प्रणाम गुरुदेव। 🙏 कितनी सुंदर व्याख्या महा रास की । ❤❤❤❤ जहाँ मन तल्लीन हो गया, ईश्वर के साथ होकर झूम उठा वही महा रास । सत्संग ही महा रास । वाह !!!! इस रास में वही आनंद जो निधि वन में गोपियों ने अनुभव किया होगा । हाँ गुरुदेव, झलक भी मिली है; इस महा रास की आपकी कृपा से । मेरे सद्गुरु की छवि कैसी है; मोहे लागे मोहन जैसी है । ❤🙏❤🙏❤🙏
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