What he is saying covering face by ghungat is ok but not by burka?
@tanmay6207
3 жыл бұрын
@Colten Jordy shut up bakwas scam
@जयभारत-च4श
3 жыл бұрын
घूंघट भारतीय सभ्यता नहीं इस्लामिक सभ्यता है और हिंदुओं पर मुसलमानों की गुलामी का प्रतीक है जोकि पूर्णतः प्रतिबंधित की जानी चाहिए। लेकिन मुझ मूर्ख को लगता है कि इस लड़की का पर्दा से तात्पर्य घूंघट कुप्रथा से है जोकि महिलाओं द्वारा अपना चेहरा ढंकने के लिए व्यवहार में लाया जाता है लेकिन पूज्य शंकराचार्य जी ने इसका अर्थ वस्त्र के प्रत्येक आवरण के रूप में ले लिया जोकि शरीर के किसी भी अंग को ढंकने के लिए प्रयुक्त किया जाता है।
@user-ry1nw8zh3p
3 жыл бұрын
वाह पूरा साहित्य का निचोड़ के रख दिया गुरू जी ने अति उत्तम
@भवशङ्करदेशिकमेशरणम्
4 жыл бұрын
*_"स्वास्थ्य और शील दोनों की रक्षा और सौंदर्य की अभिव्यक्ति के लिए परदा आवश्यक है"_* *_अमृतवचन_* *_श्रीचरणों में बारम्बार प्रणाम_*
@जयभारत-च4श
3 жыл бұрын
घूंघट भारतीय सभ्यता नहीं इस्लामिक सभ्यता है और हिंदुओं पर मुसलमानों की गुलामी का प्रतीक है लेकिन मुझ मूर्ख को लगता है कि इस लड़की का पर्दा से तात्पर्य घूंघट कुप्रथा से है जोकि महिलाओं द्वारा अपना चेहरा ढंकने के लिए व्यवहार में लाया जाता है लेकिन पूज्य शंकराचार्य जी ने इसका अर्थ वस्त्र के प्रत्येक आवरण के रूप में ले लिया जोकि शरीर के किसी भी अंग को ढंकने के लिए प्रयुक्त किया जाता है।
@shantanupandey7542
Жыл бұрын
@@जयभारत-च4शapna muh band kar suwar
@ਵੈਲੀਤਰਖਾਨਸੱਚਾਹਿੰਦੂ
2 ай бұрын
@@जयभारत-च4शSabse pahili baat tu Sanatan ke baat kyon kar rhe hai agar shah rukh Khan muslamano ka fan hai aur tu Hindu muslim bhaichara ko mante hai? Hindu muslim bhai bhai kehne wala aur bollywood dekhne wala kabhi Dharm Gyan nhi de sakda
@जयभारत-च4श
2 ай бұрын
@@ਵੈਲੀਤਰਖਾਨਸੱਚਾਹਿੰਦੂ तो उस मुल्ले शाहरुख खान और वह गंदी नाली Bollywood इसमें कहाँ से आ गया ❓🤔🙄
@advaitdarshan18
3 жыл бұрын
गुरुदेव शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती जी के चरणो मे अनन्त बार प्रणाम गुरुदेव शंकराचार्य जी आपका कोटि कोटि बार धन्यवाद कृष्ण हरि योगेश्वर दामोदर वासुदेव हर राम शिव अच्युत महादेव माधव नारायण गोविंद जगन्नाथ केशव मधुसूदन विष्णु मुरारी हर हर महादेव हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे । हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे ।।
@Poorva-Threya
3 жыл бұрын
This is North Indian Swamiji. In South only after husband is dead women were supposed to cover their head. Not kanya or married women.
@जयभारत-च4श
3 жыл бұрын
घूंघट भारतीय सभ्यता नहीं इस्लामिक सभ्यता है और हिंदुओं पर मुसलमानों की गुलामी का प्रतीक है जोकि पूर्णतः प्रतिबंधित की जानी चाहिए लेकिन मुझ मूर्ख को लगता है कि इस लड़की का पर्दा से तात्पर्य घूंघट कुप्रथा से है जोकि महिलाओं द्वारा अपना चेहरा ढंकने के लिए व्यवहार में लाया जाता है लेकिन पूज्य शंकराचार्य जी ने इसका अर्थ वस्त्र के प्रत्येक आवरण के रूप में ले लिया जोकि शरीर के किसी भी अंग को ढंकने के लिए प्रयुक्त किया जाता है।
@prasannabiju4586
Жыл бұрын
he is puri peethadeeshwar. also the reason for young women not wearing ghoongat in south is climatic conditions.
@rudraadityamandal6126
10 ай бұрын
@@जयभारत-च4शBar bar ak hi cheez type mat karo...
@rudraadityamandal6126
10 ай бұрын
Dekho yee shastra sammat hain..aur shastra hi param praman hain...agar kahi nehi ho rahi hain to wo shastra viruddha hain aur andha parampara hain...waha lagu karni chahiye
@harshitsingh12977
10 ай бұрын
@@जयभारत-च4श CHUP KR CHOMU.. TU SHANKRACHARYA JI SE JYADA JANTA HAI? PARDA PRATHA PROTECTS WOMEN
@manujadon2762
6 жыл бұрын
apki jai ho guruvar.jai shri krishna.
@sryaduvanshi8808
Жыл бұрын
Pardah m ku nhi ho tum
@advaitdarshan18
3 жыл бұрын
प्रणाम गुरुदेव शंकराचार्य जी आपकी जय हो हर हर महादेव हरे कृष्ण हरे राम
@nb1318
2 жыл бұрын
Excellent information 👌👌
@chandrashekharholla787
Жыл бұрын
Wonderful. Very good explanation. Thanks. Respectful pranaamas.
@nibirananda9381
4 жыл бұрын
Excellent use of metaphors and analogies to elucidate the topic. 🙏
@जयभारत-च4श
3 жыл бұрын
घूंघट भारतीय सभ्यता नहीं इस्लामिक सभ्यता है और हिंदुओं पर मुसलमानों की गुलामी का प्रतीक है जोकि पूर्णतः प्रतिबंधित की जानी चाहिए। लेकिन मुझ मूर्ख को लगता है कि इस लड़की का पर्दा से तात्पर्य घूंघट कुप्रथा से है जोकि महिलाओं द्वारा अपना चेहरा ढंकने के लिए व्यवहार में लाया जाता है लेकिन पूज्य शंकराचार्य जी ने इसका अर्थ वस्त्र के प्रत्येक आवरण के रूप में ले लिया जोकि शरीर के किसी भी अंग को ढंकने के लिए प्रयुक्त किया जाता है।
@namithewitch7639
4 жыл бұрын
This is absolutely sad! I did not expect this answer from him. Purdah is a Islamic concept. Also covering faces is under the domain of Rahu. Don't fool people into following Asura Dharma. Jyotish is the key to all Shastras. Hinduism never was a conservative society.
@joshiji561
3 жыл бұрын
Yeah, hindusism is so much liberal that it even allows people to roam naked on streets Seriously , domain of rahu , ???? Jyotish??????
@जयभारत-च4श
3 жыл бұрын
घूंघट भारतीय सभ्यता नहीं इस्लामिक सभ्यता है और हिंदुओं पर मुसलमानों की गुलामी का प्रतीक है लेकिन मुझ मूर्ख को लगता है कि इस लड़की का पर्दा से तात्पर्य घूंघट कुप्रथा से है जोकि महिलाओं द्वारा अपना चेहरा ढंकने के लिए व्यवहार में लाया जाता है लेकिन पूज्य शंकराचार्य जी ने इसका अर्थ वस्त्र के प्रत्येक आवरण के रूप में ले लिया जोकि शरीर के किसी भी अंग को ढंकने के लिए प्रयुक्त किया जाता है।
@prakharjain6232
3 жыл бұрын
Keep living in denial
@vedic_siddhanta5376
2 жыл бұрын
Yes it was not expected it's totally islamic practice
@laxendrachauhan8202
2 жыл бұрын
Ghunghat is north Indian custom , it is a regional custom , ghunghat isn't observed in South India.
@MragankBajpai
6 жыл бұрын
Kya baat hai! ati uttam........... Guruji ke charno mein sastang pranam.............Guruji ki jai ho............
@जयभारत-च4श
3 жыл бұрын
घूंघट भारतीय सभ्यता नहीं इस्लामिक सभ्यता है और हिंदुओं पर मुसलमानों की गुलामी का प्रतीक है जोकि पूर्णतः प्रतिबंधित की जानी चाहिए लेकिन मुझ मूर्ख को लगता है कि इस लड़की का पर्दा से तात्पर्य घूंघट कुप्रथा से है जोकि महिलाओं द्वारा अपना चेहरा ढंकने के लिए व्यवहार में लाया जाता है लेकिन पूज्य शंकराचार्य जी ने इसका अर्थ वस्त्र के प्रत्येक आवरण के रूप में ले लिया जोकि शरीर के किसी भी अंग को ढंकने के लिए प्रयुक्त किया जाता है।
@harshitsingh12977
10 ай бұрын
@@जयभारत-च4श SOURCE?
@advaitdarshan18
4 жыл бұрын
प्रणाम गुरुदेव शंकराचार्य जी हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे । हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे ।।
@advaitdarshan18
4 жыл бұрын
गुरु जी आपने मेरे विचारो को अच्छा किया है हर हर महादेव
@जयभारत-च4श
3 жыл бұрын
घूंघट भारतीय सभ्यता नहीं इस्लामिक सभ्यता है और हिंदुओं पर मुसलमानों की गुलामी का प्रतीक है लेकिन मुझ मूर्ख को लगता है कि इस लड़की का पर्दा से तात्पर्य घूंघट कुप्रथा से है जोकि महिलाओं द्वारा केवल अपना चेहरा ढंकने के लिए व्यवहार में लाया जाता है लेकिन पूज्य शंकराचार्य जी ने इसका अर्थ वस्त्र के प्रत्येक आवरण के रूप में ले लिया जोकि शरीर के किसी भी अंग को ढंकने के लिए प्रयुक्त किया जाता है।
@daivagya-7424
2 жыл бұрын
@@जयभारत-च4श tu shankaracharya ko bevkoof samajhta hai kya , aur hame teri baat ki avashyakta nhi hai
@जयभारत-च4श
2 жыл бұрын
@@daivagya-7424 अरे मैंने तो अपने आपको ही मूर्ख बताया है। मेरी बात पढ़ तो लो। आदरणीय शंकराचार्य जी ने पर्दे का अर्थ शरीर के किसी भी अंग को ढंकने वाले वस्त्र के संदर्भ में ले लिया है जबकि प्रश्नकर्ता का पर्दे से तात्पर्य घूंघट कुप्रथा से लगता है जोकि केवल चेहरा ढंकने के लिए प्रयोग में लाया जाता है। कृपया क्षमा करें। यदि आपको मेरी किसी भी बात से ठेस पहुंची है।
@sarvesh704
6 жыл бұрын
Disagree with covering of head or face. It has not been mentioned in our scriptures. It is justified only in situations skmilar to Islamic rule where women were picked up and raped by Jiahdis.
@mahmudulhasan2922
5 жыл бұрын
Sarvesh Dev so you are new shankrachrya.
@PoonamVerma-pz5xt
4 жыл бұрын
@@mahmudulhasan2922 he is good human being who can respect for women.
@zerotobillionsinc9966
4 жыл бұрын
jagat'guru ne ghooghat etc ka virodh kiya hai...agar jaroorat nhi hai to naa karein....lekin ek baat aur samajh lijiye...ye jo bollywood aur deh ke pujari aajkal women fashion bana rahe hai na....in kapdo ko pehnkar keval deh ke pujari hi attract honge...koi samajhdar purush jo apne sharir ko acche se janta hai...use isse fark nhi padega... . Acchi baat hai ki koi sunder hai...magar...agar koi keval sundar hai aur apni deh ki numaish karke paise kama raha hai....to use paise bhi rapist minded people hi de rhe hain... . Aap mujhe december ki cold mein deep neck blouse aur backless dress ki koi practical use bata dein...dukh hota hai dekhkar ki kaise naari shakti in bollywood wali nachaniyon ke chakkar se bhatak kar deh ki numaish karne me lagi hui hai...itne uncomfortable aur impractical clothes ke picche padi hai jisse keval deh ke pujari attract hote hain Namaskaram!
@anuragtamta3109
3 жыл бұрын
@@zerotobillionsinc9966 *तब तो फिर इस्लाम धर्म ही सही है*
@anuragtamta3109
3 жыл бұрын
@@zerotobillionsinc9966 *तो क्या इस्लामिकि परदा प्रथा और अरब के कानून सही है*
@LuxSupreme
4 жыл бұрын
SwamiJi should see the ancient statues.....they do not have purdah at all.....it is a medieval concept.
@tanujsharma688
4 жыл бұрын
@ब्रह्म अस्त्र but covering face is not mendatory , or is it? if yes then give me the reference to the sholaka or mantra to shastra where it's written.
@nethisuman7516
4 жыл бұрын
You think you know more than him about iconography? Pardah was always part of Hindu society.
