गगन को छू सकूँ मैं भी क्या ये अधिकार लाए हों
मिलेगा मान मुझको भी क्या ये स्वीकार लाए हों
दुश्मनों से भरे इस दौर में ये मांगती पापा
हिफाजत जो करें मेरी क्या वो तलवार लाए हों
-वीरेंद्र
Негізгі бет महिलाओ के लिए शानदार कविता 🙏🇮🇳
गगन को छू सकूँ मैं भी क्या ये अधिकार लाए हों
मिलेगा मान मुझको भी क्या ये स्वीकार लाए हों
दुश्मनों से भरे इस दौर में ये मांगती पापा
हिफाजत जो करें मेरी क्या वो तलवार लाए हों
-वीरेंद्र
Пікірлер: 1