भगवान विश्वकर्मा लोक कल्याण को प्रतिपादित करने वाले देव शिल्पी: डॉ विरेंद्र विश्वकर्मा
""""""""""""""""'"""""""""""""""""वाराणसी 3 मार्च। लोकजन सोशलिष्ट पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ विरेंद्र विश्वकर्मा ने सरदार पटेल सेवा संस्थान करते हुए कहा भगवान विश्वकर्मा लोक कल्याण एवं प्रयागराज में आयोजित विश्वकर्मा महात्मय विमर्श राष्ट्रीय संगोष्ठी में विचार व्यक्त रचना के सिद्धांत को प्रतिपादित करने वाले देव शिल्पी है।भगवान विश्वकर्मा की महत्ता अनंत है। इस विषय पर जितना भी विमर्श और चर्चा किया जाए वह कम है।सनातन शास्त्र चाहे वह वेद हो पुराण हो भगवान विश्वकर्मा की अनंत गाथाओं से भरे पड़े हैं।मनुष्य के जन्म से मृत्यु तक जितने भी धार्मिक कर्मकांड है उसमें भगवान विश्वकर्मा वास्तु देवता और शिल्प देवता के रूप में सर्वत्र पूजे जाते हैं। भगवान विश्वकर्मा हम सभी के आस्था संस्कृति संस्कार सामाजिक पहचान और स्वाभिमान के प्रतीक देवता हैं।उन्होंने कहा हमें इस विषय पर भी विमर्श करने की आवश्यकता है,कि खोया हुआ सामाजिक गौरव फिर से कैसे प्रतिस्थापित किया जाए। आजादी के बाद से हमारे समाज को बांटने का गहरा राजनीतिक षड्यंत्र हुआ है। जिसके चलते समाज शोषण उपेक्षा उत्पीड़न और अन्याय तथा भेदभाव का शिकार हुआ है। इस समाज का सभी दलों ने सिर्फ वोट के लिए इस्तेमाल किया और सामाजिक समानता तथा राजनीतिक भागीदारी के अधिकार से वंचित रखा। हमें सामाजिक मान सम्मान पहचान को कायम रखने के लिए सामाजिक समानता और राजनीतिक भागीदारी के अधिकार को पाने के लिए निजी राजनीतिक लाभ के स्वार्थ का त्याग करना पड़ेगा और सामाजिक बिखराव को रोकने की दिशा में हम सभी लोगों को मिलकर प्रयास करना होगा। सामाजिक बिखराव को रोकने और समाज को संगठित करने की दिशा में अभी राष्ट्रीय स्तर पर एकजुटता मिशन विमर्श चलाने की आवश्यकता है। उन्होंने आह्वान किया कि सामाजिक न्याय और मजबूत राजनीतिक भागीदारी के सवाल पर हम सभी लोगों को दलीय प्रतिबद्धता का त्याग करके एक साथ मिलकर काम करने की जरूरत है।
Негізгі бет प्रयागराज में आयोजित विश्वकर्मा महात्मय |
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