50 वर्ष से अधिक आयु की गुलाबो सपेरा ना केवल कालबेलिया नृत्य की अन्तर्राष्ट्रीय पहचान है वरन अपनी बेटी व पोती के साथ अनेक बालिकाओं को इसमें पारंगत करते हुए कालबेलिया नृत्य व कालबेलिया संस्कृति का संरक्षण करने में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रही है। गुलाबो का जीवन संघर्ष प्रत्येक महिला व आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणीय है। संकल्प के तप की आंच से समाज की बेड़िया भी पिघल जाती है ये साबित किया है गुलाबो सपेरा ने। मोमासर उत्सव में श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स से भेंटवार्ता ने गुलाबों ने स्वयं के द्वारा निशुल्क स्कूल बनाए जाने की जानकारी दी। संवेदनशील गुलाबो ने ह्रदय से मोमासर और राजस्थान की माटी का आभार जताया। देखें पूरा वीडियो क्या कहा गुलाबो ने, और पूरी देखें उनकी शानदार प्रस्तुति भी। श्रीडूंगरगढ़ क्षेत्र के समस्त प्रमुख आयोजनों व विश्वसनीय व प्रामाणिक खबरों के लिए चैनल को सब्सक्राइब करें व बेल आइकन को दबाना नहीं भूलें।
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पद्मश्री गुलाबो ने बेटी व पोती के साथ दी अपलक निहारे जाने वाली प्रस्तुति दी, माटी का जताया आभार।
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