| Qutub Minar | कुतुब मीनार के बंद दरवाजों के पीछे क्या है रहस्य? क्यों सरकार अंदर जाने नहीं देती? @GyanvikShorts
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कुतुब मीनार देश की प्रमुख ऐतिहासिक इमारतों में से एक है। ये साउथ दिल्ली के महरौली इलाके में स्थित है। करीब 238 फीट की ऊंचाई वाला कुतुब मीनार भारत का सबसे ऊंचा पत्थरों का स्तंभ है। कुतुब मीनार इसके आसपास स्थित कई अन्य स्मारकों से घिरा हुआ और इस पूरे परिसर को कुतुब मीनार परिसर कहते हैं।
माना जाता है कि कुतुब मीनार का निर्माण 1199 से 1220 के दौरान कराया गया था। कुतुब मीनार को बनाने की शुरुआत कुतुबुद्दीन-ऐबक ने की थी और उसके उत्तराधिकारी इल्तुतमिश ने पूरा कराया था।
कुतुबुद्दीन ऐबक पृथ्वीराज चौहान को हराने वाले मोहम्मद गोरी का पसंदीदा गुलाम और सेनापति था। गोरी ऐबक को दिल्ली और अजमेर का शासन सौंपकर वापस लौट गया था। 1206 में गोरी की मौत के बाद ऐबक आजाद शासक बन गया और उसने दिल्ली सल्तनत की स्थापना की।
14वीं और 15वीं सदी में कुतुब मीनार को बिजली गिरने और भूकंप से नुकसान पहुंचा था। पहले इसकी शीर्ष दो मंजिलों की फिरोज शाह तुगलक ने मरम्मत करवाई थी। 1505 में सिकंदर लोदी ने बड़े पैमाने पर इसकी मरम्मत कराई थी और इसकी ऊपरी दो मंजिलों का विस्तार किया था। 1803 में आए एक भूकंप से कुतुब मीनार को फिर से नुकसान पहुंचा। तब 1814 में इसके प्रभावित हिस्सों को ब्रिटिश-इंडियन आर्मी के मेजर रॉबर्ट स्मिथ ने रिपेयर कराया था।
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