वैसे तो 1950-60 का दशक हिंदी फ़िल्मी गीतों का सुवर्ण काल माना जाता है. एक से एक सदाबहार गीत इसी काल में बने. एक से एक बेहतरीन फ़िल्में बनीं. उस दौरान ढेर सारी B ग्रेड फ़िल्में भी बनीं. मगर ये भी सच है कि उन B ग्रेड फिल्मों का संगीत कई A ग्रेड फिल्मों के गीतों से भी मधुर और लोकप्रिय हुआ करता था. रमेश सिप्पी जी के पिता GP सिप्पी साहब की “Black Cat” (1959) को एक ऐसी ही फिल्म कह सकते हैं. उस दौर की एक सुंदर अभिनेत्री मीनू मुमताज़, जिसे हमेशा सह-अभिनेत्री की भूमिकाएं ही मिलीं, उसे Black Cat में बलराज साहनी जैसे दिग्गज कलाकार के साथ बतौर हीरोइन पेश करके सिप्पी साहब ने अवश्य कुछ न्याय करने की कोशिश की. (मीनू मुमताज़, हिंदी के शीर्ष कॉमेडियन महमूद जी कि बहन थीं.) इस फिल्म का लता दीदी द्वारा गाया एक गीत “मैं तुम्ही से पूछती हूँ, मुझे तुमसे प्यार क्यों है ..” बहुत ही लोकप्रिय हुआ था. गीतकार हैं जां निसार अख्तर और संगीत दिया है N दत्ता साहब ने. आप लोग तुरंत सोचने लगेंगे कि ये N दत्ता कौन है ? पर जब मैं आपको ये बताऊंगा कि B R चोप्रा की “धूल का फूल” (1959) के गीत “तेरे प्यार का आसरा चाहता हूँ..” “तू हिन्दू बनेगा न मुसलमान बनेगा, इंसान की औलाद है इंसान बनेगा” इ. सारे गीत N दत्ता जी ने रचे थे तो आप तुरंत N दत्ता से कनेक्ट हो जाएंगे. B R चोप्रा जी की “साधना” (1958) की साहिर जी द्वारा लिखित वो क्रांतिकारी नज़्म “औरत ने जनम दिया मर्दों को, मर्दों ने उसे बाज़ार दिया” भी N दत्ता जी की ही एक अमर संगीत रचना है.
N दत्ता जी का शुमार उन संगीतकारों में था जिन्होंने कई सुमधुर और लोकप्रिय गीत रचे मगर अक्सर गुमनामी की छांव में ही रहे. गोवा के छोटे से कसबे में पले बढे दत्ता साहब का नाम था दत्ता नाइक. तब के बम्बई के आधे से ज्यादा फ़िल्मी सितारों कि तरह दत्ता जी भी अपने संगीत के हुनर को पंख देने के लिए कम उम्र में भाग कर बम्बई आ गए. ऑर्केस्ट्रा वगैरे में रोड साइड में संगीत के कार्यक्रम किया करते थे. ऐसी ही एक जगह पर महारथी सचिन देव बर्मन जी ने उन्हें देखा, सुना और साथ ले आए. उस के बाद वो कई साल तक उनके असिस्टेंट रहे. फिर बाद में स्वतंत्र रूप से संगीतकार के रूप में काम करने लगे.
B R चोप्रा जी ने “साधना” के लिए पहले जयदेव जी को साइन किया था. मगर यश चोप्रा जी ने उस वक़्त बन रही “Black Cat” का लता जी का गीत “मैं तुम्ही से पूछती हूँ ..” सुन लिया और तय हो गया कि “साधना” के संगीतकार N दत्ता होंगे. कम उम्र में ही हार्ट अटैक झेलने के बाद N दत्ता के कैरियर पर बहुत असर पड़ा. वर्ना B R चोप्रा जी शायद उन्हें छोड़ कर संगीतकार रवि से नाता नहीं जोड़ते.
N दत्ता जी ने मराठी फिल्मों में ज्यादा काम नहीं किया. मगर 1977 की “बाळा गाऊ कशी अंगाई” फिल्म की सुमन कल्याणपूर द्वारा गाई गई मशहूर लोरी “निंबोणीच्या झाडा मागे चंद्र झोपला गं बाई” की लोकप्रियता ने उनका नाम मराठी में भी अमर कर दिया.
वैसे तो “मैं तुम्ही से पूछती हूँ, मुझे तुमसे प्यार क्यों है ..” को एक युगल गीत कहा जाता है. मगर इस में रफ़ी जी की Prelude में केवल दो ही पंक्तियाँ हैं. वो मैंने track में डाल दीं हैं. अगर किसी को युगल गीत गाने कि ज़रुरत हो तो बिना रफ़ी जी की आवाज़ वाले track के लिए मुझसे
whatsapp no. 7447264472 पर संपर्क कर सकते हैं.
Негізгі бет Main Tumhi Se Poochhti Hun-With Rafi Voice-Karaoke
Пікірлер: 16