बहुत बहुत धन्यवाद साहेब जी बहुत सुंदर सत्संग साहेब बंदगी
@sanjaybharde5742
11 ай бұрын
अत्त दीप भव स्वयं दीप हो...
@user-tw6ks8gs9g
5 ай бұрын
Saprem saheb bandagi saheb ji 🙏🙏🙏❤️
@bhagwatilalmeghwal7668
4 ай бұрын
सतगुरु साहेब जय हो
@user-ln2oc3uz4y
Жыл бұрын
साहेब बन्दंगी साहेब बन्दंगी साहेब बन्दंगी देवराज गुजर टोक राजस्थान
@upendrasingh4561
Жыл бұрын
सादर साहेब बंदगी साहेब जी 😊😊🙏🙏
@jitendraprasad2680
Жыл бұрын
Jay Jeev
@shiopukaryadav7027
10 ай бұрын
है गुरु हम धन्य हुए आपका parvachan सुनकर साहब bandigi
@hareram1340
Жыл бұрын
Saheb bandagi
@rasikvasava5611
10 ай бұрын
ll साहेब बंदगी ll
@omeerajmahavar3289
6 ай бұрын
साहिब बंदगी साहेब बांट दिया हमको जड़ और चेतन दोनों एक हीं है
@KrishnaKumar-oc9ff
Жыл бұрын
Saheb bandgi saheb ji
@purshottamdas2754
10 ай бұрын
⁷ 2:36
@ramgopaltanwar1182
Жыл бұрын
Goodmornig
@sadgurufilms21
Жыл бұрын
Shaheb bandgi
@rewaramsahu321
11 ай бұрын
Satya hi kabir hai.kabir hi ram hai ram hi shiv hai aur shiv hi jeev hai ... isliye sabka Malik ek hai..mai aatma hoon. Ishwar ansh jeev awinashi ..........
@shortsofficial7391
Жыл бұрын
Goro Kay bechar ko apnanay ka hay sahab bandge sahab g
Sant na hote sansar mai jal marta sansar jai ho abhilash saheb ji ki satguru shiromani Kabir saheb ji ki jai ho
@shivkumarjadonjadon240
2 жыл бұрын
Accha laga thanks
@NarenderKumar-ih7qc
Жыл бұрын
सत साहेब सत साहेब गुरु जी प्रणाम
@upendrakamath7865
Жыл бұрын
Jai Ho guruji 🌹🌹🌹🌹 Koti koti pranam guruji 🙏🙏🙏🙏
@ChhotuParwati
Жыл бұрын
Jay ho gurudev bahut sundar Saheb jee ka prabachan sunkar hum dhany ho gaye hai
@sandeepkaler4533
Жыл бұрын
Apki aur apke isht Satguru Kabeer saheb Ji Maharaj ki Jai ho 🙏🏻🙏🏻🌷🥀🌹
@amitrana0123
Жыл бұрын
Maargdarshan ke liye dhanyawaad poojniya guru ji
@prajapat5100
Жыл бұрын
बहुत सुंदर प्रवचन साहिब बंदगी साहिब बंदगी साहिब बंदगी
@kkkkkkkk890
Жыл бұрын
Saheb bandgi saheb bandgi saheb bandgi saheb ji
@parikshasaheb9577
Жыл бұрын
Bhaut sunder 🙏🙏🙏 hai
@alokalok5415
Жыл бұрын
Sadguru saheb ke jai
@girishsharma4910
Жыл бұрын
जय हो गुरु देव जी की सादर प्रणाम बहुत सुंदर विचार साहेब बंदगी साहेब
@JinabhaiSumara
14 сағат бұрын
38🎉😮😢
@JinabhaiSumara
14 сағат бұрын
🎉 ❤
@JinabhaiSumara
14 сағат бұрын
ખુબખુબસાહેબકાઉપકાર
@ashoksinghyadav5980
Жыл бұрын
साहेब बंदगी 🌹🌹🌹🙏🙏
@gayakvanbarigurjarmusiccha5842
2 жыл бұрын
आप बहुत ही महान है
@binaykumarrai2999
Жыл бұрын
Cbi
@ghanshyambhagat7107
10 ай бұрын
पूज्य गुरुदेव जी को सादर नमन एवं साहेब बन्दगी💐🙏
@bhramhajeetsinghyadav1679
Жыл бұрын
आप के द्वारा दिये गये प्रवचन मे दिल की गहराईयों को छू लेने वाला प्रवचन है।
@user-jl3yw8li1p
Жыл бұрын
निःसंदेह सदगुरु साहेब !!आपने परमज्ञान को प्राप्त किया है।"नमन सतगुरु अभिलाख साहेब।
@rajbahadurpal3883
Жыл бұрын
MERE SATGURU KI KRIPA SE AISE SATSANG SUNANE KO MIL RAHA HAI
@hukamsingh4211
2 жыл бұрын
Dhanya Prabhu main bada bhag sale Hain Jo aisi Vachan sunane ko
@Satyaprakash496
