कम्यूटेशन की अधिक वसूली से आहत हैं पेंशनर -
हल्द्वानी - गवर्नमेंट पेंशनर्स वेल्फेयर आर्गनाइजेशन की आज अरुणोदय धर्मशाला में बैठक हुई । बैठक में सर्वसम्मति से राशिकरण की अधिक वसूली के खिलाफ संगठनात्मक कार्यवाही के साथ ही न्यायिक कार्यवाही करने का भी प्रस्ताव पारित किया गया । विभिन्न राज्यों के उच्च न्यायालयों द्वारा 10 साल 8 माह बाद की जा रही राशिकरण( कम्यूटेशन) की वसूली पर रोक लगा दी है । सरकार द्वारा रिटायरमेन्ट के समय एकमुश्त दी जाने वाली राशिकरण की वसूली पेंशन से प्रतिमाह 15 साल तक की जाती है । जबकि ब्याज की मौजूदा दरों के हिसाब से यह वसूली 10 साल 8 माह के भीतर पूर्ण हो जाती है । इसी के आधार पर विभिन्न राज्यों में कोर्ट से स्टे मिला है ।अब उत्तराखण्ड के पेंशनर्स भी कोर्ट जाने की तैयारी मे हैं । गवर्नमेंट पेंशनर्स वेल्फेयर आर्गनाइजेशन की प्रान्तीय कार्यकारिणी द्वारा इस मामले मे न्यायिक कार्यवाही हेतु 6 सदस्यीय समिति गठित की है समिति के सदस्य रमेश चन्द्र पाण्डे ने बताया कि समिति की एक बैठक हो चुकी है और वकील से बात होने के बाद रिट में नाम सम्मिलित करने वाले प्रदेश के पेंशनर्स की सूची तैयार की जा रही है ।
बैठक में दो दर्जन सदस्यों ने उच्च न्यायालय मे रिट दाखिल करने हेतु अपनी सहमति दी। सभी पेंशनरों का आह्वान किया गया कि जो भी राशिकरण की अधिक वसूली के खिलाफ सामूहिक रिट में अपना नाम सम्मिलित करना चाहते हैं वे अपना नाम व विवरण शाखा अध्यक्ष और सचिव को दे दें ।
बैठक में नये सदस्यों का माल्यार्पण कर स्वागत किया गया ।
आर्गनाइजेशन के अध्यक्ष लीलाधर पाण्डे की अध्यक्षता तथा महासचिव विजय तिवारी के संचालन में हुई बैठक को संरक्षक मण्डल के सदस्य आर. एस.कैडा, उमाकांत भट्ट, बी.डी.पाठक, एक्टिव टीम के मुख्य संयोजक रमेश चन्द्र पाण्डे, भुवन पाण्डे, श्याम सिंह रावत, लक्ष्मण सिंह गौनियां,त्रिलोचन उपाध्याय, योगेंद्र पाण्डे,एन.सी.जोशी, जगदीश आर्या, जगन्नाथ चन्दोला, गणेश चन्द्र पन्त, डी.के. पन्त , वी. के मिश्रा, गिरीश जोशी, नरेन्द्र जोशी, राकेश पाण्डे, महेश राम आर्या, चन्द्र शेखर मुनगली, आनन्द बल्लभ पाठक आदि ने सम्बोधित किया ।
Негізгі бет पेंशनरों की व्यथा - आखिर क्यों नहीं सुन रही सरकार ? कोर्ट की शरण में जाने को मजबूर हैं पेंशनर ।
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