"ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥"
इस मंत्र का पाठ करने से श्रद्धालु मानते हैं कि इसका जाप महामृत्युंजय स्वरुप भगवान शिव की कृपा को प्राप्त करने में सहायक होता है, जो समस्त विपत्तियों और मृत्यु के भय को दूर करता है।
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