@LuxSupreme
4 жыл бұрын
@@nethisuman7516 maybe you should visit the ancient temples of India....including ajanta and ellora cave paintings.
@prasunsingh2691
4 жыл бұрын
@@LuxSupreme the massage of anjanta murtis are different from this topic ........ They represent the Private life of male and female for creation purpose....they showing the ultimate love...... You can stay nude in your bad room comfortable but you can not on the road
@hemantsharma6584
4 жыл бұрын
@@prasunsingh2691 I like ur rply
@jayatewari1272
3 жыл бұрын
गुरु जी आपको नमन, आपके अमृत वचनों को नमन।
@जयभारत-च4श
3 жыл бұрын
घूंघट भारतीय सभ्यता नहीं इस्लामिक सभ्यता है और हिंदुओं पर मुसलमानों की गुलामी का प्रतीक है लेकिन मुझ मूर्ख को लगता है कि इस लड़की का पर्दा से तात्पर्य घूंघट कुप्रथा से है जोकि महिलाओं द्वारा अपना चेहरा ढंकने के लिए व्यवहार में लाया जाता है लेकिन पूज्य शंकराचार्य जी ने इसका अर्थ वस्त्र के प्रत्येक आवरण के रूप में ले लिया जोकि शरीर के किसी भी अंग को ढंकने के लिए प्रयुक्त किया जाता है।
@ramesh6130
6 жыл бұрын
He bhagwan aapke Shri charno me koti koti pranam Satya vachan aapki kripa ham sabhi bhakton par bani rahe
@krishsharma7762
4 жыл бұрын
देखिए हिंदू धर्म में जो प्रथा है वह पर्दा प्रथा नहीं है अपितु का स्वास्थ और शेर की दृष्टि से उत्तम उत्तम है जहां तक मेरा मानना है कि बड़े हैं और लंबे घूंघट जहां पर बाध्यकारी है यह मुस्लिमों द्वारा भारतीयों पर किए गए अत्याचार के कारण इस प्रथा को भारी जोर मिलाएं और यह प्रथापा अधिकारी हो गई है
@जयभारत-च4श
3 жыл бұрын
घूंघट भारतीय सभ्यता नहीं इस्लामिक सभ्यता है और हिंदुओं पर मुसलमानों की गुलामी का प्रतीक है लेकिन मुझ मूर्ख को लगता है कि इस लड़की का पर्दा से तात्पर्य घूंघट कुप्रथा से है जोकि महिलाओं द्वारा अपना चेहरा ढंकने के लिए व्यवहार में लाया जाता है लेकिन पूज्य शंकराचार्य जी ने इसका अर्थ वस्त्र के प्रत्येक आवरण के रूप में ले लिया जोकि शरीर के किसी भी अंग को ढंकने के लिए प्रयुक्त किया जाता है।
@sunainamagotra8154
3 жыл бұрын
Guru ji ko koti koti pranam Guru ji aap sakshat Narayan hai
@AryanTripathi174
2 ай бұрын
Bhagwaan Shankaraachaary ji ke charno me bar baad dandwat pranam🙏🙏🙏
@subhasispanda5690
3 жыл бұрын
जय श्री गुरुदेव 🙏
@mspssc
6 жыл бұрын
Pranam guruji
@shwetasharma9518
5 жыл бұрын
Prenam guru ji saat saat name🙏🙏🙏🙏🙏🙏
@sarvottammishra3372
4 жыл бұрын
Why there are no such references for ghunghat in valmiki ramayan?
@जयभारत-च4श
3 жыл бұрын
parda pratha started in 12th century spreded in mugal period
@जयभारत-च4श
3 жыл бұрын
घूंघट भारतीय सभ्यता नहीं इस्लामिक सभ्यता है और हिंदुओं पर मुसलमानों की गुलामी का प्रतीक है लेकिन मुझ मूर्ख को लगता है कि इस लड़की का पर्दा से तात्पर्य घूंघट कुप्रथा से है जोकि महिलाओं द्वारा अपना चेहरा ढंकने के लिए व्यवहार में लाया जाता है लेकिन पूज्य शंकराचार्य जी ने इसका अर्थ वस्त्र के प्रत्येक आवरण के रूप में ले लिया जोकि शरीर के किसी भी अंग को ढंकने के लिए प्रयुक्त किया जाता है।
@chillboy6406
2 жыл бұрын
पहली बात तो ये की परदा प्रथा शास्त्रों में है और दूसरी बात एक बार ये video देख लो । अगर नही भी है तो भी होनी ही चाहिए परदा प्रथा की आवश्यकता है आज के समाज को जहां हर कोई अपने जिस्म का नंगा नाच दिखा रहा है। और इस video में गुरूदेव ने उपयोगिता बताई है की हीरे मोती जवाहरात को हमेशा तिजोरी में रखते है की नही क्योंकि वो अमूल्य है तो क्या हिन्दुओं की स्त्रियां हीरे जवाहरात से कम है क्या उनका मोल तो कोई कर ही नही सकता कितनी सम्मान की बात है हिंदू महिलाओं के लिए की उनका इतना सम्मान है की उन्हे हीरे मोती से भी ज्यादा मूल्यवान बताया गया है । इस्लाम इत्यादि पंथों में जो स्त्रियों में परदा प्रथा का विकृत रूप है वो हिन्दुओं से चोरी किया हुआ ही है और उनमें शील और स्वास्थ्य की रक्षा के लिए नही अपितु मुस्लिम स्त्रियों के ऊपर शासन करने के उद्देश्य से द्वेष वश इस व्यवस्था का पालन कराया जा रहा है परन्तु हिंदू महिलाओं में हीरे जवाहरात से भी मूल्यवान समझकर उनको सम्मान देकर परदा प्रथा का पालन होता है । आज हिंदू पुरुषो को ही नही अपितु महिलाओं को भी परदा प्रथा को लागू कराने के लिए संघर्ष करना चाहिए । क्योंकि उनके सौंदर्य का मोल तभी होगा जब वो खुला नही होकर परदे में होगी। उस चीज़ के बारे में ज्यादा उत्सुकता होती है जो दिखती नही पर सबके लिए सुलभ होती है उसका कालांतर में मोल नही रहता। परदा प्रथा के विलोप से आज के समय में internet, tik tok , reels आदि पर जो नंगा नाच होता है वह परदा प्रथा के विलोप का परिणाम है । हिन्दू महिलाओं को स्वयं आगे आकर परदा प्रथा को पुन: स्थापित करना होगा जिससे वे हमेशा हीरे जवाहरात से भी मूल्यवान समझी जायेगी उनकी कदर होगी उनका मोल होगा । कितने गौरव की बात है हिंदू महिलाओं के लिए तो परदा प्रथा जब उनका मोल अनमोल हो जाता है । जब किसी मीठी चीज को खुले में रखते है तो मक्खियां भिनभिनाती है पर उसको ढककर रखने पर उसकी सुरक्षा होती है । आज बॉलीवुड अभिनेत्रियो की नकल करने के कारण सर्दियों में भी कम कपड़े पहनने के कारण उनका स्वास्थ्य साथ नही देता फिर भी इस दिखावे में उन्हें जीना है जिसके कारण स्वयं की भलाई भी नही देख पाती। ये सब बाते किसी द्वेष वश नही आपके अपने सुरक्षा के लिए है। हिंदू महिलाओं को अपना हित जरुर देखना चाहिए की वास्तव में किस चीज में अपनी भलाई, सुरक्षा, स्वास्थ्य रक्षा संभव है वही तरीका अपनाना चाहिए।
@rudraadityamandal6126
10 ай бұрын
@@जयभारत-च4शAgar dharm kuch gyan nehi to mat type karo
@harerampathak8653
Жыл бұрын
न भूतों न भविस्यति सादर दंडवत प्रभु 🙏🙏🙏
@sarlasharma5606
2 жыл бұрын
गुरूजी आपको शत शत नमन
@akhileshshastri1278
3 жыл бұрын
The 'Parda' system is foreign-imposed. India never had such a conservative outlook towards women's bodies. Other than covering essential parts there's no significance of Parda. I beg to differ on this topic.
@joshiji561
3 жыл бұрын
What are essential parts????????
@akhileshshastri1278
3 жыл бұрын
@@joshiji561 The ones that are Not Safe For Work (NSFW). You wouldn't want a bare-busted woman (or for that matter even a Man) walking up for work. But you can certainly tolerate them coming without covering their faces (unless mandated externally in case of calamities like Covid). We talk about Sanatana Dharma being the 'Shreshtha' but all of it is futile if we are following the suits of a certain monotheistic religion and their age-old impositions. I admire Shankaracharya and his darshanik upadesh but I beg to differ here.
@जयभारत-च4श
3 жыл бұрын
अपने पति से बड़ी उम्र के व्यक्ति से घूंघट किया जाता है। लेकिन कुछ शक्की लोग देवरों के आगे भी भाभियों से जबरदस्ती घूंघट करवाते हैं और कुछ ढोंगी स्त्रियां भी अपने आप को संस्कारी दिखाने के लिए खुद ही देवरों के आगे भी................. ये घूंघट व बुर्का हिजाब सारी ही कुप्रथा खत्म होनी ही चाहिए।
@जयभारत-च4श
3 жыл бұрын
घूंघट भारतीय सभ्यता नहीं इस्लामिक सभ्यता है और हिंदुओं पर मुसलमानों की गुलामी का प्रतीक है लेकिन मुझ मूर्ख को लगता है कि इस लड़की का पर्दा से तात्पर्य घूंघट कुप्रथा से है जोकि महिलाओं द्वारा अपना चेहरा ढंकने के लिए व्यवहार में लाया जाता है लेकिन पूज्य शंकराचार्य जी ने इसका अर्थ वस्त्र के प्रत्येक आवरण के रूप में ले लिया जोकि शरीर के किसी भी अंग को ढंकने के लिए प्रयुक्त किया जाता है।
@chillboy6406
2 жыл бұрын
पहली बात तो ये की परदा प्रथा शास्त्रों में है और दूसरी बात एक बार ये video देख लो । अगर नही भी है तो भी होनी ही चाहिए परदा प्रथा की आवश्यकता है आज के समाज को जहां हर कोई अपने जिस्म का नंगा नाच दिखा रहा है। और इस video में गुरूदेव ने उपयोगिता बताई है की हीरे मोती जवाहरात को हमेशा तिजोरी में रखते है की नही क्योंकि वो अमूल्य है तो क्या हिन्दुओं की स्त्रियां हीरे जवाहरात से कम है क्या उनका मोल तो कोई कर ही नही सकता कितनी सम्मान की बात है हिंदू महिलाओं के लिए की उनका इतना सम्मान है की उन्हे हीरे मोती से भी ज्यादा मूल्यवान बताया गया है । इस्लाम इत्यादि पंथों में जो स्त्रियों में परदा प्रथा का विकृत रूप है वो हिन्दुओं से चोरी किया हुआ ही है और उनमें शील और स्वास्थ्य की रक्षा के लिए नही अपितु मुस्लिम स्त्रियों के ऊपर शासन करने के उद्देश्य से द्वेष वश इस व्यवस्था का पालन कराया जा रहा है परन्तु हिंदू महिलाओं में हीरे जवाहरात से भी मूल्यवान समझकर उनको सम्मान देकर परदा प्रथा का पालन होता है । आज हिंदू पुरुषो को ही नही अपितु महिलाओं को भी परदा प्रथा को लागू कराने के लिए संघर्ष करना चाहिए । क्योंकि उनके सौंदर्य का मोल तभी होगा जब वो खुला नही होकर परदे में होगी। उस चीज़ के बारे में ज्यादा उत्सुकता होती है जो दिखती नही पर सबके लिए सुलभ होती है उसका कालांतर में मोल नही रहता। परदा प्रथा के विलोप से आज के समय में internet, tik tok , reels आदि पर जो नंगा नाच होता है वह परदा प्रथा के विलोप का परिणाम है । हिन्दू महिलाओं को स्वयं आगे आकर परदा प्रथा को पुन: स्थापित करना होगा जिससे वे हमेशा हीरे जवाहरात से भी मूल्यवान समझी जायेगी उनकी कदर होगी उनका मोल होगा । कितने गौरव की बात है हिंदू महिलाओं के लिए तो परदा प्रथा जब उनका मोल अनमोल हो जाता है । जब किसी मीठी चीज को खुले में रखते है तो मक्खियां भिनभिनाती है पर उसको ढककर रखने पर उसकी सुरक्षा होती है । आज बॉलीवुड अभिनेत्रियो की नकल करने के कारण सर्दियों में भी कम कपड़े पहनने के कारण उनका स्वास्थ्य साथ नही देता फिर भी इस दिखावे में उन्हें जीना है जिसके कारण स्वयं की भलाई भी नही देख पाती। ये सब बाते किसी द्वेष वश नही आपके अपने सुरक्षा के लिए है। हिंदू महिलाओं को अपना हित जरुर देखना चाहिए की वास्तव में किस चीज में अपनी भलाई, सुरक्षा, स्वास्थ्य रक्षा संभव है वही तरीका अपनाना चाहिए।
@ruchikapant6800
5 жыл бұрын
jinki neeyat kharab h unhe prda krna chaiye...north india k alawa baki khin bhi prda nhi hota fr bhi sbse jada crime north india m hi hote hain regarding girls... prda krna koi solution nhi h ..prda krana hi h to un logo s krao jinki njre gndi h neeyat khrb h
@prabhatnest9609
5 жыл бұрын
Lol. Pure duniya me mahilay burka pahanti hai.
