भजन के बोल-
पत्थर की मूरत बोल पड़ी क्या मुझे मनाने आया है
तेरे घर में जननी तड़प रही क्या तुझे तरस नहीं आया है
पत्थर की मूरत......
घर में तेरी मैया भूखी है क्या उसे भोजन की पूछी है
मुझे भोग लगाने को बेटा यह छप्पन भोग लाया है
पत्थर की मूरत....
प्यासी तेरे घर में तेरी मां बैठी बूंद बूंद को बेटा तरस रही
क्या मुझे पिलाने को बेटा तू भर भर लोटा लाया है
पत्थर की मूरत...
तेरी मां के कपड़े फटे हुए एक सदी तक ना लाया है
और मुझे उड़ने को बेटा तू लाल चुनरिया लाया है
पत्थर की मूरत...
तेरी एक झलक को पानी को कब से तेरी मैया तरस रही
मेरी एक झलक ही अपने को तू मिलो चलकर आया है
पत्थर की मूरत....
तू अपनी मां को मना लेना सीने से उसे लगा लेना
तेरे सारे कष्ट मिट जाएंगे क्यों मुझे मनाने आया है
पत्थर की मूरत...
सुन लो अब दुनिया वालो तुम अपने मात पिता की सेवा करो
उसमें ही मां दुर्गा बैठी महामाया की सब माया है
पत्थर की मूरत.....
गायक - रीता मौर्य
जय माता दी
🙏🙏🙏 बोल सच्चे दरबार की जय
Негізгі бет पत्थर की मूरत बोल पड़ी। माता जी का बहुत ही सुंदर भजन । जय माता दी 🙏🙏🥳🙏
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