Suvarna Prashan (shown in video) -
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Suvarna Prashan with GOLD -
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मन्त्रौषधि सुवर्ण - प्राशनम्
Message by Sanskriti Aarya Gurukulam, we received with above product -
यह सुवर्णप्राशन मंत्रो के साथ शास्त्रीय द्रव्यो से बनाया है । मंत्रौषधि सुवर्णप्राशन संस्कार के नित्यसेवन के लाभ । ५० साल से अविरत सेवा * बालक की मेघाशक्ति बढती है , बालक की रोग प्रतिकारक शक्ति बढ़ती है । * बालक का शरीर वातावरण में हो रहे बदलावके सामने लड़ सकता है । मात्रा : रोज सुबह खाली पेट ३ से ५ बूंद अथवा आयु अनुसार सेवन करे ।
मन्त्रौषधि अमृतप्राशनम् बालको के बहुत सारे रोगो का कारण शरीर मे जमा हुए विष द्रव्य होते है । जीसको Toxins कहा जाता है । ऐसे Toxins को दूर करने के लिए , प्राकृतिक रूप से निकालने के लिए आयुर्वेद मे विषध्न द्रव्य बताए गए है । जैसे पंचगव्य घृत , हिंग , इत्यादि । २५ वर्ष के अविरत संशोधन के बाद ये अमूल्य औषध बनाया गया है । ये अमृत तुल्य होने से इसका नाम अमृत प्राशन है ।
TRAADE ( GMP ) : HIGIENE लाभ :
( १ ) शरीर के विष द्रव्यो को निकालता है , शरीर को हलका कर स्वस्थ करता है ।
( २ ) भविष्य मे होनेवाली घातक बिमारीयो से बचाता है और स्वस्थ बालक को स्वस्थ रखता है ।
( ३ ) कोइ भी अन्टीबायोटीक या वेक्सीन दिये गये हो , उसके दुष्प्रभाव से बचाता है , यह सौ प्रथम आयुर्वेदिक Detoxify करने वाला अदभूत औषध है ।
मात्रा : रोज शाम को ३ से ५ बूंद अथवा आयु अनुसार सेवन करे । बालको को अधिक स्वस्थ और रोग मुक्त रखने के लिए सुबह सुवर्ण प्राशन तथा दोपहर को बाल रक्षामृत और शाम को मंत्रौषधि अमृत प्राशनम् का नियमित प्रयोग करे ।
बाल रक्षामृत - आयुर्वेदिक ग्राइप वोटर ( Liquid ) बाल रक्षामृत मे शतपुष्पा , जीरक , अजवाइन , बाल जैसी आयुर्वेदिक औषधियों का शास्त्रीय मिश्रण है ।
लाभ :
( १ ) बाल रक्षामृत के नियमित सेवन से पेट का कष्ट , दु : खना , चिडचिडापन , कृमि ( पेट के कीडे ) , अतिसार , अपचन , दांत निकलते समय होने वाला कष्ट , दुःखना सभी में राहत मिलती है । उपयोग : जन्म के दस दिन बाद से लेकर १६ साल तक उपयोग कर सकते है ।
मात्रा : सुबह - दोपहर - शाम १-१-१ चम्मच गुनगुने पानी के साथ सेवन करे ।
Негізгі бет मन्त्रौषधि सुवर्ण प्राशनम /Suvarna Prashan (Aayurvedic)
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