साहेब बंदगी साहेब मेरी कोई शंका नहीं, कोई प्रश्न नहीं, कोई परीक्षा नहीं केवल और केवल जिज्ञासा है साहेब कहते हैं कि जीव का कोई लिंग नहीं भेदभाव नहीं फिर महिला और पुरुष में भेद क्यों होता है महिला संत भी अपने वाक्य के अन्त में स्त्री सूचक ती शब्द का प्रयोग करती है और पुरुष सन्त ता शब्द का प्रयोग क्यों करते हैं
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