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नारायण कवच के श्रवण व धारण करने से समस्त प्रकार के भय से मुक्त हो जाते हैं ।चाहे शत्रु का भय हो ,चोर- डाकू अथवा हिंसक पशुओं का भय हो वह भी सर्वथा निर्भय हो जाता है।
नारायण कवच का वर्णन श्रीमद्भागवत के छठवें स्कंध के आठवें अध्याय में वर्णित है।
केवल व्हाट्सएप पर संपर्क करें 9837009946
कृपया कोई फोन नहीं करें।
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नारायण कवच धारण का कारण बताना आवश्यक है। 🚩🚩
जय श्री राधे
सबसे पहले तो यह स्पष्ट कर दूं कि नारायण कवच कोई व्यवसाय अथवा धंधे की विषय वस्तु नही है अपितु यह पूर्ण रूप से शास्त्र सम्मत प्राण रक्षा का अमोघ उपाय है। अतः छोटी मोटी समस्या हो तो अनावश्यक धन खर्च मत कीजिए क्योंकि समग्र विश्व में केवल मात्र नारायण कवच का निर्माण स्थल यही निकुंजधाम चरण पीठ (कनखल, हरिद्वार)है, जहां स्वयंभू बांकेबिहारीजी का बायां चरण प्रकट है और उसी चरण सान्निध्य में बैठकर पूर्णतः वैदिक ब्राह्मणों के द्वारा शुद्ध भोजपत्र पर समस्त श्लोक लिखकर और शुद्ध 5ग्राम चांदी के आवरण पर इसे प्रेषित किया जाता है। जातक के नाम गोत्र से पहले संकल्प करके यज्ञ में आहुति प्रदान की जाती है तत्पश्चात् यज्ञ के भभूत से अभिमंत्रित करते हुए कवच को लाल धागे में बांधा जाता है, तदोपरांत किसी भी दशा में (सूतक~पातक में) यह अशुद्ध न हो ,इसके लिए अग्निसार क्रिया (मोम का आवरण) के द्वारा पुनः अभिमंत्रित किया जाता है । और यह पूरी प्रक्रिया आपको पहले मोबाइल पर दिखाया जाएगा जिससे आप स्वयं भी अपने जातक का नाम,पिता का नाम और गोत्र आदि चैक कर सकें।जब सब कुछ पूर्ण रूप से सटीक होता है तभी आपको कोरियर से भेजा जाता है। यही कारण है कि आपको निःशुल्क भेजना संभव नही है। इसीलिए जब प्राण अत्यधिक संकट में हो तब प्राण के समक्ष रुपए का क्या मोल होता है? प्राण बचेंगे तभी धन उपार्जन कर सकेंगे,इसीलिए बिना टोक लगाए ,बिना तर्क वितर्क किए जो श्रद्धापूर्वक धारण करते हैं तत्काल उसका लाभ प्राप्त होता है। स्वयं शुकदेवजी भागवत के छठवें स्कंध के 8वें अध्याय के 36वें श्लोक में कह रहे हैं। धारण करने वाला यदि अपने पांव से भी किसी को स्पर्श करदे तो वह भी भय मुक्त हो जाता है।
पदा वा संस्प्रिशेत् सद्य: साध्वसात् स विमुच्यते।
कवच धारण करने का प्रमुख कारण क्या है अथवा जो धारण करने जा रहे हैं उन्हें क्या क्या कष्ट है उसका विवरण पहले बताना अति आवश्यक है , तभी कवच देने पर विचार किया जाता है। कवच केवल मात्र मूल्य देने से ही किसी को नहीं दिया जाता। अपितु जिसको अत्यावश्यक हो केवल उसी को दिया जाता है।
अतः आप जातक का क्या कष्ट है अथवा प्राण संकट किस प्रकार से है यह मुझे लिखकर भेज दीजिए तभी कवच देने पर विचार किया जाता है।यदि किसी को अत्यधिक आवश्यक हो किंतु धन का अभाव है तो वह नामजप का आश्रय भी ले सकता है।जो कार्य कवच करेगा वही कार्य नाममंत्र भी करता है।बस इसमें केवल आपको जपना होता है चलते फिरते।जय राधे।।🙏🙏
Негізгі бет नारायण कवच सम्पूर्ण विधि सहित Narayan Kavach by HariNam Das ChandraSagarJi Maharaj
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