lyrics
कोई जाके कहियो रे,भरत (भैया)न पुकार न के
लौटे हैं अयोध्या राम,रावण मार के।।
1:-विप्र का रूप धर चले महावीर है,निकट पहुँचे जाके सरयु की तीर है।
बोले हैं विप्र बेन,प्रेम से पुकार के।।
2:-सागर पर सेतु बान्धा सेना भई पार है,मारे असुर राम लंका पधार के।
भक्त उबारया दाता,बिड़ध सम्भाल के।।
3:-रिपुरण जीत लिया वैद जस गाव है,सीता अनुज सहित प्रभु आव है।
अब तो निहारो दाता,पलक उघाड़ के।।
4:-सुनके वचन खुशी भये मन माय रे,बजरंगी तोसे उरीण नाय रे।
मिल्या है भरत जठ,भुजा तो पसार के।।
।।समाप्त।।
Негізгі бет पुराना भजन - लौटे अयोध्या राम रावण मार के by Gomji Pujari
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