सरकार ने किसान आंदोलन के बीच रबी मार्केटिंग सीज़न 2022-23 के लिए फसलों की MSP का एलान किया है, सरकार फसलों के भाव में 2%- 8.6% तक वृद्धि का दावा कर अपनी पीठ थपथपा रही है तो वहीं किसान नेता और एक्स्पर्ट्स इसे भ्रामक बता रहे हैं।
उनके मुताबिक़ अगर महंगाई को जोड़ दिया जाए तो ये वृद्धि ना के बराबर है,
गेहूँ में कवल 40 RS/Q की वृद्धि के पीछे सरकार का किसानों को क्या कोई छुपा संदेश है?
साथ ही कृषि क़ानून पर Supreme कोर्ट द्वारा गठित कमिटी के सदस्य और किसान नेता अनिल घनवत ने CJI को लिखी चिट्ठी, कहा committee की रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए।
क्या टाइमिंग ख़ास है, इससे किसान और सरकार के बीच जारी गतिरोध में कोई फ़र्क़ पड़ेगा?
सुनिए हिंद किसान की ये ख़ास बातचीत, खेती किसानी के मामलों से जुड़े वरिष्ठ पत्रकार Harvir Singh जी के साथ।
Негізгі бет MSP का खेल निराला, क्या है कुछ काला?
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