaninu8120
3 жыл бұрын
👏🏽👌🏽👏🏽
@SummiS-qn7fu
Жыл бұрын
👏👏👍👍
@AMALRAJ-zd5wx
3 жыл бұрын
Wow yey yey
@user-gn4tw5sl9t
5 ай бұрын
Nice ❤❤
@jovinamathew6759
Жыл бұрын
Wow Iസ്റ്റഡിthis
@adoreclipzz
Жыл бұрын
Arann ee poem ezuthiyath
@farzasjournal880
Ай бұрын
Super✨️💕i am going to recite this poem for school kalotsavam☺️
@jktraders1333
25 күн бұрын
Oh no me tooo
@induverma6466
8 күн бұрын
All the best, this is my poem
@aswathyvr7165
Ай бұрын
Tomorrow is my art fest Iam going to sang this recitation
@induverma6466
8 күн бұрын
How was ur performance??
@unniscraftandart7831
10 ай бұрын
Super🎉🎉🎉🎉👍🏻👍🏻👍🏻
@sabithakv1376
18 күн бұрын
Who wrote it?
@muraleendrantpmuraleendran3028
Жыл бұрын
Lyrics ഇടുമോ??plz
@Dilshan842
11 ай бұрын
Thanks for this
@tharababu4912
3 жыл бұрын
Super 👍
@profinzmarketing
3 ай бұрын
Super.
@amarhindi1ktr
10 ай бұрын
यह तो इंदु रिंकी वर्मा की कविता है । कवि का नाम गलत कहा है ।
@jeeja.akshitjeeja.akshit6442
Жыл бұрын
Super... Give lyrics pls
@giginogi1917
3 ай бұрын
Search in google
@induverma6466
8 күн бұрын
मां मुझे डर लगता है . . बहुत डर लगता है.. सूरज की रौशनी आग सी लगती है . . पानी की बुँदे भी तेजाब सी लगती हैं .... मां हवा में भी जहर सा घुला लगता है... मां मुझे छुपा ले बहुत डर लगता है..☹️ माँ... याद है वो काँच की गुड़िया,जो बचपन में टूटी थी . . . . कुछ ऐसे ही आज में टूट गई हूँ... मेरी गलती कुछ भी ना थी माँ... फिरभी खुद से रूठ गई हूँ....☹️ माँ... बचपन में स्कूल टीचर की गन्दी नजरों से डर लगता था पड़ोस के चाचा के नापाक इरादों से डर लगता था... अब नुक्कड़ के उन लड़कों की बेवकूफ बातों से डर लगता है... और कभी बॉस के वहशी इशारों से डर लगता है.. मां मुझे छुपा ले, बहुत डर लगता है…..☹️ माँ.... तुझे याद है मैं आँगन में चिड़िया सी फुदक रही थी... और ठोकर खा कर जब मैं जमीन पर गिर पड़ी थी... दो बूंद खून की देख के माँ तू भी तो रो पड़ी थी...☹️ माँ... तूने तो मुझे फूलों की तरह पाला था.... उन दरिंदों का आखिर मैंने क्या बिगाड़ा था???? क्यूँ वो मुझे इस तरह मसल के चले गए है..... बेदर्द मेरी रूह को कुचल के चले गए ...... माँ... तू तो कहती थी अपनी गुड़िया को दुल्हन बनाएगी.. मेरे इस जीवन को खुशियों से सजाएगी ...... माँ क्या वो दिन जिंदगी कभी ना लाएगी??? क्या तेरे घर अब कभी बारात ना आएगी????? माँ... खोया है जो मैने क्या फिर से कभी ना पाउंगी ???? माँ सांस तो ले रही हूँ क्या जिंदगी जी पाउंगी????? माँ घूरते है सब अलग ही नज़रों से . . . . माँ मुझे उन नज़रों से छूपा ले . .. . माँ बहुत डर लगता है मुझे आंचल में छुपा ले..... :'( स्वरचित इंदु रिंकी वर्मा(सर्वाधिकार सुरक्षित)
@induverma6466
8 күн бұрын
This one is my poem
@aswathyvr7165
Ай бұрын
It was written by Indu Verma 😁
@induverma6466
8 күн бұрын
वाह... आपको पता था?? शुक्रिया 🙏
@krishnapriya.d.p6531
8 күн бұрын
I too wish to present this amazing poem in my clg recitation competition next week with your permission..!but the lyrics appears slightly different in various sites@@induverma6466
@aliyataj3361
Жыл бұрын
❤good presentation thank you sister🎉
@TextureWall_Mumbai01
Ай бұрын
Indu rinki Verma Aur damani k shabad dono me se kiska he yeh kavita pls replay
@user-fv7pm8qz7u
Ай бұрын
Indu Rinki Verma
@nimmishaiju2117
Ай бұрын
Damini K Shabad
@Ichus-js5bz
Ай бұрын
Indu Varma
@aswathyvr7165
4 ай бұрын
It was written by Indu Verma
@user-gn4tw5sl9t
2 ай бұрын
Yes
@Ichus-js5bz
Ай бұрын
Super
@user-ds4cj4kf9u
9 күн бұрын
Put some lyrics please please 🥺
@induverma6466
8 күн бұрын
मां मुझे डर लगता है . . बहुत डर लगता है.. सूरज की रौशनी आग सी लगती है . . पानी की बुँदे भी तेजाब सी लगती हैं .... मां हवा में भी जहर सा घुला लगता है... मां मुझे छुपा ले बहुत डर लगता है..☹️ माँ... याद है वो काँच की गुड़िया,जो बचपन में टूटी थी . . . . कुछ ऐसे ही आज में टूट गई हूँ... मेरी गलती कुछ भी ना थी माँ... फिरभी खुद से रूठ गई हूँ....☹️ माँ... बचपन में स्कूल टीचर की गन्दी नजरों से डर लगता था पड़ोस के चाचा के नापाक इरादों से डर लगता था... अब नुक्कड़ के उन लड़कों की बेवकूफ बातों से डर लगता है... और कभी बॉस के वहशी इशारों से डर लगता है.. मां मुझे छुपा ले, बहुत डर लगता है…..☹️ माँ.... तुझे याद है मैं आँगन में चिड़िया सी फुदक रही थी... और ठोकर खा कर जब मैं जमीन पर गिर पड़ी थी... दो बूंद खून की देख के माँ तू भी तो रो पड़ी थी...☹️ माँ... तूने तो मुझे फूलों की तरह पाला था.... उन दरिंदों का आखिर मैंने क्या बिगाड़ा था???? क्यूँ वो मुझे इस तरह मसल के चले गए है..... बेदर्द मेरी रूह को कुचल के चले गए ...... माँ... तू तो कहती थी अपनी गुड़िया को दुल्हन बनाएगी.. मेरे इस जीवन को खुशियों से सजाएगी ...... माँ क्या वो दिन जिंदगी कभी ना लाएगी??? क्या तेरे घर अब कभी बारात ना आएगी????? माँ... खोया है जो मैने क्या फिर से कभी ना पाउंगी ???? माँ सांस तो ले रही हूँ क्या जिंदगी जी पाउंगी????? माँ घूरते है सब अलग ही नज़रों से . . . . माँ मुझे उन नज़रों से छूपा ले . .. . माँ बहुत डर लगता है मुझे आंचल में छुपा ले..... :'( स्वरचित इंदु रिंकी वर्मा(सर्वाधिकार सुरक्षित)
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