EP 219
उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले में बिहार की सीमा से सटा थाना भांवरकोल का गांव फखनपुरा के रहने वाले फौजी के तीन बेटे, जिनमें सबसे बड़ा युसूफ खान मुम्बई में टेक्सी चलाकर परिवार चलाता था, जबकि इम्तियाज खान और इश्तियाक खान आर्मी में नायक और ग्रेनिडियर की पोस्ट पर तैनात थे। इश्तियाक खान 1999 के कारगिल के युद्ध में शहीद हो गए थे, लेकिन इम्तियाज खान ने सेना से रिटायर होने के बाद झारंखड बतौर सिपाही के पद पर तैनाती पाई और आज भी नौकरी कर रहे हैं। इनकी तीन बेटियां और दो बेटे हैं। बड़ा बेटा इंतजार खान उर्फ बुलैट आर्मी में कलर्क है, जिसकी तैनाती उत्तराखंड में है, जबकि छोटा बेटा इश्तिखार खान अभी पढ़ाई कर रहा है। इंतजार खान और मउ सीओ सिटी धनंजय कुमार मिश्र से बातचीत के आधार पर मार्मिक कहानी, 4 साल के बालक ने किस से मौत को हराकर आर्मी में तैनाती पाई।
आर्मीमैन की कहानी उस्मान सैफी की जुबानी।
Негізгі бет Mau CO City Dhananjay Mishra narrated the story of the nephew of the martyr soldier in Kargil war
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