निर्विचार होने के परम सूत्र
विचारों के पार जो आपका होना है जो की रामस्वरूप है और निर्विचार है इस ज्ञान चर्चा में निर्विचार होने का परम सूत्र दिया गया है और योग वशिष्ठ रामायण के मुक्तिदायी सूत्र बताए गए हैं
जो कि तत्क्षण मुक्त करते हैं
यह सत्संग सहज रूप से किया गया है और निर्विचार को सहज़ ही प्रगट किया गया है
हमेशा याद रखें कि निर्विचार अवस्था सरल है बस आपको सरल होना है
इस महारामायण में महर्षि वसिष्ठ भगवान श्री राम को निर्गुण ब्रह्म का ज्ञान देते हैं।
विद्वानों के मत अनुसार आत्मा और परमात्मा, लोक और परलोक, सुख और दुख, जरा और मृत्यु, बंधन और मोक्ष, जीवन और जगत, जड़ और चेतन, ब्रह्म और जीव, आत्मज्ञान और अज्ञान, सत् और असत्, मन और इंद्रियाँ, धारणा और वासना आदि विषयों पर कदाचित् ही कोई ग्रंथ हो जिसमें ‘योगवाशिष्ठ महारामायण’ में अधिक गंभीर चिंतन तथा व्याख्यान किया गया है।
निर्विचार होने के परम सूत्र
निर्विचार का आकाश आपकी प्रतीक्षा कर रहा है
निर्विचार कैसे हो?
निर्विचार अवस्था क्या है?
विचारों से छुटकारा कैसे हो?
विचारों से पार कैसे जाएं?
वशिष्ठ रामायण के गूढ रहस्य क्या हैं?
विचार कैसे उत्पन्न होते हैं?
विचार से मुक्ती?
विचार से मुक्त कैसे हो
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