Жыл бұрын
गुरु जी रमन महर्षि के मैं कौन हू के प्रक्रिया में वो बोलते है की सबसे पहले मैं कौन हू से प्रश्न शुरू होता है फिर उसके बाद जो उत्तर हैं की मैं शरीर हू या हिंदू हू फिर वो कहते है उसको नकार दो कि मैं ये नहीं हू और आप कह रहे है मैं को नकारने वाले भी आप है
@AVTARSINGH-oy9wh
Жыл бұрын
आत्मा और शरीर के बारे मैं कभी ख्याल ही नहीं आया कि यह दोनों भी है आपने इस ओर ध्यान देकर हमको सजग कर दिया आपका बहुत-बहुत धन्यवाद सौ बातों की एक बात जिन प्रेम कियो तिन ही प्रभु पायो ॐ ब्रह्म सत्यम सर्वदा ध्यान कबीर ध्यान कबीर वाणी सतगुरु साहिब बंदगी
@shivanandrajje9314
Жыл бұрын
O
@singhdhram6047
Жыл бұрын
अति सुन्दर साहेब बंदगी साहेब बहुत बहुत धन्यवाद साहेब 💐💐🌴💐💐🌼🌺👌💐🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌾🌲🌱🌴🌿🌾
@dr.r.n.singhkushwanshi9014
11 ай бұрын
एक कहूँ तो है नहीं, दूजा कहूँ तो गार। है जैसा वैसा रहे, रहे कबीर विचार ।। अगर जगत दृश्य रूप मे सत्य है तो ऊपर कही गई साखी का क्या अर्थ है?
@Darshan_Saheb
11 ай бұрын
उक्त सखी का अर्थ है यदि मैं कहूं की सत्ता केवल एक की है अर्थात सत्ता केवल जड़ की है तो चेतन हमारी अंतरात्मा है और इसे नकारा नहीं जा सकता यह स्व अनुभूत और स्वसंवेद्द है और यदि सत्ता केवल चेतन की है तो दृश्यमान् जगत प्रत्यक्ष है यह भी सबके अनुभव में आता है। जड़ से चेतन नहीं बन सकता और चेतन से जड़ नहीं बन सकता दोनों के गुणधर्म सर्वथा पृथक हैं। जगत में जगत अर्थात जड़ात्मक सृष्टि स्वयं सिद्ध है और चेतन में जगत प्रपंच का लेस मात्रा भी स्थान नहीं है समाधि की अवस्था में इसका अनुभव होता है अर्थात् जगत में जगत सच है किंतु चेतन में जगत सच नहीं है इसलिए साहेब विचार करके कहते हैं "है जैसा रहे तैसा कहें कबीर विचार।"
@dr.r.n.singhkushwanshi9014
11 ай бұрын
@@Darshan_Saheb कृपा के लिए धन्यवाद साहेब जी। उत्तर से यह स्पष्ट नहीं है कि चेतन से अलग जड़ के स्वयं सिद्ध होने का क्या अर्थ होगा? समाधि में केवल चैतन्य का अस्तित्व है जड़ का अस्तित्व नहीं है इसलिए यह बोध तो स्पष्ट है कि चैतन्य जड़ से अलग है लेकिन जड़ का अस्तित्व चैतन्य से अलग संदिग्ध है। जगत में दृष्टि (आँख) का अस्तित्व रंगों के बिना भी संभव है लेकिन रंगों का अस्तित्व आँख से अलग असंभव लगता है। आँख चैतन्य है और रंग जड़ पदार्थ है। कृपा करके आँख के बिना विभिन्न रंगों की स्वयं सिद्धता स्पष्ट करें।
@Darshan_Saheb
11 ай бұрын
@@dr.r.n.singhkushwanshi9014 इतना तो स्पष्ट है कि चेतन का अस्तित्व जड़ से सर्वथा पृथक एवं स्वतंत्र है। जड़ के अस्तित्व को जानने के लिए पांच विषय हैं जिनका बोध ज्ञान इंद्रियों द्वारा होता है। समाधि अवस्था में इंद्रियों के शांत होने के साथ साथ मन भी निर्विचार स्थिति में होता है तो वहां जड़ जगत के बोध का अभाव होता है न कि जड़ जगत अस्तित्व हीन हो जाता है, समाधि अवस्था से जागृत में लौटने पर वही जड़ जगत वही शरीर एवं विश्व प्रपंच प्रत्यक्ष होता है। इंद्रियों से प्रत्यक्ष का बोध होता है और मन की जो अवधारणाएं हैं उसे परोक्ष कहा जाता है तथा समाधि का जो अनुभव है वह अपरोक्ष है अथवा स्वयं प्रत्यक्ष है। इस प्रकार से दृष्टा और दृश्य के भेद को सहज समझा जा सकता है।
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