ख़बर है कि पोल्ट्री उद्योग को सस्ते भाव में सोयाबीन अपलब्ध कराने के मक़सद से सरकार 15 लाख मेट्रिक tonne सोयाबीन आयात करने की अनुमति दे सकती है, इस आयात से सोयाबीन के किसानों पर क्या असर पड़ेगा, उनकी क्या प्रतिक्रिया है, संतुलन कैसे बैठाया जाए?
'Soya state' कहलाये जाने वाले राज्य MP के लिए क्या हैं चुनौतियाँ?
साथ ही, भारी वर्षा के बीच सरकार ने मूँग के किसानों की दाल की ख़रीदी फिर से शुरू करने का एलान किया है, कोटा पिछली बार से ज़्यादा बढ़ा भी दिया है, इस फ़ैसले से मूँग के किसानों में ख़ुशी की लहर है या दाल की ख़रीदी में कुछ काला है?
समझते हैं, किसानों की 'मन की बात', हिंद किसान पर मध्य प्रदेश से किसान नेता केदार सिरोही के साथ।
Негізгі бет MP: मूँग, सोयाबीन के किसानों के ज़मीनी हालात
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