"प्रीत बंधी श्री वल्लभ पद सों और न मन में आवे हो"
राग : अासावरी
ताल : धमार (१४ मात्रा)
रचना : गोस्वामी श्री हरिराय महाप्रभु (शिक्षापत्र वाले)
गायक : गोस्वामी प्रतीक कुमारजी (मोटा मंदिर, मुंबई)
Recorded at : "Swar Urja Studio", Kandivali - Mumbai.
ये पद "महाप्रभु श्री वल्लभाचार्य जी" के बधाई का पद है। जो पुष्टि भक्ति मार्ग के प्रवर्तक हैं। इस पद में उनका महात्म्य, उनका मूल स्वरूप, उनमें अनन्य आश्रय व शरणागति का अति सुंदर वर्णन है।
Негізгі бет "Preet bandhi Shri Vallabh pad so"_Raag Aasavari_Shri Mahaprabhuji ki badhai_kirtan_Haveli Sangeet
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