शक्ति सिंह सिसोदिया, जिन्हें शक्ति तथा सगत नामों से भी जाना जाता था, राणा उदय सिंह द्वितीय तथा रानी सज्जा बाई सोलंकिनी के पुत्र तथा महाराणा प्रताप के छोटे भाई थे।अपने पिता से शत्रुतापूर्ण सम्बन्धों के कारण उन्होंने मुग़ल शासक अकबर के पाले में चले गये तथा बाद में उन्हें "मीर" की उपाधि प्रदान की गयी। १५६७ ईस्वी में धौलपुर से भाग गये जब अकबर ने वहाँ पड़ाव डाला था। उन्होंने अकबर की चित्तौड़ पर आधिपत्य जमाने की योजना अपने पिता को बता दी जिससे अकबर बहुत नाराज हो गया।हल्दीघाटी के युद्ध के दौरान वे अपने भाई महाराणा प्रताप के पक्ष में आ गये।उनके वंशज शक्तवत नाम से जाने जाते हैं। शक्तिसिंह ने हल्दीघाटी के युध के बाद राणा प्रताप की मदद की थी ये एक देस्प्रेमी थे|
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Jai ma Bhawani
Негізгі бет महाराणा प्रताप के भाई शक्ति सिंह जी का इतिहास | History of Maharaj Shakti Singh Sisodia
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