उत्तर प्रदेश का आखिरी जिला कहे जाने वाले कुशीनगर से ही होकर ट्रेन बिहार जाती है। कुशीनगर का आखिरी रेलवे स्टेशन पूर्वांचल में खाने के शौकीन लोगों के लिए काफी मशहूर है। छोटे से स्टेशन के आस पास छोटे-छोटे छप्पर की दुकानें सिर्फ वहां मिलने वाली मछली-भुजा के लिए फेमस हैं। नेपाल से निकलने वाली नारायणी नदी के किनारे बसा एक छोटे से इलाके में अनेक तरह की मछली मिलती है जिन्हें पकड़कर लोग अपना रोजगार चलाते हैं। इस इलाके में मिलने वाली ‘चेपुआ मछली’ के साथ ‘भुजा’ (लाई) पनियहवा को और जगहों से अलग करती है।
दूर-दूर से आते हैं लोग
यहां दूर-दूर से खाने के शौकीन लोग रेलगाड़ी, बस के साथ साथ निजी गाडिय़ों से आते हैं और यहां की मछलिओं के साथ मिलने वाले भुजा को काफी पसंद करते हैं।
होटलों को छोड़ दूर-दूर से आते हैं लोग
मछली खाने वाले शौकीन लोगों का मानना है कि यहां जो मछलियां पनियहवा के नारायणी नदी में पाई जाती हैं वे खाने में काफी स्वादिष्ट होती हैं। यही कारण है कि यहां लोग बड़े बड़े होटलों को छोड़ दूर-दूर से आते हैं और इन घास फूस की बनी झोपडिय़ों में सस्ते दामों पर अच्छी मछली और भुजा का लुफ्त लेते हैं।
मछली प्रेमियों को लुभाता है चेपुआ का स्वाद
पनियहवा एक छोटा सा स्टेशन मात्र है पर वहां मिलने वाली चेपुआ का पूरे भारत में एक मात्र यही स्थान है। जिस चेपुआ का स्वाद मछली प्रेमियों को लुभाता है। अधिकतर लोग वहीं बैठ खाते हैं तो कुछ पैक कराते हैं। यही कारण है आज मछली भुजा इस इलाके के लोगों का कुटीर उद्योग बन गया है।
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Негізгі бет मछली भुजा नारायणी नदी के बीच में ।। पनिहवा का मछली भुजा || Famous Fish Fry in Panihawa UP
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