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नियंत्रण एवं समन्वय नोट्स class 10 | control and coordination notes class 10 | Handwritten notes by @rajansir6345
उदीपन
तंत्रिका तंत्र
न्यूरान
मानव मस्तिष्क
प्रतिवर्ती क्रिया
प्रतिवर्ती चाप
मानव मस्तिष्क के भाग
पादप हार्मोन
जंतु हार्मोन
Class 10 science Chapter 7 नियंत्रण एवं समन्वय Notes in Hindi
.
10 Class Science Chapter 7 नियंत्रण एवं समन्वय notes in Hindi.
Textbook NCERT
Class Class 10
Subject विज्ञान
Chapter Chapter 7
Chapter Name नियंत्रण एवं समन्वय
Category Class 10 Science Notes
Medium Hindi
Class 10 science Chapter 7 नियंत्रण एवं समन्वय notes in hindi. जिसमे हम जानवरों और पौधों में नियंत्रण और समन्वय , तंत्रिका तंत्र , स्वैच्छिक, अनैच्छिक और प्रतिवर्त क्रिया , रासायनिक समन्वय: पशु हार्मोन आदि के बारे में पड़ेंगे ।.
Class 10 science Chapter 7 नियंत्रण एवं समन्वय Notes in hindi
नियंत्रण एवं समन्वय का क्या अर्थ :-.
उद्दीपन
जंतुओं में नियंत्रण एवं समन्वय :-.
तंत्रिका तंत्र .
अंत : स्रावी तंत्र
तंत्रिका तंत्र :-
ग्राही :-
तंत्रिका कोशिका ( न्यूरॉन )
तंत्रिका कोशिका ( न्यूरॉन ) के भाग :-.
प्रतिवर्ती क्रिया :-
प्रतिवर्ती चाप :
अनुक्रिया :-
तंत्रिका तंत्र के मुख्य कार्य :-.
मानव तंत्रिका तंत्र :-.
मस्तिष्क.
मेरुरज्जू.
मेरुरज्जु :-.
मानव मस्तिष्क :-.
🔹 मस्तिष्क सभी क्रियाओं के समन्वय का केन्द्र होता है । इसके तीन मुख्य भाग है :-.
अग्रमस्तिष्क .
मध्यमस्तिष्क .
पश्चमस्तिष्क .
✳️ 1. अग्रमस्तिष्क :-.
🔹 यह मस्तिष्क का सबसे अधिक जटिल एवं विशिष्ट भाग है । यह प्रमस्तिष्क है । .
🔶 अग्रमस्तिष्क के कार्य :-.
मस्तिष्क का मुख्य सोचने वाला भाग होता है । .
ऐच्छिक कार्यों को नियंत्रित करता है ।.
सूचनाओं को याद रखना ।.
शरीर के विभिन्न हिस्सों से सूचनाओं को एकत्रित करना एवं उनका समायोजन करना । .
भूख से संबंधित केन्द्र । .
✳️ 2. मध्यमस्तिष्क :-.
🔹 अनैच्छिक क्रियाओं को नियंत्रित करना । जैसे :- पुतली के आकार में परिवर्तन । सिर , गर्दन आदि की प्रतिवर्ती क्रिया । .
✳️ 3. पश्चमस्तिष्क :-.
🔹 यह भी अनैच्छिक क्रियाओं को नियंत्रित करता है । सभी अनैच्छिक जैसे रक्तदाब , लार आना तथा वमन पश्चमस्तिष्क स्थित मेडुला द्वारा नियंत्रित होती हैं ।.
🔹 इसके तीन भाग हैं :-.
अनुमस्तिष्क :- यह ऐच्छिक क्रियाओं की परिशुद्धि तथा शरीर की संस्थिति तथा संतुलन को नियंत्रित करती है । उदाहरण :- पैन उठाना । .
मेडुला :- यह अनैच्छिक कार्यों का नियंत्रण करती है । जैसे :- रक्तचाप , वमन आदि ।.
पॉन्स :- यह अनैच्छिक क्रियाओं जैसे श्वसन को नियंत्रण करता है ।.
❇️ मस्तिष्क एवं मेरूरज्जु की सुरक्षा :-.
🔶 मस्तिष्क की सुरक्षा :- मस्तिष्क एक हड्डियों के बॉक्स में अवस्थित होता है । बॉक्स के अन्दर तरलपूरित गुब्बारे में मस्तिष्क होता है जो प्रघात अवशोषक का कार्य करता है । .
