मीनाक्षी मंदिर भारत के सबसे पुराने और सबसे बड़े मंदिरों में से एक माना जाता है। राजसी वास्तुकला, जटिल नक्काशी, सुंदर पेंटिंग, उत्कृष्ट मूर्तियां और इससे जुड़ा एक प्राचीन इतिहास इस मंदिर को दक्षिण भारत के सबसे अधिक देखे जाने वाले पर्यटन स्थलों में से एक बनाता है।
मंदिर में शिव और मां पार्वती की एक साथ पूजा होती है. इस मंदिर को लेकर पौराणिक मान्यता है कि सुन्दरेश्वर रूप में जन्मे भगवान शिव ने मां पार्वती (मीनाक्षी) से शादी के लिए मदुरई का दौरा किया था. मां पार्वती के जन्म स्थान होने के कारण यह जगह प्राचीन काल से ही बेहद पवित्र है. इस भव्य मंदिर में 14 प्रवेश द्वार हैं.
मीनाक्षी को देवी पार्वती का अवतार माना जाता है। इस मन्दिर को देवी पार्वती के सर्वाधिक पवित्र स्थानों में से एक माना जाता है। देवी पार्वती ने पूर्व में पाँड्य राजा मलयध्वज, मदुरई के राजा की घोर तपस्या के फलस्वरूप उनके घर में एक पुत्री के रूप में अवतार लिया था। वयस्क होने पर उसने नगर का शासन संभाला।
मदुरै अपने मंदिरों और ऐतिहासिक इनका प्रमुख बाजार पुथु मंडपम में है। यह एक स्तंभ वाला हॉल मीनाक्षी मंदिर के प्रवेश द्वार के पास है। यह स्थान सूत की दुकानों के लिए प्रसिद्ध है।
जगन्नाथ मंदिर एक हिंदू मंदिर है जो हिंदू धर्म में विष्णु के एक रूप, भगवान जगन्नाथ को समर्पित है। यह भारत के पूर्वी तट पर स्थित ओडिशा राज्य के पुरी में स्थित है। मंदिर के रिकॉर्ड के अनुसार, अवंती के राजा इंद्रद्युम्न ने पुरी में जगन्नाथ का मुख्य मंदिर बनवाया था। स्थलों के लिए ही नहीं बल्कि सूत और रेशम के लिए भी प्रसिद्ध है।
यह वैष्णव सम्प्रदाय का मन्दिर है, जो भगवान विष्णु के अवतार श्री कृष्ण को समर्पित है। इस मन्दिर का वार्षिक रथ यात्रा उत्सव प्रसिद्ध है। इसमें मन्दिर के तीनों मुख्य देवता, भगवान जगन्नाथ, उनके बड़े भ्राता बलभद्र और भगिनी सुभद्रा तीनों, तीन अलग-अलग भव्य और सुसज्जित रथों में विराजमान होकर नगर की यात्रा को निकलते हैं।
Негізгі бет Madurai Meenakshi Amman, Chennai & Jagannath Puri Yatra
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