इस वीडियो में एक गांव की गोरी अपने पिया के घर आंगन में आने पर अपने जो भाव व्यक्त कर रही है वो भाव बुंदू खान साहब ने अपने संगीत स्वरों शानदार तालमेल से इस मंगल गीत को गाकर व्यक्त किए हैं जिसमें नगाड़ा वादन के माध्यम से दीपचंदी ताल 14 मात्रा बजाई गई है .....
(दीपचंदी ताल 14 मात्रा के बोल)
धा धी न धा धा धि न ता ति न धा धा धि न
इस साल में पहली चौथी और 11वीं मात्रा पर ताली बजाई जाती है एवं आठवीं मात्रा पर खाली बजाई जाती है
Негізгі бет मनीष देवली (बुंदू खान साहब की शानदार एवं सुरीली आवाज में ऎ री सखी मंगल गाओ री मंगल गीत सुनिए)
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