Madan Mahal || Rani Durgavati Kila || Madan Mahal Fort Jabalpur Madhya Pradesh ||
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मदन महल किला मध्य प्रदेश राज्य के जबलपुर शहर में स्थित एक आकर्षण पर्यटक स्थल है। यह उन शासकों के अस्तित्व का साक्षी है, जिन्होंने यहाँ 11वीं शताब्दी में काफ़ी समय के लिए शासन किया था। राजा मदन सिंह द्वारा बनवाया गया यह किला शहर से क़रीब दो किमी दूर एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है। इसे दुर्गावती किले के नाम से भी जाना जाता हैं। मदन महल किला का निर्माण लगभग 1100 ई. में राजा मदन सिंह द्वारा करवाया गया था। यह किला राजा की मां रानी दुर्गावती से भी जुड़ा हुआ है, जो कि एक बहादुर गोंड रानी के रूप के जानी जाती है। इसे रानी दुर्गावती के वॉच टॉवर या सैनिक छावनी के रूप में भी जाना जाता है। जहां से वे पूरे शहर पर आसानी से नजर रखती थीं।
जिस पहाड़ी पर मदन महल किला बना हुवा हैं, एक समय पहाड़ी खूबसूरत वृक्षों से आच्छादित थी। यहां सीता फल के बगीचे थे, जो पूरे देश में प्रसिद्ध थे। यहां जंगल में चीते, शेर और जंगली जानवर भी थे। हालांकि सैनिक छावनी होने की वजह से यहां सख्त पहरा होता था। और परिंदे को भी यहां पर मारने की इजाजत नहीं थी। ह किला आज खंडहर में तब्दील हो चुका है फिर भी यहां आप शाही परिवार का मुख्य कक्ष, युद्ध कक्ष, छोटा सा तालाब और अस्तबल देख सकते हैं। किले में रानी की यादें अब भी बसी हुई हैं। वह पत्थर आज भी यहां देखने मिलता है जिस पर दुर्गावती अपने घोड़े पर बैठकर किले के नीचे छलांग लगाकर युद्ध का अभ्यास करती थीं।
मदन महल किला एक बड़ी ग्रेनाईट चट्टान को तराशकर बनाया गया है। जो एक पहाड़ी पर जमीन से लगभग 500 मीटर की ऊंचाई पर है। किले की चोटी पर पहुंचने पर आपको जबलपुर शहर का खूबसूरत नज़ारा दिखाई देगा।
प्रचलित कहानियों के मुताबिक, गोंड राज्य पर लगातार मुगलों द्वारा हमले किए जा रहे थे, जिस कारण इस किले को उस वक्त वॉच टावर के रूप में तब्दील कर दिया गया।
मदन महल किले (Madan Mahal Kila) के बारे में एक कहानी यह भी प्रचलित है कि यहां दो सोने की ईटें गड़ी हुई हैं। जिसे अब तक कोई खोज नहीं सका है। दरअसल, यह कहानी “मदन महल की छाँव में, दो टोंगों के बीच। जमा गड़ी नौं लाख की, दो सोने की ईंट।” कहावत के कारण मशहूर होने की बात बताई जाती है। हालाँकि इस खोज में यहां कई रिसर्चर और विशेषज्ञ भी आए। लेकिन ऐसा कुछ नही मिला। हालांकि कहीं ना कहीं ये ईंटे आज भी खोज का विषय हैं।
मदन महल किले के बारे में कहा जाता है कि यहां एक गुप्त सुरंग मिली थी। जिसे अब बंद कर दिया गया है। बताया जाता है कि ये सुरंग मंडला जाकर खुलती थी। इस सुरंग के रास्ते रानी दुर्गावती मंडला से इस किले तक आती थीं। वहीं किले का एक रास्ता यहां से पास शारदा मंदिर तक जाता है। कहा जाता है कि रानी दुर्गावती इस मंदिर में पूजा करती थी। तो दोस्तों कैसा लगा यह वीडियो मुझे कमेंट करके जरूर बताएं और अगर आप मेरे चैनल में नए हैं तो चैनल को सब्सक्राइब करना ना भूले और बैल आइकन में बटन दबा दें ताकि मेरे वीडियो सबसे पहले आपको मिले औरअपना प्यार हमेशा बनाए रखें
कैसे पहुंचे
हवाई यात्रा: मदन महल किले तक पहंचने के लिए आपको पहले आपको जबलपुर जाना होगा। दिल्ली और मुंबई से यहां के डुमना एयरपोर्ट के लिए रोजाना फ्लाइट्स हैं। एयरपोर्ट से आप मदन महल तक टैक्सी ले सकते हैं।
रेलवे यात्रा: जबलपुर मध्य भारत का मुख्य स्टेशन होने के कारण दिल्ली, मुंबई समेत सभी बड़े स्टेशनों से यहां के लिए आसानी से ट्रेन मिल जाएगी। हैदराबाद, पुणे, वाराणसी, आगरा, ग्वालियर, भोपाल, इंदौर, रायपुर, पटना, हावड़ा, गुवहाटी और जयपुर जाने वाली ट्रेनों का जबलपुर स्टॉपेज है।
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