@lakhanpalsinghchouhan5639
4 жыл бұрын
Male dominant society; tumhe dekh kar meri niyat na kharab ho jay isliye apna muh mujh se respect ke naam pe chipa lo
@zerotobillionsinc9966
4 жыл бұрын
jagat'guru ne ghooghat etc ka virodh kiya hai...agar jaroorat nhi hai to naa karein....lekin ek baat aur samajh lijiye...ye jo bollywood aur deh ke pujari aajkal women fashion bana rahe hai na....in kapdo ko pehnkar keval deh ke pujari hi attract honge...koi samajhdar purush jo apne sharir ko acche se janta hai...use isse fark nhi padega... . Acchi baat hai ki koi sunder hai...magar...agar koi keval sundar hai aur apni deh ki numaish karke paise kama raha hai....to use paise bhi rapist minded people hi de rhe hain... . Aap mujhe december ki cold mein deep neck blouse aur backless dress ki koi practical use bata dein...dukh hota hai dekhkar ki kaise naari shakti in bollywood wali nachaniyon ke chakkar se bhatak kar deh ki numaish karne me lagi hui hai...itne uncomfortable aur impractical clothes ke picche padi hai jisse keval deh ke pujari attract hote hain Namaskaram!
@ruchikapant6800
4 жыл бұрын
@@zerotobillionsinc9966 bollywood ki to maya hi alg h...hr glt cheej ajkl bollywood m support ki jati h..bt mera point ghughat h...ek.ldki ache s kpde phn k b apni respct bna k rkh skti h use ghughat krne ki jrurt nhi h..ye khna k ghunghat solution h k crimes nhi hnge...totally wrong. I m from uttrakhand..hmare yaha ghughat nhi hota still aap uttrakhand k crime rates chk kr skte ho comparitively baki states s in terms of girls🙏
@ruchikapant6800
4 жыл бұрын
@Brahmastra i am from devbhoomi uttrakhand..apse khin jada aastik hu m ..ghughat ka astha se koi lena dena nhi h bro🙏🙏
@Uk_1927
6 жыл бұрын
परमवंदनीय गुरुदेव के दिव्य श्रीचरण कमलो में कोटी कोटी प्रणाम
@GurjarPratiharSurendr
6 жыл бұрын
हे परम पूज्य स्वामी जी, आपके श्री चरणों मे कोटि-कोटि-कोटि नमन है ।। आपकी सदा ही जय हों । 🙏🙏 सीताराम सीताराम सीताराम 🙏🙏
@AKumar-cw5dk
6 жыл бұрын
बिल्कुल सही। पर आजकल की लड़कियां मानती नहीँ। अपनी बेटियां भी नहीं सुनतीं। हमको दकियानूसी समझती हैँ।
@radhemeriswamnimairadhekod5225
5 жыл бұрын
Sahi baat Aurat admi dono k soch m safayi jaruri
@hemantkhajuriya1916
5 жыл бұрын
सर आप अपनो पर ही मुगल प्रथा अपनाने के लिए दवाब दे रहे हैं
@PoonamVerma-pz5xt
4 жыл бұрын
@@hemantkhajuriya1916 inko knowledge h nhi faltu ka bolne ko de do bde aye sheel k rksha krne bale inko chadar odani chahiye ye samaj k thekedar sasle aurto ki piche pdte h womens ki body shaming krte h sarm kro jaise ye sant mharaj ji kr rhe h
@PoonamVerma-pz5xt
4 жыл бұрын
Jis din valid point dega koi veil kyo jruri h us din m bhi veil krugi btaye to koi .........any one with valid reason
@PoonamVerma-pz5xt
4 жыл бұрын
@@travelingexplorer9342 omg how can we forget that we are in men deployed country.same on u mahatma g apne sheel ki rakha kro jo bakbas bolte ho srm bhi nhi ati or liwas phnne se koi mhatma nhi ho jata vicharo se bhi bnana hota muglo ki bnayi evil custom ko do rhe h log i am a educated girl wt is wrong or right i know .
@Avdhoot009
5 жыл бұрын
Shankaracharya ji ke Bhojan me din bhar Kya shamil hota Hai kripya batayein. NIROGI AUR DIRGHAYU KE LIYE HPRATYEK DIN KYA AUR KAISE KHANA CHAHIYE.
@prakhardubey2754
6 жыл бұрын
आदरणीय महाराज जी सही कहा कि हमारी हिन्दू बहनों को आत्म मर्यादा और नैतिक पर्दा अति आवश्यक है क्योंकि आज सबसे अधिक पतन और इस्लामिक षडयंत्र का शिकार ज्ञान के अभाव में हिन्दू महिलाएं ही हुईं हैं।
@rupeshkumarsharma4826
6 жыл бұрын
PRAKHAR DUBEY dahej hatya bhrun hatya Balika vadh devdasi pratha ye sab muglo ke karan hai
@SACCHIKHABAR
6 жыл бұрын
PRAKHAR DUBEY narrow minded pandit
@params5955
6 жыл бұрын
@@SACCHIKHABAR u r half minded.. Or mind less perhaps. Sheel kiss chidiya ka naam hai? Brahmacharya kya hai kuch pata hai? Parda dono mein sahayak hota hai.. Tum na samjoge!!
@nikeshg4817
5 жыл бұрын
@@SACCHIKHABAR if you are not Hindu then don't interfare here in between
@जयभारत-च4श
3 жыл бұрын
घूंघट भारतीय सभ्यता नहीं इस्लामिक सभ्यता है और हिंदुओं पर मुसलमानों की गुलामी का प्रतीक है जोकि पूर्णतः प्रतिबंधित की जानी चाहिए लेकिन मुझ मूर्ख को लगता है कि इस लड़की का पर्दा से तात्पर्य घूंघट कुप्रथा से है जोकि महिलाओं द्वारा अपना चेहरा ढंकने के लिए व्यवहार में लाया जाता है लेकिन पूज्य शंकराचार्य जी ने इसका अर्थ वस्त्र के प्रत्येक आवरण के रूप में ले लिया जोकि शरीर के किसी भी अंग को ढंकने के लिए प्रयुक्त किया जाता है।
@karma6716
3 жыл бұрын
In some parts women covering head is a sin.They only do when they become widow. Aap bohot mahan hai Guruji lekin humara yaha ye pratha nahi hai.
@laxendrachauhan8202
2 жыл бұрын
Yes ghunghat is regional custom.
@rudraadityamandal6126
10 ай бұрын
Humse jyada gyan unko hain...aapke maane yaa naa maane se kuch nehi hota...aur yee shastraon mein hain...devi devtaoon ke paintings mein nehi hain to kya iska matlab nehi hain ?
@deepikashah5453
6 жыл бұрын
har har mahadev
@user-kq3fh8oy3k
3 жыл бұрын
धर्म एव हतो हन्ति धर्मो रक्षति रक्षितः। तस्माद्धर्मो न हन्तव्यो मा नो धर्मो हतोऽवधीत्।। iska matlab hai jo dharm ko marta hai arthath adharm karta hai dharm usko mardeta hai Aur dharm ki jo raksha karta hai dharm uski raksha karta hai Isliye sada Dharm ke path par chalna chahiye 🙏🏽 🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽ॐ 🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽
@prabhuji7268
4 жыл бұрын
Pujya gurudev ki jay
@dipalisengupta5563
3 жыл бұрын
JAISREE RADHEY KRSNA 🌹🌿 JAI GURUDEV Maharajji dandavat Pranam 🍁🌿🌹🌿 toh deviya bahar kam karna chod de aur ghar mei pardha kiye baithi rahe??
@chillboy6406
2 жыл бұрын
पहली बात तो ये की परदा प्रथा शास्त्रों में है और दूसरी बात एक बार ये video देख लो । अगर नही भी है तो भी होनी ही चाहिए परदा प्रथा की आवश्यकता है आज के समाज को जहां हर कोई अपने जिस्म का नंगा नाच दिखा रहा है। और इस video में गुरूदेव ने उपयोगिता बताई है की हीरे मोती जवाहरात को हमेशा तिजोरी में रखते है की नही क्योंकि वो अमूल्य है तो क्या हिन्दुओं की स्त्रियां हीरे जवाहरात से कम है क्या उनका मोल तो कोई कर ही नही सकता कितनी सम्मान की बात है हिंदू महिलाओं के लिए की उनका इतना सम्मान है की उन्हे हीरे मोती से भी ज्यादा मूल्यवान बताया गया है । इस्लाम इत्यादि पंथों में जो स्त्रियों में परदा प्रथा का विकृत रूप है वो हिन्दुओं से चोरी किया हुआ ही है और उनमें शील और स्वास्थ्य की रक्षा के लिए नही अपितु मुस्लिम स्त्रियों के ऊपर शासन करने के उद्देश्य से द्वेष वश इस व्यवस्था का पालन कराया जा रहा है परन्तु हिंदू महिलाओं में हीरे जवाहरात से भी मूल्यवान समझकर उनको सम्मान देकर परदा प्रथा का पालन होता है । आज हिंदू पुरुषो को ही नही अपितु महिलाओं को भी परदा प्रथा को लागू कराने के लिए संघर्ष करना चाहिए । क्योंकि उनके सौंदर्य का मोल तभी होगा जब वो खुला नही होकर परदे में होगी। उस चीज़ के बारे में ज्यादा उत्सुकता होती है जो दिखती नही पर सबके लिए सुलभ होती है उसका कालांतर में मोल नही रहता। परदा प्रथा के विलोप से आज के समय में internet, tik tok , reels आदि पर जो नंगा नाच होता है वह परदा प्रथा के विलोप का परिणाम है । हिन्दू महिलाओं को स्वयं आगे आकर परदा प्रथा को पुन: स्थापित करना होगा जिससे वे हमेशा हीरे जवाहरात से भी मूल्यवान समझी जायेगी उनकी कदर होगी उनका मोल होगा । कितने गौरव की बात है हिंदू महिलाओं के लिए तो परदा प्रथा जब उनका मोल अनमोल हो जाता है । जब किसी मीठी चीज को खुले में रखते है तो मक्खियां भिनभिनाती है पर उसको ढककर रखने पर उसकी सुरक्षा होती है । आज बॉलीवुड अभिनेत्रियो की नकल करने के कारण सर्दियों में भी कम कपड़े पहनने के कारण उनका स्वास्थ्य साथ नही देता फिर भी इस दिखावे में उन्हें जीना है जिसके कारण स्वयं की भलाई भी नही देख पाती। ये सब बाते किसी द्वेष वश नही आपके अपने सुरक्षा के लिए है। हिंदू महिलाओं को अपना हित जरुर देखना चाहिए की वास्तव में किस चीज में अपनी भलाई, सुरक्षा, स्वास्थ्य रक्षा संभव है वही तरीका अपनाना चाहिए।
@sankalpsrivastava1312
6 ай бұрын
chuskon se hai kya aap 😅
@naimishhd6081
3 жыл бұрын
Puruso ko sudharo ....aise upaay jada kaam nhi aarhe hai 🙏
@Rahulkumar-px8tc
3 жыл бұрын
Do u mean to say that,, ki agar iss duniya ke saaaare purush sharif ho jaaaye , to ladkiyon ko kapde pehnne ki koi zaroorat Nahi hi!!!!.... Kapde sirf protection ke liye Nahi balki deceny aur modesty ke liye bhi pehnaa jaata hai......!
