मुद मंगलमय संत समाजू , जो जग जंगम तीरथराजू । बिनु सतसंग बिबेक न होई। राम कृपा बिनु सुलभ न सोई॥ सतसंगत मुद मंगल मूला। सोई फल सिधि सब साधन फूला॥ भावार्थ:- सत्संग के बिना मनुष्य का विवेक जाग्रत नहीं होता और सत्संग श्री राम जी की कृपा के बिना नहीं मिलता है। संतों की संगति आनंद और कल्याण का मुख्य मार्ग है, संतों की संगति ही परम-सिद्धि का फल है और सभी साधन तो फूल के समान है।
@UrmilaBishnoi-ww6hi
3 ай бұрын
🙏🙏
@11.suhanidiwan66
6 ай бұрын
🙏
@nishajain1460
7 ай бұрын
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@Digitalbusiness355
6 ай бұрын
Namaste 🙏 guruji mera question aap se ye he logo se baat karne ke liye kiya kare yani ki new logo se baat karne ki saram ko kese dur kare Bhid ke samne bolne ke liye ho ya Or bhi kahi jagah par guruji me ek motivation speekar man banna chahta hu guruji
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