#pratapsehgal#प्रतापसहगल
जी हाँ, मैं नास्तिक हूँ (प्रताप सहगल)
हर सत्ता में कला और कलाकारों का इस्तेमाल होता हैं
राइटर को लोग हलके में क्यों लेते है
10 मई, 1945 झंग (अविभाजित भारत) में जन्मे प्रताप सहगल एक मूर्द्धन्य नाटककार, अप्रतिम कवि, कथाकार, आलोचक और बाल साहित्यकार के रूप में जाने जाते हैं।
हमारे साथ की गई बातचीत में इन्होने अपने जीवन के अनुभव,उपलब्धि, संघर्ष की बाटे की है
जिन्हे सुनकर लगता है के वास्तव में हम लेखक को हलके में ले लेते है
Негізгі бет PARTAP SEHGAL (बेबाक बातचीत)
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