@iyerism6577
3 жыл бұрын
@@Rahulkumar-px8tc saree bhi immodest hai bhai, burkha ghunghat best hai
@rudraadityamandal6126
10 ай бұрын
@@iyerism6577Tumto chup hi raho
@rudraadityamandal6126
10 ай бұрын
Saare purosho ko sudharne se bhi kaam nehi dega...dono paksho ko hi samjhna padega
@missionsudarshan3925
3 жыл бұрын
Jai Gurudev🙏
@unnameduser8261
3 жыл бұрын
Purdah was NEVER a part of Adi Sanatan Dharma
@जयभारत-च4श
3 жыл бұрын
घूंघट भारतीय सभ्यता नहीं इस्लामिक सभ्यता है और हिंदुओं पर मुसलमानों की गुलामी का प्रतीक है लेकिन मुझ मूर्ख को लगता है कि इस लड़की का पर्दा से तात्पर्य घूंघट कुप्रथा से है जोकि महिलाओं द्वारा अपना चेहरा ढंकने के लिए व्यवहार में लाया जाता है लेकिन पूज्य शंकराचार्य जी ने इसका अर्थ वस्त्र के प्रत्येक आवरण के रूप में ले लिया जोकि शरीर के किसी भी अंग को ढंकने के लिए प्रयुक्त किया जाता है।
@chillboy6406
2 жыл бұрын
पहली बात तो ये की परदा प्रथा शास्त्रों में है और दूसरी बात एक बार ये video देख लो । अगर नही भी है तो भी होनी ही चाहिए परदा प्रथा की आवश्यकता है आज के समाज को जहां हर कोई अपने जिस्म का नंगा नाच दिखा रहा है। और इस video में गुरूदेव ने उपयोगिता बताई है की हीरे मोती जवाहरात को हमेशा तिजोरी में रखते है की नही क्योंकि वो अमूल्य है तो क्या हिन्दुओं की स्त्रियां हीरे जवाहरात से कम है क्या उनका मोल तो कोई कर ही नही सकता कितनी सम्मान की बात है हिंदू महिलाओं के लिए की उनका इतना सम्मान है की उन्हे हीरे मोती से भी ज्यादा मूल्यवान बताया गया है । इस्लाम इत्यादि पंथों में जो स्त्रियों में परदा प्रथा का विकृत रूप है वो हिन्दुओं से चोरी किया हुआ ही है और उनमें शील और स्वास्थ्य की रक्षा के लिए नही अपितु मुस्लिम स्त्रियों के ऊपर शासन करने के उद्देश्य से द्वेष वश इस व्यवस्था का पालन कराया जा रहा है परन्तु हिंदू महिलाओं में हीरे जवाहरात से भी मूल्यवान समझकर उनको सम्मान देकर परदा प्रथा का पालन होता है । आज हिंदू पुरुषो को ही नही अपितु महिलाओं को भी परदा प्रथा को लागू कराने के लिए संघर्ष करना चाहिए । क्योंकि उनके सौंदर्य का मोल तभी होगा जब वो खुला नही होकर परदे में होगी। उस चीज़ के बारे में ज्यादा उत्सुकता होती है जो दिखती नही पर सबके लिए सुलभ होती है उसका कालांतर में मोल नही रहता। परदा प्रथा के विलोप से आज के समय में internet, tik tok , reels आदि पर जो नंगा नाच होता है वह परदा प्रथा के विलोप का परिणाम है । हिन्दू महिलाओं को स्वयं आगे आकर परदा प्रथा को पुन: स्थापित करना होगा जिससे वे हमेशा हीरे जवाहरात से भी मूल्यवान समझी जायेगी उनकी कदर होगी उनका मोल होगा । कितने गौरव की बात है हिंदू महिलाओं के लिए तो परदा प्रथा जब उनका मोल अनमोल हो जाता है । जब किसी मीठी चीज को खुले में रखते है तो मक्खियां भिनभिनाती है पर उसको ढककर रखने पर उसकी सुरक्षा होती है । आज बॉलीवुड अभिनेत्रियो की नकल करने के कारण सर्दियों में भी कम कपड़े पहनने के कारण उनका स्वास्थ्य साथ नही देता फिर भी इस दिखावे में उन्हें जीना है जिसके कारण स्वयं की भलाई भी नही देख पाती। ये सब बाते किसी द्वेष वश नही आपके अपने सुरक्षा के लिए है। हिंदू महिलाओं को अपना हित जरुर देखना चाहिए की वास्तव में किस चीज में अपनी भलाई, सुरक्षा, स्वास्थ्य रक्षा संभव है वही तरीका अपनाना चाहिए।
@ਵੈਲੀਤਰਖਾਨਸੱਚਾਹਿੰਦੂ
2 ай бұрын
U literally jus heard the Shankaracharya Ji of Govardhan Matt say it is literally jus right now 🤦🏽♂️
@subhajit7375
3 жыл бұрын
Is vaishnavism the highest order, I mean following shakti or shiva and following vishnu leads to same?
@subhajit7375
2 жыл бұрын
@@queztime23 are all of them follow vishnu I mean all the Shankaracharyas?
@subhajit7375
2 жыл бұрын
@@queztime23 and shakti? Like kali or shodashi or Durga?
@jagadishsindhav7626
6 жыл бұрын
Jay gurudev
@vedprakashjha7433
2 жыл бұрын
Jai shree Ram
@Babul1950
4 жыл бұрын
Excellent.
@जयभारत-च4श
3 жыл бұрын
घूंघट भारतीय सभ्यता नहीं इस्लामिक सभ्यता है और हिंदुओं पर मुसलमानों की गुलामी का प्रतीक है लेकिन मुझ मूर्ख को लगता है कि इस लड़की का पर्दा से तात्पर्य घूंघट कुप्रथा से है जोकि महिलाओं द्वारा अपना चेहरा ढंकने के लिए व्यवहार में लाया जाता है लेकिन पूज्य शंकराचार्य जी ने इसका अर्थ वस्त्र के प्रत्येक आवरण के रूप में ले लिया जोकि शरीर के किसी भी अंग को ढंकने के लिए प्रयुक्त किया जाता है।
@suryaprakashsharma8739
2 жыл бұрын
Shri Pujaniya Gurudev Shri Anant vibhushit Shrimad Jagadguru Shankaracharya Rigvediya purvamanay Goverdhan math Puri Peeth Adhishwar ke Shri Kamal Charnon mein dand wat vandan.
@chillboy6406
2 жыл бұрын
पहली बात तो ये की परदा प्रथा शास्त्रों में है और दूसरी बात एक बार ये video देख लो । अगर नही भी है तो भी होनी ही चाहिए परदा प्रथा की आवश्यकता है आज के समाज को जहां हर कोई अपने जिस्म का नंगा नाच दिखा रहा है। और इस video में गुरूदेव ने उपयोगिता बताई है की हीरे मोती जवाहरात को हमेशा तिजोरी में रखते है की नही क्योंकि वो अमूल्य है तो क्या हिन्दुओं की स्त्रियां हीरे जवाहरात से कम है क्या उनका मोल तो कोई कर ही नही सकता कितनी सम्मान की बात है हिंदू महिलाओं के लिए की उनका इतना सम्मान है की उन्हे हीरे मोती से भी ज्यादा मूल्यवान बताया गया है । इस्लाम इत्यादि पंथों में जो स्त्रियों में परदा प्रथा का विकृत रूप है वो हिन्दुओं से चोरी किया हुआ ही है और उनमें शील और स्वास्थ्य की रक्षा के लिए नही अपितु मुस्लिम स्त्रियों के ऊपर शासन करने के उद्देश्य से द्वेष वश इस व्यवस्था का पालन कराया जा रहा है परन्तु हिंदू महिलाओं में हीरे जवाहरात से भी मूल्यवान समझकर उनको सम्मान देकर परदा प्रथा का पालन होता है । आज हिंदू पुरुषो को ही नही अपितु महिलाओं को भी परदा प्रथा को लागू कराने के लिए संघर्ष करना चाहिए । क्योंकि उनके सौंदर्य का मोल तभी होगा जब वो खुला नही होकर परदे में होगी। उस चीज़ के बारे में ज्यादा उत्सुकता होती है जो दिखती नही पर सबके लिए सुलभ होती है उसका कालांतर में मोल नही रहता। परदा प्रथा के विलोप से आज के समय में internet, tik tok , reels आदि पर जो नंगा नाच होता है वह परदा प्रथा के विलोप का परिणाम है । हिन्दू महिलाओं को स्वयं आगे आकर परदा प्रथा को पुन: स्थापित करना होगा जिससे वे हमेशा हीरे जवाहरात से भी मूल्यवान समझी जायेगी उनकी कदर होगी उनका मोल होगा । कितने गौरव की बात है हिंदू महिलाओं के लिए तो परदा प्रथा जब उनका मोल अनमोल हो जाता है । जब किसी मीठी चीज को खुले में रखते है तो मक्खियां भिनभिनाती है पर उसको ढककर रखने पर उसकी सुरक्षा होती है । आज बॉलीवुड अभिनेत्रियो की नकल करने के कारण सर्दियों में भी कम कपड़े पहनने के कारण उनका स्वास्थ्य साथ नही देता फिर भी इस दिखावे में उन्हें जीना है जिसके कारण स्वयं की भलाई भी नही देख पाती। ये सब बाते किसी द्वेष वश नही आपके अपने सुरक्षा के लिए है। हिंदू महिलाओं को अपना हित जरुर देखना चाहिए की वास्तव में किस चीज में अपनी भलाई, सुरक्षा, स्वास्थ्य रक्षा संभव है वही तरीका अपनाना चाहिए।
@sumitChand.offcial
4 жыл бұрын
Jai shree 🙏 Ram
@sinkookyeg4416
2 жыл бұрын
Thanks guruji
@aweshtripathi2636
2 жыл бұрын
साष्टांग दण्डवत प्रणाम गुरूदेव
@explorerexposer7903
6 жыл бұрын
" श्री ओम तत्सत श्री ओम शांति श्री ओम शंकर " मंत्र कब और कैसे बोलना चाहिये ? मैं चलते उठते बैठते रात को सोते समय ये मंत्र पढता हूँ । ये सही है या गलत ? कृपया मार्ग दर्शन करें।
@tanujsharma688
4 жыл бұрын
तो ये पर्दा मर्दों के स्वास्थ्य की दृष्टि से भी होना चाहिए मर्दों के लिए भी?
@zerotobillionsinc9966
4 жыл бұрын
Hota toh hai...hum nange thode hi ghumte hain... garmi meh baseball cap pehnte hain...sunglasses lagae hain...aap ko bhi jab jaroorat ho....sar dhakein... . jo aap mukh par ghungath rakhti hai vo mughalon ke karan hai... jisse koi utha ke na le jaye... uski jaroorat aaj ke samay mein sabji mandi jaisi jagah par shi hai....jaha har mard pashu ki tarah laar girata hai.... . Ab kisi sanyasi ke saamne ghoogat ki kya jaroorat...uske saamne to aap bollywood wale neech kapde bhi pehnengi tab bhi koi asar nahi hoga... . Ab koi aapse kahe ki ghar mein bade bujurg ke saamne parda karo(chehre par) to puchna...ki aapke ghar mein bhi pashu ke saman mard rehte hai kya jo aurat ki deh matra se rishta rakhte hain....aur chehra dekhte hi kaamvaasna se bhar jayenge... ghoongat karna indirectly saamne wale ki beizzati karna hai(kyuki voh hai hi is layak), stri ki chetna se koi moh nhi...bas deh ki pyaas bujhane wala hai... . Namaskaram!
@user-ry1nw8zh3p
3 жыл бұрын
हम तो नेकर नहीं पहनते 😂😂
@user-ry1nw8zh3p
3 жыл бұрын
उन्होंने तर्क के साथ जवाब दिया आप के पास कोई तर्क है तो आप खंडन करे
@joshiji561
3 жыл бұрын
Bikul tum apni aakh ko fevicol sa chipka lo , to phir aurat logo ko pardah nahi lagaga
@जयभारत-च4श
3 жыл бұрын
घूंघट भारतीय सभ्यता नहीं इस्लामिक सभ्यता है और हिंदुओं पर मुसलमानों की गुलामी का प्रतीक है लेकिन मुझ मूर्ख को लगता है कि इस लड़की का पर्दा से तात्पर्य घूंघट कुप्रथा से है जोकि महिलाओं द्वारा अपना चेहरा ढंकने के लिए व्यवहार में लाया जाता है लेकिन पूज्य शंकराचार्य जी ने इसका अर्थ वस्त्र के प्रत्येक आवरण के रूप में ले लिया जोकि शरीर के किसी भी अंग को ढंकने के लिए प्रयुक्त किया जाता है।
@MOHITSINGH-lx6by
6 жыл бұрын
maine aaj tak MATA LAKSHMI,SITA,SARASWATI, KALI MAA,,, RADHA RANI... ETC ETC... kisi bhi mata ka chitra maine parde m nhi dekha!!!! parda pratha ko justify krna kaha tk sahi h???? or agar rabadi,mithayi ko bchane k liye parda h... to Burqe m kya problem h... maharaj ji fir to burqa bhi bdhiya h...
@rishabhsamak
6 жыл бұрын
MOHIT SINGH bhai I agree with you. You have to turn to history to see why it started ...when Mughals started abduction of beautiful women....Indians had no other option....even the Bhabhi of Shivaji Maharaj was kidnapped by Mughals....I respect Swami nischalanand but even adi Shankaracharya covered his head ..
