नागार्जुन हिंदी के प्रख्यात प्रगतिशील कवि और कथाकार हैं. हिंदी, मैथिली, संस्कृत और बांग्ला भाषा में उन्होंने कविताएं लिखीं. अपनी मातृभाषा मैथिली में उन्होंने 'यात्री' उपनाम से लेखन किया. वो हिंदी के बड़े यायावर कवियों में एक थे. नागार्जुन ने राजनीति और जनता के संघर्षों में सक्रिय भागीदारी की और रचनात्मक तरीके से जनता की आवाज़ बने. बीती 30 जून को उनका जन्मदिन था. आज तक रेडियो के इस पॉडकास्ट में अंजुम शर्मा बता रहे हैं, कैसे थे नागार्जुन की कविताओं के तेवर. 'नामी गिरामी' में ऐसे ही कई नामचीन हस्तियों की कहानी सुनने के लिए क्लिक करें: bit.ly/3e4yxJw
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Негізгі бет नागार्जुन: कवि जिसने इंदिरा-नेहरू की तारीफ़ भी की, और बख़्शा भी नहीं | Baba Nagarjun
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