Күн бұрынन तो राज़ की कोई बात की, न गले से उनको लगा सका। वो जो आए भी तो खड़े-खड़े, कलाम- बहादुर शाह ज़फ़र Рет қаралды 782Rimjhim 1 1 Жүктеу
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