@ajaybhargavan7778
6 жыл бұрын
sanyAsi covering their head it significe that they Dont have desires
@ajaybhargavan7778
6 жыл бұрын
Well now why days people comparing themselfs with Devi and devatas but bitter truth is We humans have arishadvargas ,which is not their in devatas
@AKumar-cw5dk
6 жыл бұрын
MOHIT SINGH नंगा भी कोई चित्र नहीं है।
@ayushvasurudragour427
6 жыл бұрын
इसलिए नहीं देखा क्यूंकि वह देवियां हैं मनुष्य नहीं हैं, अगर महिलाऐं देवियों की ही तरह से बरतना चालु कर दें तो क्या तुम उन से विवाह कर के सम्भोग कर के दाम्पत्य सुख का आनंद लोगे ? देवियां और देवता पूजने के लिए हैं उनकी बराबरी करने की सोचना मूर्खतापूर्ण है , आप उन्ही देवियों के मनुष्य अवतारों को देख कर उनका अनुसरण कर सकते हो जैसे माता सीता, श्री रुक्मणि देवी इत्यादि।
@Devpandit27
2 жыл бұрын
Glory to shankracharya ji
@maa7562
6 жыл бұрын
Jay guru dev har har mahadev jay Guru dev
@FaisalKhan-nz5bz
2 жыл бұрын
He's genius ☺️
@saniatamanna7763
2 жыл бұрын
Yes
@mahaveeraryasamaj
4 жыл бұрын
महिलाएं मर्यादा में रहे। किसी ने कहा है- सतवंती का सत नहीं डिगता कामी कितना ही ललचाए। चंचल नारि के नैन छुपे नहीं घुंघट कितना ही लटकाए।।
@जयभारत-च4श
3 жыл бұрын
घूंघट भारतीय सभ्यता नहीं इस्लामिक सभ्यता है और हिंदुओं पर मुसलमानों की गुलामी का प्रतीक है जोकि पूर्णतः प्रतिबंधित की जानी चाहिए। लेकिन मुझ मूर्ख को लगता है कि इस लड़की का पर्दा से तात्पर्य घूंघट कुप्रथा से है जोकि महिलाओं द्वारा अपना चेहरा ढंकने के लिए व्यवहार में लाया जाता है लेकिन पूज्य शंकराचार्य जी ने इसका अर्थ वस्त्र के प्रत्येक आवरण के रूप में ले लिया जोकि शरीर के किसी भी अंग को ढंकने के लिए प्रयुक्त किया जाता है।
@Peer.dan.charan
Жыл бұрын
❤
@Sharmag_Ka_Ladka
2 жыл бұрын
प्रणाम 🙏
@sarlasharma5606
2 жыл бұрын
प्रणाम गुरूजी
@akhileshwarshukla5789
5 жыл бұрын
परम् पूज्य गुरुदेव गोवर्धन मठ पू री पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी श्री निश्चलानंद सरस्वती जी महाराज के श्री चरणों में सादर नमन, वंदन अभिनंदन। जय हो। हर हर महादेव।
@ramantripathi5806
6 жыл бұрын
शंकराचार्य भगवान की जय।
@kantiprakashjaiswal7264
Жыл бұрын
Jai shree Ram ji Guru Dev Ji apko koti koti pranam ji 🙏🙏🌹🌹💐💐
@karshnivikaspandit3229
6 жыл бұрын
परम परम महाराज श्री की जय
@deviduttdixit8794
2 жыл бұрын
जय जगन्नाथ
@DarpanBharatKa
4 жыл бұрын
मर्द क्यों नहीं करते पर्दा ?
@hemantsharma6584
4 жыл бұрын
Yeeh hippee Feminism ki Jay ho
@जयभारत-च4श
3 жыл бұрын
घूंघट भारतीय सभ्यता नहीं इस्लामिक सभ्यता है और हिंदुओं पर मुसलमानों की गुलामी का प्रतीक है लेकिन मुझ मूर्ख को लगता है कि इस लड़की का पर्दा से तात्पर्य घूंघट कुप्रथा से है जोकि महिलाओं द्वारा अपना चेहरा ढंकने के लिए व्यवहार में लाया जाता है लेकिन पूज्य शंकराचार्य जी ने इसका अर्थ वस्त्र के प्रत्येक आवरण के रूप में ले लिया जोकि शरीर के किसी भी अंग को ढंकने के लिए प्रयुक्त किया जाता है।
@iyerism6577
3 жыл бұрын
@@hemantsharma6584 komedy kinghh🔥🔥🤮
@rudraadityamandal6126
10 ай бұрын
Karte hain na...aap dubara video ko dekho...guru ji ne kaha hain ki bharat ke kuch pranto mein purush bhi apne ang ko kashke dhakkar rakhte hain...alternative hain..jaha purush dhakkar rakhte hain waha mahilai nehi dhakti aur jaha mahilai dhakti hain waha purush nehi dhakte
@sureshtiwari4169
7 ай бұрын
Murd too apni puri body dhuker chalta hai sayed app rood pur nunge chalte honge
@fixearth
4 жыл бұрын
poorey adar ke saath shankaracharya ji parde ko galat kah gaye. hindu dharm me koi shastra aisa nahi kahata jo sir ya mathey ko dhankne ke baat karey. kripya ye purusho par bhee lagu kare. warna hindu dharm ka naash naa karey.
@जयभारत-च4श
3 жыл бұрын
घूंघट भारतीय सभ्यता नहीं इस्लामिक सभ्यता है और हिंदुओं पर मुसलमानों की गुलामी का प्रतीक है जोकि पूर्णतः प्रतिबंधित की जानी चाहिए। लेकिन मुझ मूर्ख को लगता है कि इस लड़की का पर्दा से तात्पर्य घूंघट कुप्रथा से है जोकि महिलाओं द्वारा अपना चेहरा ढंकने के लिए व्यवहार में लाया जाता है लेकिन पूज्य शंकराचार्य जी ने इसका अर्थ वस्त्र के प्रत्येक आवरण के रूप में ले लिया जोकि शरीर के किसी भी अंग को ढंकने के लिए प्रयुक्त किया जाता है।
@harshitsingh12977
10 ай бұрын
FIR SE SUNN YE VIDEO CHOMU😆
@sparijat
4 жыл бұрын
Humare Itihaas me to Parda nahi hai...
@benefactor4309
4 жыл бұрын
Parda Farsi lafz hai
@zerotobillionsinc9966
4 жыл бұрын
jagat'guru ne ghooghat etc ka virodh kiya hai...agar jaroorat nhi hai to naa karein....lekin ek baat aur samajh lijiye...ye jo bollywood aur deh ke pujari aajkal women fashion bana rahe hai na....in kapdo ko pehnkar keval deh ke pujari hi attract honge...koi samajhdar purush jo apne sharir ko acche se janta hai...use isse fark nhi padega... . Acchi baat hai ki koi sunder hai...magar...agar koi keval sundar hai aur apni deh ki numaish karke paise kama raha hai....to use paise bhi rapist minded people hi de rhe hain... . Aap mujhe december ki cold mein deep neck blouse aur backless dress ki koi practical use bata dein...dukh hota hai dekhkar ki kaise naari shakti in bollywood wali nachaniyon ke chakkar se bhatak kar deh ki numaish karne me lagi hui hai...itne uncomfortable aur impractical clothes ke picche padi hai jisse keval deh ke pujari attract hote hain Namaskaram!
@जयभारत-च4श
3 жыл бұрын
घूंघट भारतीय सभ्यता नहीं इस्लामिक सभ्यता है और हिंदुओं पर मुसलमानों की गुलामी का प्रतीक है लेकिन मुझ मूर्ख को लगता है कि इस लड़की का पर्दा से तात्पर्य घूंघट कुप्रथा से है जोकि महिलाओं द्वारा अपना चेहरा ढंकने के लिए व्यवहार में लाया जाता है लेकिन पूज्य शंकराचार्य जी ने इसका अर्थ वस्त्र के प्रत्येक आवरण के रूप में ले लिया जोकि शरीर के किसी भी अंग को ढंकने के लिए प्रयुक्त किया जाता है।
@chillboy6406
2 жыл бұрын
पहली बात तो ये की परदा प्रथा शास्त्रों में है और दूसरी बात एक बार ये video देख लो । अगर नही भी है तो भी होनी ही चाहिए परदा प्रथा की आवश्यकता है आज के समाज को जहां हर कोई अपने जिस्म का नंगा नाच दिखा रहा है। और इस video में गुरूदेव ने उपयोगिता बताई है की हीरे मोती जवाहरात को हमेशा तिजोरी में रखते है की नही क्योंकि वो अमूल्य है तो क्या हिन्दुओं की स्त्रियां हीरे जवाहरात से कम है क्या उनका मोल तो कोई कर ही नही सकता कितनी सम्मान की बात है हिंदू महिलाओं के लिए की उनका इतना सम्मान है की उन्हे हीरे मोती से भी ज्यादा मूल्यवान बताया गया है । इस्लाम इत्यादि पंथों में जो स्त्रियों में परदा प्रथा का विकृत रूप है वो हिन्दुओं से चोरी किया हुआ ही है और उनमें शील और स्वास्थ्य की रक्षा के लिए नही अपितु मुस्लिम स्त्रियों के ऊपर शासन करने के उद्देश्य से द्वेष वश इस व्यवस्था का पालन कराया जा रहा है परन्तु हिंदू महिलाओं में हीरे जवाहरात से भी मूल्यवान समझकर उनको सम्मान देकर परदा प्रथा का पालन होता है । आज हिंदू पुरुषो को ही नही अपितु महिलाओं को भी परदा प्रथा को लागू कराने के लिए संघर्ष करना चाहिए । क्योंकि उनके सौंदर्य का मोल तभी होगा जब वो खुला नही होकर परदे में होगी। उस चीज़ के बारे में ज्यादा उत्सुकता होती है जो दिखती नही पर सबके लिए सुलभ होती है उसका कालांतर में मोल नही रहता। परदा प्रथा के विलोप से आज के समय में internet, tik tok , reels आदि पर जो नंगा नाच होता है वह परदा प्रथा के विलोप का परिणाम है । हिन्दू महिलाओं को स्वयं आगे आकर परदा प्रथा को पुन: स्थापित करना होगा जिससे वे हमेशा हीरे जवाहरात से भी मूल्यवान समझी जायेगी उनकी कदर होगी उनका मोल होगा । कितने गौरव की बात है हिंदू महिलाओं के लिए तो परदा प्रथा जब उनका मोल अनमोल हो जाता है । जब किसी मीठी चीज को खुले में रखते है तो मक्खियां भिनभिनाती है पर उसको ढककर रखने पर उसकी सुरक्षा होती है । आज बॉलीवुड अभिनेत्रियो की नकल करने के कारण सर्दियों में भी कम कपड़े पहनने के कारण उनका स्वास्थ्य साथ नही देता फिर भी इस दिखावे में उन्हें जीना है जिसके कारण स्वयं की भलाई भी नही देख पाती। ये सब बाते किसी द्वेष वश नही आपके अपने सुरक्षा के लिए है। हिंदू महिलाओं को अपना हित जरुर देखना चाहिए की वास्तव में किस चीज में अपनी भलाई, सुरक्षा, स्वास्थ्य रक्षा संभव है वही तरीका अपनाना चाहिए।
@ਵੈਲੀਤਰਖਾਨਸੱਚਾਹਿੰਦੂ
2 ай бұрын
Are tu galat hai Shankaracharya kabhi galat nhi hota hai tu ne abhi hi saaf suna hai Govardhan Matt ka Shankaracharya Ji se ki Sanatan Dharm me Ghunghat hai aur jo Shankaracharya ko na maanta vo Hindu nhi hai | हर हर महादेव जी
@beprofcscs6822
2 жыл бұрын
