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Nainital | Naina Devi Temple | नैना देवी मन्दिर | Uttrakhand | Nainital Tourist Places |
स्नो व्यू पॉइन्ट
नैनी लेख मेंगों पॉइन्ट
इको बर्ड्स सेन्चरी
सूखा ताल
एसी केव
नैना देवी मंदिर
दशावतार मंदिर
एडवेंचर एक्टिविटी
स्नो व्यू पॉइंट
दोस्तो
नैनीताल की चोटियों में से स्नो व्यू की चोटी पर पहुंचना सबसे आसान है यह शहर की एक मात्र चोटी है जंहा पर आप सड़क मार्ग अथवा रोपवे से भी जा सकते है जो कि मल्लीताल से हवाई रोपवे की सवारी इस जगह तक पहुंचने का सबसे अच्छा तरीका है।
नैनीताल शहर से इसकी दूरी मात्र 2.5 किलोमीटर है। इस चोटी से पर्यटक हिमालय के दर्शन कर सकते है इसी चोटी पर एक छोटा-सा मंदिर भी है आप वहाँ भी दर्शन कर सकते है साथ ही बच्चों के लिए छोटा-सा पार्क है।
2.270 किलोमीटर की ऊँचाई पर स्नो व्यू पॉइन्ट से आप हिमालय की चोटी नंदादेवी त्रिशूल और नंदाकोट जैसे बर्फ़ से ढ़के पहाड़ों का शानदार नजारा का लुफ्त उठा सकते है ।
नैनी लेक व्यू पॉइन्ट
जब आप इस पहाड़ी से नैनी लेख को देखेंगे तो आपको नैनी झील बिलकुल आम की तरह दिखाई पड़ेगी जो कि अपने आप में आकर्षण केंद्र है।
इको बर्ड्स सेन्चरी
जब आप यहां पहुंचेंगे तो आपको अनेकों पक्षियों की आवाज सुनाई देगी जो मन को बहुत अच्छी लगती है यहां पर पक्षियों की आवाज गूँजती है
सूखा ताल
सूखा ताल 6 महीने भरा रहता और 6 महीने सूखा रहता है यहां पर आपको बहुत सुंदर व्यू देखने को मिलेंगे।
ठण्डी गुफा
यहां एक पत्थर की चट्टान है जिसमें एक होल बना हुआ है सर्दी हो या गर्मी एसी की तरह ठंडी हवा निकलती रहती है नैनीताल से इसकी दूरी 3 किलोमीटर पर बारा पत्थर में पड़ता है।
नैना देवी मंदिर
यहां सती के शक्ति रूप की पूजा की जाती है। मंदिर में दो नेत्र हैं जो नैना देवी को दर्शाते हैं। नैनी झील के बारें में माना जाता है कि जब शिव सती की मृत देह को लेकर कैलाश पर्वत जा रहे थे, तब जहां-जहां उनके शरीर के अंग गिरे वहां-वहां शक्तिपीठों की स्थापना हुई। नैनी झील के स्थान पर देवी सती के नेत्र गिरे थे।
हिंदू धर्मग्रंथ में नैना देवी मंदिर का ऐतिहासिक महत्व है। 51 शक्ति पीठों में से एक के रूप में माना जाने वाला ये मंदिर, वो जगह है जहां देवी सती की आंखें गिरी थीं। इसलिए यहां देवी की आंखों के रूप में पूजा की जाती है।
कुषाण काल में भी नैनी देवी मंदिर के बारे में लिखा हुआ है। 15वीं ईस्वी में निर्मित, नैना देवी मंदिर की मूर्ति एक भक्त मोती राम शाह द्वारा 1842 में स्थापित की गई थी। 1880 में भारी भूस्खलन के बाद, नैना देवी मंदिर पूरी तरह से नष्ट हो गया था। लेकिन स्थानीय लोगों की गहरी आस्था की वजह से 1883 में इस मंदिर का फिर से निर्माण किया गया।
नैना देवी मंदिर पूरे दिन सुबह 6:00 बजे से 10:00 बजे तक खुला रहता है।
जय नैना देवी की 🙏
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Music:Happy Ukulele
Musician:Marphologiya
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Негізгі бет Nainital | Naina Devi Temple | नैना देवी मन्दिर | मात्र दर्शान से नेत्र रोगों को मिल जाती है मुक्ति.
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