लोकगायिका और हबीब तनवीर के नया थिएटर की अभिनेत्री पूनम तिवारी ने उस समय सच में रुला दिया जब अपने बेटे की अंतिम इच्छा पूरी करने के लिए उन्होंने चोला माटी के राम गाया और वीरू (सूरज तिवारी के घर का नाम) को अंतिम विदाई दी। मैं वहाँ मौजूद थी और देखा कि कैसे लोककलाकारों की भी श्रेणियाँ हैं। एक तरफ वे जो संस्कृति विभाग या सरकार से संबंध बना कर रखते हैं, जिन्हें लिखा पढ़ी आती है और एक यह ख़ालिस कलाकार जिन्हें सच में कलाकारी के सिवाय कुछ नहीं आता। इस दूसरी श्रेणी की ऐसी ही मौत होती है जैसी वीरू की हुई। हृदयघात आने पर डॉक्टर ने आराम करने की सलाह दी थी। लेकिन रोज़ कमाने रोज़ खाने वालों को आराम शायद मौत के बाद ही मिलता है। एक प्रोग्राम मिला और वीरू बजाने चल दिये। बमुश्किल एक गाना बजाने के बाद उनकी हालत खराब हुई और जब तक सबको खबर होती, उन्होंने भिलाई के एक अस्पताल में अंतिम साँसे ली।
- 4 жыл бұрын
Poonam tiwari singing for sooraj tiwari, her deceased son
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