अहमदाबाद में सृष्टि संवेदना करुकमलांजलि मंच के स्थापना दिवस पर संपन्न हुए अखिल भारतीय कवि सम्मलेन में पधारे अंतर्राष्ट्रीय कवि गजेन्द्र प्रियांशु ने अपनी हास्य क्षणिकाओं से श्रोताओं को हास्य से सराबोर किया साथ ही 'सिया तेरा अभिशापित है राम' तथा अपने कई छंदों से सभी का मन मोह लिया |
Негізгі бет पाँव बेचकर सफ़र ख़रीदे, सफ़र बेचकर राहें ........
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