وہی آولے ہے وہی جلن،
کوئی سوز دِل مے کمی نہیں!
جو لگا کے آغ گئے ہو تم،
وہ لگی ہوئی ہے بُجھی نہیں!
Ya Rahmat * Haq Rahmat
मौला रहमत अली शाह साहब
की सुनहरी यादें।
वही आवले है वही जलन,
कोई सोज़ दिल में कमी नही।
जो लगा के आग गए हो तुम,
वो लगी हुई है बुझी नही।
Негізгі бет मौला रहमत अली शाह साहब की सुनहरी यादें। सरकार सय्यद मौला रहमत अली शाह
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