🔶 मेरुरज्जु की सुरक्षा :- मेरुरज्जु की सुरक्षा कशेरुकदंड या रीढ़ की हड्डी करती है ।.
विद्युत संकेत या तंत्रिका तंत्र की सीमाएँ :-.
पौधों में गति :-.
वृद्धि पर निर्भर न होना । .
🔶
❇️ मुख्य पादप हॉर्मोन हैं :-.
ऑक्सिन :- यह प्ररोह के अग्रभाग ( टिप ) में संश्लेषित होता है तथा कोशिकाओं की लंबाई में वृद्धि में सहायक होता है ।.
जिब्बेरेलिन :- तने की वृद्धि में सहायक होता है ।.
साइटोकाइनिन :- फलों और बीजों में कोशिका विभाजन तीव्र करता है । फल व बीज में अधिक मात्रा में पाया जाता है ।.
एब्सिसिक अम्ल :- यह वृद्धि का संदमन करने वाले हॉर्मोन का एक उदाहरण है । पत्तियों का मुरझाना इसके प्रभाव में सम्मिलित है ।.
❇️ जंतुओं में हॉर्मोन :-.
🔹 जंतुओं में रासायनिक समन्वय हॉर्मोन द्वारा होता है । ये हॉर्मोन अंत : ग्रंथियों द्वारा स्रावित होते हैं और रक्त के साथ मिलकर शरीर के उस अंग तक पहुंचते हैं जहां इन्हें कार्य करना होता है । .
🔶 हॉर्मोन :- ये वो रसायन है जो जंतुओं की क्रियाओं , विकास एवं वृद्धि का समन्वय करते हैं । .
🔶 अंतःस्रावी ग्रन्थि :- ये वो ग्रंथियाँ हैं जो अपने उत्पाद रक्त में स्रावित करती हैं , जो हॉर्मोन कहलाते हैं । .
❇️ हॉर्मोन की विशेषताएं हैं :-.
ये विशिष्ट रासायनिक संदेशवाहक है । .
इनका स्रावण अंत : स्रावी ग्रंथियों से होता है ।.
ये सीधे ही रक्त से मिलकर शरीर के विभिन्न अंगों तक पहुंचते हैं । .
ये विशेष ऊतक या अंग पर क्रिया करते हैं जिसे लक्ष्य अंग कहते हैं । .
❇️ हॉर्मोन , अंतःस्रावी ग्रंथियां एवं उनके कार्य :-.
❇️ आयोडीन युक्त नमक आवश्यक है :-.
🔹 अवटुग्रंथि ( थॉयरॉइड ग्रंथि ) को थायरॉक्सिन हॉर्मोन बनाने के लिए आयोडीन की आवश्यकता होती है । थायरॉक्सिन कार्बोहाइड्रेट , वसा तथा प्रोटीन के उपापचय का नियंत्रण करता है जिससे शरीर की संतुलित वृद्धि हो सके । अतः अवटुग्रंथि के सही रूप से कार्य करने के लिए आयोडीन की आवश्यकता होती है । आयोडीन की कमी से गला फूल जाता है , जिसे गॉयटर ( घेंघा ) बीमारी कहते है ।.
❇️ मधुमेह ( डायबिटीज ) :-.
🔹 इस बीमारी में रक्त में शर्करा का स्तर बढ़ जाता है ।.
🔶 मधुमेह ( डायबिटीज ) होने के कारण :- अग्न्याशय ग्रंथि द्वारा स्रावित इंसुलिन हॉर्मोन की कमी के कारण होता है । इंसुलिन रक्त में शर्करा के स्तर को नियंत्रित करता है ।.
🔶 मधुमेह का निदान ( उपचार ) :- इंसुलिन हॉर्मोन का इंजेक्शन । .
❇️ पुनर्भरण क्रियाविधि :-.
🔹 हॉर्मोन का अधिक या कम मात्रा में स्रावित होना हमारे शरीर पर हानिकारक प्रभाव डालता है । पुनर्भरण क्रियाविधि यह सुनिश्चित करती है कि हॉर्मोन सही मात्रा में तथा सही समय पर स्रावित हो । उदाहरण के लिए :- रक्त में शर्करा के नियंत्रण की विधि ।.
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