पत्नी (कहानी ) || Jainendra Kumar |
इस कहानी में लेखक दबे पांव स्त्री के मन में गहरी पैठ बनाते हुए उसकी दमित आकांक्षाओं और क्षत-विक्षत सपनों को सतह पर लाते हैं/
यांत्रिक भाव से जीती सुनंदा.मन में उठती टीस और हुलसते अरमान सबका गला घोंटने को मजबूर ..कभी यूँ भी अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करती है कि पति का जी दुखाने के लिए उसकी उपस्थिति का नोटिस न लेकर ’कठोरतापूर्वक शून्य को ही देखती रहती’ है......तो पति कालिंदीचरण में जागता है पुरुष का अहं भाव तो दूसरी और अपने मान की रक्षा की मूक मिन्नतें भी सुनन्दा से करता है! पढ़िए जैनेन्द्र कुमार की कालजयी रचना ...
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Video prepared and presented by Alpana Verma
Негізгі бет Patni/'The wife' Hindi Story/ पत्नी (कहानी ) |Jainendra Kumar
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