Parda pratha kisi ved puran me nahi ullekhit hai. Yah sirf ek samajik sanrachna ko dhyan rakh banayi gayi hai. Jese jese samay bit raha hai Manushya ke vichar khul rahe hai kapde apne aap kam ho rahe hai. Clothing and its style are made by us. Ang ko chupana fir wo chahe male ho ya female its nowhere written but it's a necessity for us. Its a rule set by our societies in past and also as per regional climatic conditions. Aur rishi muni aaj bhi himalaya me sab tyag kar salo tapasya krte hai barf me. Par wo sadharan Manushya k bas ka nahi hai. Devi devta ya us yug ke logo ki aaj sadharan hum jese Manushyo ki koi tulna nahi hai. Param pujya jagatguru shankaracharya Maharaj ji ne jis prakar is prashna par prakash dala aur usse sirf ghungat tk simit na rakh pure vastra aur maryada ko dhyan rakh smjhaya ye sirf stri nahi purusho ke liye bhi tha jisme unhone bataya jaha kuch state me sar pr stri vastra rakhti hai to vahi kuch jgh purush bhi esa krte hai. Desh ki mahanta isme nihit hai jaha unhone udahran dete huye kaha ki jis trh sabzi khule futpath pr bikti hai pr sone k jewar Tajori me rakhe jate hai usi Prakar ghunghat bhi suraksha aur samman ke rup se hi samaj me aaya tha. Isse aur kisi soch ke sath agar hum aaj soche to ye hamari mansikta ho sakti hai pr jinhone is pratha ko samaj me laya unki nahi thi. 🙏
@chillboy6406
2 жыл бұрын
पहली बात तो ये की परदा प्रथा शास्त्रों में है और दूसरी बात एक बार ये video देख लो । अगर नही भी है तो भी होनी ही चाहिए परदा प्रथा की आवश्यकता है आज के समाज को जहां हर कोई अपने जिस्म का नंगा नाच दिखा रहा है। और इस video में गुरूदेव ने उपयोगिता बताई है की हीरे मोती जवाहरात को हमेशा तिजोरी में रखते है की नही क्योंकि वो अमूल्य है तो क्या हिन्दुओं की स्त्रियां हीरे जवाहरात से कम है क्या उनका मोल तो कोई कर ही नही सकता कितनी सम्मान की बात है हिंदू महिलाओं के लिए की उनका इतना सम्मान है की उन्हे हीरे मोती से भी ज्यादा मूल्यवान बताया गया है । इस्लाम इत्यादि पंथों में जो स्त्रियों में परदा प्रथा का विकृत रूप है वो हिन्दुओं से चोरी किया हुआ ही है और उनमें शील और स्वास्थ्य की रक्षा के लिए नही अपितु मुस्लिम स्त्रियों के ऊपर शासन करने के उद्देश्य से द्वेष वश इस व्यवस्था का पालन कराया जा रहा है परन्तु हिंदू महिलाओं में हीरे जवाहरात से भी मूल्यवान समझकर उनको सम्मान देकर परदा प्रथा का पालन होता है । आज हिंदू पुरुषो को ही नही अपितु महिलाओं को भी परदा प्रथा को लागू कराने के लिए संघर्ष करना चाहिए । क्योंकि उनके सौंदर्य का मोल तभी होगा जब वो खुला नही होकर परदे में होगी। उस चीज़ के बारे में ज्यादा उत्सुकता होती है जो दिखती नही पर सबके लिए सुलभ होती है उसका कालांतर में मोल नही रहता। परदा प्रथा के विलोप से आज के समय में internet, tik tok , reels आदि पर जो नंगा नाच होता है वह परदा प्रथा के विलोप का परिणाम है । हिन्दू महिलाओं को स्वयं आगे आकर परदा प्रथा को पुन: स्थापित करना होगा जिससे वे हमेशा हीरे जवाहरात से भी मूल्यवान समझी जायेगी उनकी कदर होगी उनका मोल होगा । कितने गौरव की बात है हिंदू महिलाओं के लिए तो परदा प्रथा जब उनका मोल अनमोल हो जाता है । जब किसी मीठी चीज को खुले में रखते है तो मक्खियां भिनभिनाती है पर उसको ढककर रखने पर उसकी सुरक्षा होती है । आज बॉलीवुड अभिनेत्रियो की नकल करने के कारण सर्दियों में भी कम कपड़े पहनने के कारण उनका स्वास्थ्य साथ नही देता फिर भी इस दिखावे में उन्हें जीना है जिसके कारण स्वयं की भलाई भी नही देख पाती। ये सब बाते किसी द्वेष वश नही आपके अपने सुरक्षा के लिए है। हिंदू महिलाओं को अपना हित जरुर देखना चाहिए की वास्तव में किस चीज में अपनी भलाई, सुरक्षा, स्वास्थ्य रक्षा संभव है वही तरीका अपनाना चाहिए।
@minaxiswaminarayan800
16 күн бұрын
अधॅनग्नता और मुह छुपाना दोनो ही तौर-तरीके स्त्री के वस्तुकरण का प्रतिक है। एक स्त्री को प्रदशॅन की वस्तु बनाता है तो दूसरा घर की संपत्ति। स्त्री कोई वस्तु है क्या?? और एक बात आज के सो कोल्ड "लिबरीझम" ने स्त्री का शोषण बहुत कीया है तो सामाजिक कुरीतियाँ कौनसी पीछे रही है इस में?? एसा है तो सतीप्रथा को भी गलत नहीं माना जाएगा। और एक बात, यह दोनो ही तौर-तरीको में स्त्रीओ को मानसिक गुलाम बनाया जाता है। तभी तो स्त्रीयाँ उनके साथ जो हो रहा है वह सही हो रहा है या नहीं यह सोचे बिना दूसरो की बुद्धी पर चलती रहती है।
@sanatanimohit4702
2 жыл бұрын
Ham apki is baat se sahemat nahi hai. Guru ji
@ashokroutray4658
5 жыл бұрын
MARYADA REHENA CHAIYE....RAKHYASH KELIYE PARDE KI MAYENE NAHIN RAKHTA.....AAJ KI SAMAYA ME NARI EK SANTULIT PEHENAWA RAKHNA CHAIYE....KARAN.....YE AANKH PAAPI KI HAI.....
@PoonamVerma-pz5xt
4 жыл бұрын
Papiyo ko suli per chadao ouro ko kyo dukhi krte h
@जयभारत-च4श
3 жыл бұрын
घूंघट भारतीय सभ्यता नहीं इस्लामिक सभ्यता है और हिंदुओं पर मुसलमानों की गुलामी का प्रतीक है जोकि पूर्णतः प्रतिबंधित की जानी चाहिए लेकिन मुझ मूर्ख को लगता है कि इस लड़की का पर्दा से तात्पर्य घूंघट कुप्रथा से है जोकि महिलाओं द्वारा अपना चेहरा ढंकने के लिए व्यवहार में लाया जाता है लेकिन पूज्य शंकराचार्य जी ने इसका अर्थ वस्त्र के प्रत्येक आवरण के रूप में ले लिया जोकि शरीर के किसी भी अंग को ढंकने के लिए प्रयुक्त किया जाता है।
@chillboy6406
2 жыл бұрын
पहली बात तो ये की परदा प्रथा शास्त्रों में है और दूसरी बात एक बार ये video देख लो । अगर नही भी है तो भी होनी ही चाहिए परदा प्रथा की आवश्यकता है आज के समाज को जहां हर कोई अपने जिस्म का नंगा नाच दिखा रहा है। और इस video में गुरूदेव ने उपयोगिता बताई है की हीरे मोती जवाहरात को हमेशा तिजोरी में रखते है की नही क्योंकि वो अमूल्य है तो क्या हिन्दुओं की स्त्रियां हीरे जवाहरात से कम है क्या उनका मोल तो कोई कर ही नही सकता कितनी सम्मान की बात है हिंदू महिलाओं के लिए की उनका इतना सम्मान है की उन्हे हीरे मोती से भी ज्यादा मूल्यवान बताया गया है । इस्लाम इत्यादि पंथों में जो स्त्रियों में परदा प्रथा का विकृत रूप है वो हिन्दुओं से चोरी किया हुआ ही है और उनमें शील और स्वास्थ्य की रक्षा के लिए नही अपितु मुस्लिम स्त्रियों के ऊपर शासन करने के उद्देश्य से द्वेष वश इस व्यवस्था का पालन कराया जा रहा है परन्तु हिंदू महिलाओं में हीरे जवाहरात से भी मूल्यवान समझकर उनको सम्मान देकर परदा प्रथा का पालन होता है । आज हिंदू पुरुषो को ही नही अपितु महिलाओं को भी परदा प्रथा को लागू कराने के लिए संघर्ष करना चाहिए । क्योंकि उनके सौंदर्य का मोल तभी होगा जब वो खुला नही होकर परदे में होगी। उस चीज़ के बारे में ज्यादा उत्सुकता होती है जो दिखती नही पर सबके लिए सुलभ होती है उसका कालांतर में मोल नही रहता। परदा प्रथा के विलोप से आज के समय में internet, tik tok , reels आदि पर जो नंगा नाच होता है वह परदा प्रथा के विलोप का परिणाम है । हिन्दू महिलाओं को स्वयं आगे आकर परदा प्रथा को पुन: स्थापित करना होगा जिससे वे हमेशा हीरे जवाहरात से भी मूल्यवान समझी जायेगी उनकी कदर होगी उनका मोल होगा । कितने गौरव की बात है हिंदू महिलाओं के लिए तो परदा प्रथा जब उनका मोल अनमोल हो जाता है । जब किसी मीठी चीज को खुले में रखते है तो मक्खियां भिनभिनाती है पर उसको ढककर रखने पर उसकी सुरक्षा होती है । आज बॉलीवुड अभिनेत्रियो की नकल करने के कारण सर्दियों में भी कम कपड़े पहनने के कारण उनका स्वास्थ्य साथ नही देता फिर भी इस दिखावे में उन्हें जीना है जिसके कारण स्वयं की भलाई भी नही देख पाती। ये सब बाते किसी द्वेष वश नही आपके अपने सुरक्षा के लिए है। हिंदू महिलाओं को अपना हित जरुर देखना चाहिए की वास्तव में किस चीज में अपनी भलाई, सुरक्षा, स्वास्थ्य रक्षा संभव है वही तरीका अपनाना चाहिए।
@harshitsingh12977
10 ай бұрын
@@PoonamVerma-pz5xt APKO PATA HAI KI AAJ YE VYAKTI JO APKE SAMNE KHADA HAI APKE SATH AGLE PAL BURA KREGA ? FIR SOOLI PAR KISKO CHADAOGI? ISSE ACCHA HAI AAP DECENCY MAINTAIN KARIYE TAKI VO ATTRACT NA HO PAYE HERE HINDU GIRLS SHOULD LEARN FROM MUSLIM GIRLS
@MUGAN-VI
3 жыл бұрын
He is wrong. There was no ghungat in Hinduism. It only comes in our culture during the Islamic invasion.
@unnameduser8261
3 жыл бұрын
Exactly. Purdah was never a part of Adi Sanatan dharm. Babaji se ye ummid nai thi.
@जयभारत-च4श
3 жыл бұрын
घूंघट भारतीय सभ्यता नहीं इस्लामिक सभ्यता है और हिंदुओं पर मुसलमानों की गुलामी का प्रतीक है लेकिन मुझ मूर्ख को लगता है कि इस लड़की का पर्दा से तात्पर्य घूंघट कुप्रथा से है जोकि महिलाओं द्वारा अपना चेहरा ढंकने के लिए व्यवहार में लाया जाता है लेकिन पूज्य शंकराचार्य जी ने इसका अर्थ वस्त्र के प्रत्येक आवरण के रूप में ले लिया जोकि शरीर के किसी भी अंग को ढंकने के लिए प्रयुक्त किया जाता है।
@iyerism6577
3 жыл бұрын
@@unnameduser8261 purdah was present even before islamoc invasions
@unnameduser8261
3 жыл бұрын
@@iyerism6577 Purdah started after Persian invasion but get its full force only after Islamic invasion.
