#जितियाव्रतकथा #jitiya #jitiya2024 #jitiya vrat #jitiya festival #mithila #mithilaculture #jitiya puja #hindu #hindufestival #bratkatha #brat #bhakti #devotional #mithilabhakti #bhaktisong #hindukatha #maithili #mithilavrat #puja #mithilavratkatha #bhaktikatha #hinduism #festivalofindia #indiantradition #jitiya story #hindustories #mithila ke jitiya #jeevitputrika #jeevitputrikavrat #jitiya mythological #hindu mythological #spirituality #indianspirituality #jitiya2024katha #mithilakemahan #bhagwanji #hinduupvaas #vratkatha2024 #hindureligion #tradition #mithilatradition #vrat #indianfestival #spiritual #vratkathayt #hinduupvaaskatha #indianmythology #maithilitradition #jitiyavrat
(मिथिला का महापर्व)
जितिया व्रत, जिसे जीवित्पुत्रिका व्रत भी कहा जाता है, विशेष रूप से बिहार, उत्तर प्रदेश, और मिथिला क्षेत्र की माताओं द्वारा अपने बच्चों की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए रखा जाता है। यह व्रत आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रखा जाता है।
*व्रत की महत्ता*
जितिया व्रत में माताएं बिना जल और अन्न ग्रहण किए व्रत करती हैं। यह व्रत माँ के अपने बच्चों के प्रति असीम प्रेम, त्याग और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना का प्रतीक है। यह माना जाता है कि इस व्रत को रखने से संतान दीर्घायु, स्वस्थ और सुखी रहती है।
*जितिया व्रत की कथा*
कथा के अनुसार, एक बार गंधर्वराज जीमूतवाहन को स्वप्न में नागराज की पुकार सुनाई दी। नागराज ने बताया कि गरुड़ उन्हें खाने के लिए आ रहे हैं। जीमूतवाहन ने नागराज की रक्षा करने का निर्णय लिया और स्वयं गरुड़ के समक्ष प्रस्तुत हो गए। गरुड़ ने जब देखा कि जीमूतवाहन ने नागराज की रक्षा के लिए अपना जीवन अर्पित कर दिया है, तो वे अत्यंत प्रसन्न हुए और उन्होंने जीमूतवाहन को जीवनदान दिया। साथ ही, यह वचन भी दिया कि वे अब कभी नागों का शिकार नहीं करेंगे। इस तरह, जीमूतवाहन ने अपने त्याग और बलिदान से नागों और अन्य प्राणियों की रक्षा की। इसी त्याग और बलिदान के प्रतीक रूप में जितिया व्रत का पालन किया जाता है।
*व्रत की विधि*
जितिया व्रत के दिन माताएं निर्जला उपवास रखती हैं और व्रत कथा का श्रवण करती हैं। व्रत की पूर्व संध्या पर 'नहाय-खाय' की प्रक्रिया होती है, जिसमें महिलाएं स्नान कर शुद्ध होकर भोजन करती हैं। व्रत के दिन, वे व्रत कथा सुनती हैं और भगवान जीमूतवाहन की पूजा करती हैं। अगले दिन व्रत का पारण किया जाता है, जिसमें महिलाएं फल-फूल और प्रसाद ग्रहण करती हैं।
*व्रत का फल*
जितिया व्रत रखने वाली माताओं का विश्वास है कि इस व्रत से उनकी संतान की लंबी उम्र, स्वास्थ्य और समृद्धि प्राप्त होती है।
Негізгі бет मिथिला का महापर्व: जितिया व्रत कथा | Jitiya Brat Katha | Mithila Ke Mahan Jitiya Brat
Пікірлер: 2