Күн бұрынनहीं जग में कोई मुझसा ठिकाना क्या मेरे बल का (सीता हरण) ।।चिपलघाट पौड़ी गढ़वाली रामलीला।। Рет қаралды 220,012Manish Kagdiyal 1 1 Жүктеу
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