अतिशय क्षेत्र अहिच्छत्र पाश्र्वनाथ
पहुँचने का सरलतम मार्ग -
बरेली से आंवला होकर रामनगर अहिच्छत्र के लिये बस द्वारा या दिल्ली से हापुड़, गजरोला, पाकबड़ा, कुन्दरकी, बिलारी, शाहबाद, टांडा, अहिच्छत्रपाश्र्वनाथ रामनगर किला है।
ऐतिहासिकता - भगवान पार्श्वनाथ मुनि अवस्था में इस क्षेत्र में
तपस्या में लीन हुए। कमठ ने घोर उपसर्ग किया। धरणेन्द्र और पद्मावती ने अपने नागफण मंडल रूप छत्र लगाकर उपसर्ग दूर किया। क्षेत्र पर गणिनी ज्ञानमती माताजी की प्रेरणा से भारत की सर्वश्रेष्ठ तीस चौबीसी बनी है। पद्मावती एवं धरणेन्द्र की 7'-7' की विशाल मूर्तियाँ प्रतिष्ठित हैं।7'/' आकार की विशाल पद्मासन चौबीसी भी निर्माणाधीन है।थीम पार्क दर्शनीय है।
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Негізгі бет श्री अहिच्छत्र पाश्र्वनाथ जैन मंदिर रामनगर,तीर्थंकर पार्श्वनाथ को केवलज्ञान की प्राप्ति हुई थी
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