स्वामी नितानन्द दयाल जी महाराज की दया
★ Sabad Lyrics :: शब्द के बोल :★
मिल बिछड़न की पीर री हेली ,
मिल बिछडै सोई लखै हर से बिछड़ी
आत्मा री हेली , जग में धरो शरीर ।। टेक ।।
बोरी हो डोरी लगी री हेली ,पिछली बात संभाल ।
हम से किस विध बिछड़े री हेली,वह हर दीनदयाल ।१।।
अब हम अपने बस नहीं री हेली ,फिरैं जगत बन माहिं ।
साध संदेशा दे गये री हेली, समझ समझ पछताहिं ।।२।।
जा दिन से हर बिछड़े री हेली, तन मन धरै न धीर ।
हमरी गत एसी भई री हेली, ज्यों मछली बिन नीर ।।३।।
विसर गई हम देह को री हेली ,लाग्या उनमन ध्यान ।
तन जग में मन पीव में री हेली,छिन इत छिन उत प्रान । स्वामी गुमानी एक है री हेली, मन मन्दर के माहिं ।
नितानन्द की गह लई री हेली ,आप निरंजन बाहिं ।।५।।
Jatela dham official
सन्त श्री महन्त स्वामी राजेन्द्र दास जी महाराज की दया
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🙏🙏सत साहेब जी🙏🙏
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