@rudraadityamandal6126
10 ай бұрын
@@unnameduser8261Bina jane faltu mein tark mat karo...ye shastro mein hain..sita mata bhi ghunghat karti thi...ramayan padh lena
@ajaysinghparmar2482
5 жыл бұрын
हर मर्यादा हीन कथा कि शुरुआत नजर से होती है। पर्दा रहने से न रहेगा बांस न बजेगी बांसुरी
@जयभारत-च4श
3 жыл бұрын
घूंघट भारतीय सभ्यता नहीं इस्लामिक सभ्यता है और हिंदुओं पर मुसलमानों की गुलामी का प्रतीक है जोकि पूर्णतः प्रतिबंधित की जानी चाहिए लेकिन मुझ मूर्ख को लगता है कि इस लड़की का पर्दा से तात्पर्य घूंघट कुप्रथा से है जोकि महिलाओं द्वारा अपना चेहरा ढंकने के लिए व्यवहार में लाया जाता है लेकिन पूज्य शंकराचार्य जी ने इसका अर्थ वस्त्र के प्रत्येक आवरण के रूप में ले लिया जोकि शरीर के किसी भी अंग को ढंकने के लिए प्रयुक्त किया जाता है।
@narsimharamnath1584
2 жыл бұрын
Please upload subtitles for this 🙏🙏
@jagdambaprasadpant9102
Жыл бұрын
गुरु देव भगवान शंकराचार्य स्वामी श्री को नमन
@prashantpandya9250
3 жыл бұрын
🙏आचार्य। आप को विदित हो कि सुरा भी भूमि, जल, आवरण आदि से बनती है तो सुरापान भी धर्मसंगत होना चाहिए। अत्यंत शीत तापमान में सुरा शरीरस्थ अग्नि की रक्षा भी करती है। सुरापान से लोग सत्य भी बोलते है जो अन्यथा नहीं बोलते। वैसे आचार्य ने वेद, पुराण, शास्त्र कथन को आधार बनाकर नहीं बतायी है यह बात। आचार्य के स्वयं के विचार जैसा अधिक लगता है। हो सकता है कि आचार्य जिस समाजव्यवस्था से आए हैं उस समाजव्यवस्था में घुंघटप्रथा का लोकाचार हो और आचार्य की स्वयं की अवधारणा का आधार लोकाचार हो। परंतु यहाँ प्रश्नकर्त्ता ने धार्मिक शास्त्रसंगत शास्त्रानुसार उत्तर की आशा से प्रश्न पूछा है। वैसे आचार्य ने कई बार संकेत किये है कि कई बार कई सारी बातें ध्यान में रखकर उनको वाणीप्रयोग करना पडता है।
@जयभारत-च4श
3 жыл бұрын
घूंघट भारतीय सभ्यता नहीं इस्लामिक सभ्यता है और हिंदुओं पर मुसलमानों की गुलामी का प्रतीक है जोकि पूर्णतः प्रतिबंधित की जानी चाहिए लेकिन मुझ मूर्ख को लगता है कि इस लड़की का पर्दा से तात्पर्य घूंघट कुप्रथा से है जोकि महिलाओं द्वारा अपना चेहरा ढंकने के लिए व्यवहार में लाया जाता है लेकिन पूज्य शंकराचार्य जी ने इसका अर्थ वस्त्र के प्रत्येक आवरण के रूप में ले लिया जोकि शरीर के किसी भी अंग को ढंकने के लिए प्रयुक्त किया जाता है।
@chillboy6406
2 жыл бұрын
पहली बात तो ये की परदा प्रथा शास्त्रों में है और दूसरी बात एक बार ये video देख लो । अगर नही भी है तो भी होनी ही चाहिए परदा प्रथा की आवश्यकता है आज के समाज को जहां हर कोई अपने जिस्म का नंगा नाच दिखा रहा है। और इस video में गुरूदेव ने उपयोगिता बताई है की हीरे मोती जवाहरात को हमेशा तिजोरी में रखते है की नही क्योंकि वो अमूल्य है तो क्या हिन्दुओं की स्त्रियां हीरे जवाहरात से कम है क्या उनका मोल तो कोई कर ही नही सकता कितनी सम्मान की बात है हिंदू महिलाओं के लिए की उनका इतना सम्मान है की उन्हे हीरे मोती से भी ज्यादा मूल्यवान बताया गया है । इस्लाम इत्यादि पंथों में जो स्त्रियों में परदा प्रथा का विकृत रूप है वो हिन्दुओं से चोरी किया हुआ ही है और उनमें शील और स्वास्थ्य की रक्षा के लिए नही अपितु मुस्लिम स्त्रियों के ऊपर शासन करने के उद्देश्य से द्वेष वश इस व्यवस्था का पालन कराया जा रहा है परन्तु हिंदू महिलाओं में हीरे जवाहरात से भी मूल्यवान समझकर उनको सम्मान देकर परदा प्रथा का पालन होता है । आज हिंदू पुरुषो को ही नही अपितु महिलाओं को भी परदा प्रथा को लागू कराने के लिए संघर्ष करना चाहिए । क्योंकि उनके सौंदर्य का मोल तभी होगा जब वो खुला नही होकर परदे में होगी। उस चीज़ के बारे में ज्यादा उत्सुकता होती है जो दिखती नही पर सबके लिए सुलभ होती है उसका कालांतर में मोल नही रहता। परदा प्रथा के विलोप से आज के समय में internet, tik tok , reels आदि पर जो नंगा नाच होता है वह परदा प्रथा के विलोप का परिणाम है । हिन्दू महिलाओं को स्वयं आगे आकर परदा प्रथा को पुन: स्थापित करना होगा जिससे वे हमेशा हीरे जवाहरात से भी मूल्यवान समझी जायेगी उनकी कदर होगी उनका मोल होगा । कितने गौरव की बात है हिंदू महिलाओं के लिए तो परदा प्रथा जब उनका मोल अनमोल हो जाता है । जब किसी मीठी चीज को खुले में रखते है तो मक्खियां भिनभिनाती है पर उसको ढककर रखने पर उसकी सुरक्षा होती है । आज बॉलीवुड अभिनेत्रियो की नकल करने के कारण सर्दियों में भी कम कपड़े पहनने के कारण उनका स्वास्थ्य साथ नही देता फिर भी इस दिखावे में उन्हें जीना है जिसके कारण स्वयं की भलाई भी नही देख पाती। ये सब बाते किसी द्वेष वश नही आपके अपने सुरक्षा के लिए है। हिंदू महिलाओं को अपना हित जरुर देखना चाहिए की वास्तव में किस चीज में अपनी भलाई, सुरक्षा, स्वास्थ्य रक्षा संभव है वही तरीका अपनाना चाहिए।
@dhoopsinghmalik9195
Жыл бұрын
ओम ऋषि- मुनिवर को कोटि- कोटि चरण वन्दन ।
@praveenpradhan6908
2 жыл бұрын
जय गुरु देव 🙏
@rajendranaik7274
2 жыл бұрын
🙏🙏🙏
@tanmay6207
3 жыл бұрын
Bewakoofi wali baat hai bilkul shastra sammat nahi hai
@जयभारत-च4श
3 жыл бұрын
आपने बिलकुल सही कहा पर्दा (घूंघट कुप्रथा) शास्त्र सम्मत नहीं है लेकिन मुझ मूर्ख को लगता है कि इस लड़की का पर्दा से तात्पर्य घूंघट कुप्रथा से है जोकि महिलाओं द्वारा अपना चेहरा ढंकने के लिए व्यवहार में लाया जाता है लेकिन पूज्य शंकराचार्य जी ने इसका अर्थ वस्त्र के प्रत्येक आवरण के रूप में ले लिया जोकि शरीर के किसी भी अंग को ढंकने के लिए प्रयुक्त किया जाता है।
Dharam matlab swarg jaise prakriti me apne jivan ko narak bana dene ka marg😢
@kmisri-yr9nx
5 жыл бұрын
🙏pranam guruji dhanya ho ap, koti koti vandan🙏🙏🙏🙏🙏
@architectonic99
3 жыл бұрын
Hindu practices regarding purdah across the country vary a lot so one cannot really generalise. Some might have been heavily influenced by Islam while some varied due to local culture and regional patriarchal ideas of how to cover up women’s bodies and faces, some social groups or castes in the south required women to expose their breasts (the infamous breast tax), for the most part it seems that the ghunghat or face covering is a North Indian practice especially in Rajasthan. But it doesn’t seem to be part of ancient Indian society from what can see in sculptures where the heavy bosomed female was quite the norm. The face covering seems to have developed anywhere from the 9th to the 17th CE. Psychologically it’s a way create various ways of controlling women’s bodies. Otherwise, why don’t men wear purdah?? 😂
@जयभारत-च4श
3 жыл бұрын
घूंघट भारतीय सभ्यता नहीं इस्लामिक सभ्यता है और हिंदुओं पर मुसलमानों की गुलामी का प्रतीक है लेकिन मुझ मूर्ख को लगता है कि इस लड़की का पर्दा से तात्पर्य घूंघट कुप्रथा से है जोकि महिलाओं द्वारा अपना चेहरा ढंकने के लिए व्यवहार में लाया जाता है लेकिन पूज्य शंकराचार्य जी ने इसका अर्थ वस्त्र के प्रत्येक आवरण के रूप में ले लिया जोकि शरीर के किसी भी अंग को ढंकने के लिए प्रयुक्त किया जाता है।
@जयभारत-च4श
3 жыл бұрын
घूंघट भारतीय सभ्यता का अंग नहीं है। यह हिंदू संस्कृति नहीं इस्लामिक संस्कृति है। यह कुप्रथा भारत में 13वीं - 14वीं सदी से पहले नहीं हुआ करती थी। रामायण महाभारत आदि में भी व किसी भी प्राचीन हिंदु ग्रंथ में इस कुप्रथा का वर्णन नहीं है। यह कुप्रथा भारत में इस्लामिक शासन के समय मुसलमानों की गंदी नजरों से महिलाओं को बचाने के लिए शुरु की गई थी जोकि धीरे - धीरे कुप्रथा बन गई और अब इस कुप्रथा की कोई जरूरत नहीं है। अब तो यह कुप्रथा हिंदुओं के मन में बस मुसलमानों की मानसिक गुलामी की निशानी है। आज भी यह कुप्रथा केवल उन्हीं क्षेत्रों में प्रचलित जहां इतिहास में लंबे समय तक लगातार इस्लामिक शासन रहा है। गुजरात महाराष्ट्र व दक्षिण भारत में यह कुप्रथा नहीं पाई जाती। मुसलमानों की गुलामी का प्रतीक यह "पर्दा" या "घूंघट" कुप्रथा भारतीयों व हिंदुओं के स्वाभिमान पर चोट करती है जोकि अवश्य ही पूर्णतः प्रतिबंधित की ही जानी चाहिए।
@architectonic99
3 жыл бұрын
@@जयभारत-च4श 🙏🏻🙏🏻 correct and I agree with your points. But why did Ghunghat pratha take place in Rajasthan where most of the rulers were Hindu Rajput? Also why their blouse is so small exposing half the breasts in front and almost full back in choli but face is fully covered. Very strange practices found in Rajasthan.
@जयभारत-च4श
3 жыл бұрын
@@architectonic99 राजस्थान के कई रजवाड़े तो मुगलों की अधीनता स्वीकार करके शासन चला रहे थे। इसलिए वहां के वे नाममात्र के राजा थे। और यदि किसी राजपूत वंश ने मुगलों की अधीनता स्वीकार नहीं की थी व अपना स्वतंत्र राज्य चला रहे थे तो भी वे स्वछंद शासन नहीं कर सके थे , मुगलों से संघर्ष चलते ही रहते थे और हारने पर.........
@जयभारत-च4श
3 жыл бұрын
@@architectonic99 ghoonghat is not "pratha" but it is a KUPRATHA
@laxmibai7738
4 жыл бұрын
Rani Laxmibai aur aur bhi virangnayein hain, unke sth to aisa nahi hua, unhe to parde me nahi rakha gaya.
@user-ry1nw8zh3p
3 жыл бұрын
O थोड़ी ना आज की तरह कपड़े पहनती थी सिस्टर
@unnameduser8261
3 жыл бұрын
@@user-ry1nw8zh3p Vedic kaal me aurate blouse bhi nai pehenti thi aur na hi ghunghat dalti thi..unke saath kabhi bura nai hua..kyuki uss kaal me log Gyan ko importance dete the. Sab praani ko aatma roop me dekhte the. Aaj ek do saal ke bachhi ke sath bhi rape ho jata hai..aaj ka mard kutto jaisa hai sirf sharir ka bhooka.
@lipikb9832
3 жыл бұрын
Lagta hai dhyan se suna nahi Parda samay isthiti praivesh and adhikari per based hai Ab jab bahri akranta kevel stri aur dhan he lootne aaye to kya karoge dhako ge ya bachao ge
@जयभारत-च4श
3 жыл бұрын
घूंघट भारतीय सभ्यता नहीं इस्लामिक सभ्यता है और हिंदुओं पर मुसलमानों की गुलामी का प्रतीक है लेकिन मुझ मूर्ख को लगता है कि इस लड़की का पर्दा से तात्पर्य घूंघट कुप्रथा से है जोकि महिलाओं द्वारा अपना चेहरा ढंकने के लिए व्यवहार में लाया जाता है लेकिन पूज्य शंकराचार्य जी ने इसका अर्थ वस्त्र के प्रत्येक आवरण के रूप में ले लिया जोकि शरीर के किसी भी अंग को ढंकने के लिए प्रयुक्त किया जाता है।
@chessmuch2976
2 жыл бұрын
@@lipikb9832 lade ge chupna napunsako ka kam hai
@19683
3 жыл бұрын
पहले पर्दा का हिंदी शब्द तो बताओ।
@जयभारत-च4श
3 жыл бұрын
घूंघट भारतीय सभ्यता नहीं इस्लामिक सभ्यता है और हिंदुओं पर मुसलमानों की गुलामी का प्रतीक है लेकिन मुझ मूर्ख को लगता है कि इस लड़की का पर्दा से तात्पर्य घूंघट कुप्रथा से है जोकि महिलाओं द्वारा अपना चेहरा ढंकने के लिए व्यवहार में लाया जाता है लेकिन पूज्य शंकराचार्य जी ने इसका अर्थ वस्त्र के प्रत्येक आवरण के रूप में ले लिया जोकि शरीर के किसी भी अंग को ढंकने के लिए प्रयुक्त किया जाता है।
@deepakpandey1786
Жыл бұрын
JAY SHREE KRISHNA. PUJNIYA SANTA MAHATMA SHANKARACHARYAG KI ANANTA JAY SATYUGA KI ANANTA JAY
@ShahidHussain-mt9zw
3 жыл бұрын
Mujhe to laga ye swami ji parda ko galat kahege kio ki Kuchh to hindu aurat ki parda ke liye bhi musalmano ko jimmewar kahte Hain
@जयभारत-च4श
3 жыл бұрын
घूंघट भारतीय सभ्यता नहीं इस्लामिक सभ्यता है और हिंदुओं पर मुसलमानों की गुलामी का प्रतीक है लेकिन मुझ मूर्ख को लगता है कि इस लड़की का पर्दा से तात्पर्य घूंघट कुप्रथा से है जोकि महिलाओं द्वारा अपना चेहरा ढंकने के लिए व्यवहार में लाया जाता है लेकिन पूज्य शंकराचार्य जी ने इसका अर्थ वस्त्र के प्रत्येक आवरण के रूप में ले लिया जोकि शरीर के किसी भी अंग को ढंकने के लिए प्रयुक्त किया जाता है।
@iyerism6577
3 жыл бұрын
Yes even in Hinduism like islam, in rigvedas its mentioned that women must cover complete body.. Even saree is not correct
@iyerism6577
3 жыл бұрын
@Roguejin Da ghunghat culture was present before islamic invasions also
@iyerism6577
3 жыл бұрын
@Roguejin Da no, do u have any proof?
