जो टट्टू जीते संग्राम, तो क्यों खरचैं तुरकी दाम : यदि छोटे आदमियों से काम चल जाता तो बड़े लोगों को कौन पूछता.
अपनी गली में कुत्ता भी शेर होता है
- अपने घर में आदमी शक्तिशाली होता है।
आदमी-आदमी में अंतर कोई हीरा कोई कंकर
- व्यक्तियों के स्वभाव तथा गुण भिन्न-भिन्न होते हैं।
आदमी जाने बसे सोना जाने कसे
- आदमी की पहचान नजदीकी से और सोने की पहचान सोना कसौटी से होती है।
कमान से निकला तीर और मुँह से निकली बात वापस नहीं आती
- सोच-समझकर ही बात करनी चाहिए।
जैसे को तैसा मिले, मिले डोम को डोम,
दाता को दाता मिले, मिले सूम को सूम :
जो व्यक्ति जैसा होता है उसे जीवन में वैसे ही लोगों से पाला पड़ता है।
जो अति आतप व्याकुल होई, तरु छाया सुख जाने सोई : जिस व्यक्ति पर जितनी अधिक विपत्ति पड़ी रहती है उतना ही अधिक वह सुख का आनंद पाता है।
Негізгі бет मुहावरे और लोकोक्तियाँ
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