मित्र बनो तो कृष्ण की तरह #sadhanapath #anshika #live #katha 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
कृष्ण, भारतीय इतिहास और पौराणिक कथाओं के एक अद्वितीय चरित्र हैं। उनकी मित्रता का रूप एक आदर्श की तरह देखा जाता है। कृष्ण की मित्रता ऐसी है, जो केवल शब्दों या वचनों तक सीमित नहीं रहती, बल्कि जीवन की हर परिस्थिति में, हर रूप में अपने मित्र का साथ निभाने वाली होती है। चाहे वह सुदामा का गरीब मित्र हो, जो अपने बचपन के मित्र को भूले बिना उसकी मदद करता है, या अर्जुन का सारथी, जो युद्ध के मैदान में सबसे कठिन क्षणों में भी उसका मार्गदर्शन करता है।
कृष्ण की मित्रता की विशेषता यह है कि वह स्वार्थ से परे होती है। उन्होंने हर संबंध में अपने मित्र के हित को सर्वोपरि रखा। उनका दृष्टिकोण यह था कि सच्चा मित्र वही है, जो बिना किसी अपेक्षा के, बिना किसी शर्त के, अपने मित्र के साथ खड़ा रहे। सुदामा के साथ उनका संबंध दर्शाता है कि मित्रता में धन-दौलत या सामाजिक स्थिति का कोई महत्व नहीं है, बल्कि भावनाओं और स्नेह का महत्व होता है।
कृष्ण केवल संकट में ही अपने मित्रों का साथ नहीं देते, बल्कि जीवन के हर पहलू में उनकी सहायता करते हैं। महाभारत के युद्ध के दौरान, उन्होंने अर्जुन को न केवल युद्ध की रणनीति सिखाई, बल्कि उसे जीवन के गहरे दर्शन भी समझाए। उन्होंने अपने मित्र को सिखाया कि कैसे धर्म, कर्म, और नैतिकता का पालन करते हुए जीवन जीना चाहिए।
कृष्ण की मित्रता एक प्रेरणा है। आज के समय में भी, जब हम स्वार्थ और लाभ को प्राथमिकता देते हैं, कृष्ण की मित्रता हमें सिखाती है कि सच्ची मित्रता निस्वार्थ होती है। उनके जैसे मित्र बनने का अर्थ है, हर परिस्थिति में अपने मित्र का हाथ थामे रखना, उसे सही राह दिखाना, और उसकी खुशी को अपनी खुशी समझना।🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏#sadhanapath
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