@gurpreetkaurdhillon8404
3 жыл бұрын
@@iyerism6577 see ancient statues of indian women.
@tanujsharma688
4 жыл бұрын
एक पर्दा शील की रक्षा कैसे कर सकता है? क्या माता सीता पर्दा करती थी? क्या माता राधा पर्दा करती थी? शरीर ढकने की बात स्वास्थ्य की दृष्टि से सही है परंतु मुंह ढकना कैसे शील की रक्षा करेगा?
@sanketsharma19
4 жыл бұрын
Muh dhakne ke liye Nahi keh rahe. Pure sharir ke vastra ko parda keh rahe hae Baba ji.
@zerotobillionsinc9966
4 жыл бұрын
@@sanketsharma19 yes....muh dhakne ko bola hi nhi..aur comments me kuch log bawle ho rhe hai
@atulraj675
4 жыл бұрын
Aur 1 bat hutiye tanuj Mata sita parda krti thi
@जयभारत-च4श
3 жыл бұрын
घूंघट भारतीय सभ्यता नहीं इस्लामिक सभ्यता है और हिंदुओं पर मुसलमानों की गुलामी का प्रतीक है लेकिन मुझ मूर्ख को लगता है कि इस लड़की का पर्दा से तात्पर्य घूंघट कुप्रथा से है जोकि महिलाओं द्वारा अपना चेहरा ढंकने के लिए व्यवहार में लाया जाता है लेकिन पूज्य शंकराचार्य जी ने इसका अर्थ वस्त्र के प्रत्येक आवरण के रूप में ले लिया जोकि शरीर के किसी भी अंग को ढंकने के लिए प्रयुक्त किया जाता है।
@iyerism6577
3 жыл бұрын
@@zerotobillionsinc9966 muh dhakna is part of purdah
@yogiraj11111
6 жыл бұрын
बहुत ही सही महाराज जी
@जयभारत-च4श
3 жыл бұрын
घूंघट भारतीय सभ्यता नहीं इस्लामिक सभ्यता है और हिंदुओं पर मुसलमानों की गुलामी का प्रतीक है जोकि पूर्णतः प्रतिबंधित की जानी चाहिए लेकिन मुझ मूर्ख को लगता है कि इस लड़की का पर्दा से तात्पर्य घूंघट कुप्रथा से है जोकि महिलाओं द्वारा अपना चेहरा ढंकने के लिए व्यवहार में लाया जाता है लेकिन पूज्य शंकराचार्य जी ने इसका अर्थ वस्त्र के प्रत्येक आवरण के रूप में ले लिया जोकि शरीर के किसी भी अंग को ढंकने के लिए प्रयुक्त किया जाता है।
@pankajkushwaha1
5 жыл бұрын
Aj man gya apko sach me sanatan ka purn gyan hai..APKO SAT SAT NAMAN.
@जयभारत-च4श
3 жыл бұрын
घूंघट भारतीय सभ्यता नहीं इस्लामिक सभ्यता है और हिंदुओं पर मुसलमानों की गुलामी का प्रतीक है जोकि पूर्णतः प्रतिबंधित की जानी चाहिए। लेकिन मुझ मूर्ख को लगता है कि इस लड़की का पर्दा से तात्पर्य घूंघट कुप्रथा से है जोकि महिलाओं द्वारा अपना चेहरा ढंकने के लिए व्यवहार में लाया जाता है लेकिन पूज्य शंकराचार्य जी ने इसका अर्थ वस्त्र के प्रत्येक आवरण के रूप में ले लिया जोकि शरीर के किसी भी अंग को ढंकने के लिए प्रयुक्त किया जाता है।
@Akira-dm3tj
2 жыл бұрын
ठीक है अगर स्वास्थ्य और सील के लिए पर्दा आवश्यक है तो सिर्फ महिलाओं को ही क्यों पर्दा लगाना है? पुरुषों को भी लगाना चाहिए! दोनों महिला और पुरुष मिलकर पर्दा में रहो।
@chillboy6406
2 жыл бұрын
महिलाओं का प्रसाधन या आभूषण प्राय सौंदर्य होता है और पुरुषो का आभूषण प्राय वीरता और धनोपार्जन होता है । दोनो में अंतर है स्त्रियां प्राय वीरता आदि आभूषण नही के बराबर होते है और पुरुषों आदि में मुख सौन्दर्य आदि की कमी होती है।
@Akira-dm3tj
2 жыл бұрын
@@chillboy6406 मैं यह नहीं मानता कि सौंदर्य सिर्फ स्त्रियों के पास होता है और वीरता सिर्फ पुरुषों के पास। एक स्त्री चाहे तो अपने आप को वीर बना सकती है और सौंदर्य एक पुरुष के पास भी हो सकता है। आजकल काफी महिलाएं सेना में नौकरी करती हैं वह वीरता नहीं तो और क्या है? आजकल काफी पुरुष मॉडलिंग कर रहे हैं और अपने सौंदर्य का काफी खयाल रखते हैं। वह समय कब का जा चुका है जब मनुष्यों को अपनी लिंग के हिसाब से कुछ भूमिकाएं निभानी पड़ती थी। जैसे हम पहले यह मानते थे कि स्त्रियों का सिर्फ घर में काम होता है वह बाहर नौकरी नहीं कर सकती परंतु आज काफी महिलाएं नौकरी कर रही है और अपने पैरों पर खड़ी है। आज की दुनिया ऐसी पिछड़ी सोच को छोड़ कर काफी आगे बढ़ चुकी है।
@rudraadityamandal6126
10 ай бұрын
Purusho ke bhi hote hain...aap video dubara dekhiye..guru ji ne kaha hain ki bharat ke kuch khestro mein purush bhi apna ang kashkar dhakar rakhte hain...
@नमोनारायण1
5 жыл бұрын
आपके लिखे हुऐ किताब कहा से खरीदे ?
@seematiwari2656
4 жыл бұрын
AMp Zar i
@Kaal----Bhairava
2 жыл бұрын
Dustbin se
@rudraadityamandal6126
10 ай бұрын
@@Kaal----BhairavaTum to door hi raho yaha se
@aaabcd3800
4 жыл бұрын
साला एक चीज समझ में नहीं आती है अच्छे से जीवन जीने में भी परेशानी है अरे मर्यादा में रहने में अपना ही जीवन व्यवस्थित होता है विचार उत्तम रहते हैं ।
@जयभारत-च4श
3 жыл бұрын
घूंघट भारतीय सभ्यता नहीं इस्लामिक सभ्यता है और हिंदुओं पर मुसलमानों की गुलामी का प्रतीक है जोकि पूर्णतः प्रतिबंधित की जानी चाहिए। लेकिन मुझ मूर्ख को लगता है कि इस लड़की का पर्दा से तात्पर्य घूंघट कुप्रथा से है जोकि महिलाओं द्वारा अपना चेहरा ढंकने के लिए व्यवहार में लाया जाता है लेकिन पूज्य शंकराचार्य जी ने इसका अर्थ वस्त्र के प्रत्येक आवरण के रूप में ले लिया जोकि शरीर के किसी भी अंग को ढंकने के लिए प्रयुक्त किया जाता है।
@lakhanpalsinghchouhan5639
4 жыл бұрын
Women objectification wali bate h.
@जयभारत-च4श
3 жыл бұрын
घूंघट भारतीय सभ्यता नहीं इस्लामिक सभ्यता है और हिंदुओं पर मुसलमानों की गुलामी का प्रतीक है जोकि पूर्णतः प्रतिबंधित की जानी चाहिए लेकिन मुझ मूर्ख को लगता है कि इस लड़की का पर्दा से तात्पर्य घूंघट कुप्रथा से है जोकि महिलाओं द्वारा अपना चेहरा ढंकने के लिए व्यवहार में लाया जाता है लेकिन पूज्य शंकराचार्य जी ने इसका अर्थ वस्त्र के प्रत्येक आवरण के रूप में ले लिया जोकि शरीर के किसी भी अंग को ढंकने के लिए प्रयुक्त किया जाता है।
@snowbear7090
4 ай бұрын
Ye baba ji konsa maal phunk ke bethe hain... Plz koi btaye...
@yogi8044
2 жыл бұрын
Sita ji ya Draupadi n many other vidushi mahila kabhi parda nahi karti ye sanatan hindu sanskriti ke nahi balki muslim mazhab ka diya hua ek riwaaz hi
@chillboy6406
2 жыл бұрын
किसने कहा सीताजी द्रौपदी इत्यादि नहीं करती serial देखकर ऐसा ही होता है। अनुसूया इतनी पतिव्रता नारी थी जिन्होंने अपने ऊपर पुरे जीवन में पर पुरुष की छाया तक नही पड़ने दी । इतनी पतिव्रता स्त्री के तप का प्रभाव क्या होता है ??? उनके आगे ब्रह्मा विष्णु महेश भी नही ठहर सकते। पहली बात तो ये की परदा प्रथा शास्त्रों में है और दूसरी बात एक बार ये video देख लो । अगर नही भी है तो भी होनी ही चाहिए परदा प्रथा की आवश्यकता है आज के समाज को जहां हर कोई अपने जिस्म का नंगा नाच दिखा रहा है। और इस video में गुरूदेव ने उपयोगिता बताई है की हीरे मोती जवाहरात को हमेशा तिजोरी में रखते है की नही क्योंकि वो अमूल्य है तो क्या हिन्दुओं की स्त्रियां हीरे जवाहरात से कम है क्या उनका मोल तो कोई कर ही नही सकता कितनी सम्मान की बात है हिंदू महिलाओं के लिए की उनका इतना सम्मान है की उन्हे हीरे मोती से भी ज्यादा मूल्यवान बताया गया है । इस्लाम इत्यादि पंथों में जो स्त्रियों में परदा प्रथा का विकृत रूप है वो हिन्दुओं से चोरी किया हुआ ही है और उनमें शील और स्वास्थ्य की रक्षा के लिए नही अपितु मुस्लिम स्त्रियों के ऊपर शासन करने के उद्देश्य से द्वेष वश इस व्यवस्था का पालन कराया जा रहा है परन्तु हिंदू महिलाओं में हीरे जवाहरात से भी मूल्यवान समझकर उनको सम्मान देकर परदा प्रथा का पालन होता है । आज हिंदू पुरुषो को ही नही अपितु महिलाओं को भी परदा प्रथा को लागू कराने के लिए संघर्ष करना चाहिए । क्योंकि उनके सौंदर्य का मोल तभी होगा जब वो खुला नही होकर परदे में होगी। उस चीज़ के बारे में ज्यादा उत्सुकता होती है जो दिखती नही पर सबके लिए सुलभ होती है उसका कालांतर में मोल नही रहता। परदा प्रथा के विलोप से आज के समय में internet, tik tok , reels आदि पर जो नंगा नाच होता है वह परदा प्रथा के विलोप का परिणाम है । हिन्दू महिलाओं को स्वयं आगे आकर परदा प्रथा को पुन: स्थापित करना होगा जिससे वे हमेशा हीरे जवाहरात से भी मूल्यवान समझी जायेगी उनकी कदर होगी उनका मोल होगा । कितने गौरव की बात है हिंदू महिलाओं के लिए तो परदा प्रथा जब उनका मोल अनमोल हो जाता है । जब किसी मीठी चीज को खुले में रखते है तो मक्खियां भिनभिनाती है पर उसको ढककर रखने पर उसकी सुरक्षा होती है । आज बॉलीवुड अभिनेत्रियो की नकल करने के कारण सर्दियों में भी कम कपड़े पहनने के कारण उनका स्वास्थ्य साथ नही देता फिर भी इस दिखावे में उन्हें जीना है जिसके कारण स्वयं की भलाई भी नही देख पाती। ये सब बाते किसी द्वेष वश नही आपके अपने सुरक्षा के लिए है। हिंदू महिलाओं को अपना हित जरुर देखना चाहिए की वास्तव में किस चीज में अपनी भलाई, सुरक्षा, स्वास्थ्य रक्षा संभव है वही तरीका अपनाना चाहिए।
@opporealme4737
4 жыл бұрын
धन्यवाद
@ramantripathi5806
6 жыл бұрын
कोटि कोटि नमन।
@muskanduseja9470
5 жыл бұрын
guru ji ye sab badlaio kiyon huwa
@जयभारत-च4श
3 жыл бұрын
घूंघट भारतीय सभ्यता नहीं इस्लामिक सभ्यता है और हिंदुओं पर मुसलमानों की गुलामी का प्रतीक है जोकि पूर्णतः प्रतिबंधित की जानी चाहिए लेकिन मुझ मूर्ख को लगता है कि इस लड़की का पर्दा से तात्पर्य घूंघट कुप्रथा से है जोकि महिलाओं द्वारा अपना चेहरा ढंकने के लिए व्यवहार में लाया जाता है लेकिन पूज्य शंकराचार्य जी ने इसका अर्थ वस्त्र के प्रत्येक आवरण के रूप में ले लिया जोकि शरीर के किसी भी अंग को ढंकने के लिए प्रयुक्त किया जाता है।
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