परम पूज्य श्रीराम कोकजे साहब का जन्म ग्राम डही तहसील कुक्षी जिला धार मे 20 सितम्बर 1953 को हुआ,आपके पिता का नाम श्री रघुनाथ कोकजे एवं माताजी का नाम श्रीमती विजया कोकजे है,पिताजी डही कुक्षी जिला धार मे पटवारी की नोकरी करते थे,मध्यमवर्गीय परिवार होने की वजह से बहुत ही साधारण परिस्थिति मे प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा डही मे ही प्राप्त की,बाद मे बाकी की शिक्षा धार मे पूर्ण की,आरंभ मे आपने धार जिले की एक प्राथमिक शाला मे शिक्षक की नोकरी कर ली तथा बाद मे धार जिले मे ही माध्यमिक विधालय मे शिक्षक का कार्य किया,कुछ समय पश्चात आप अपनी पत्त्नि और बच्चो के साथ इंदौर आ बसे और कुछ समय बीतने के बाद ही आपकी नोकरी मध्यप्रदेश विधुत मण्डल मे लग गई और वर्तमान मे आप सेवानिवृत होकर जनकल्याण के लिए गोंदवले धाम, इंदौर में लोगो का मार्गदर्शन कर रहे है. आप बचपन से ही लोगो को नाम के लिए प्रेरित करते रहे,सन 1984 मे इंदौर मे एक सत्संग के माध्यम से श्री ब्रांहचैतन्य गोंदवलेकर महाराज के बारे मे सुना और जाना,5 वर्ष के बाद से आप गोंदवलेकर महाराज के अनुग्रहित अनुयायी बने,उस दिन से आप लोगो को श्री गोंदवलेकर महाराज के बारे मे बता रहे है,सभी वर्ग के लोगो उच्च वर्ग,मध्यम वर्ग एवं निम्न वर्ग सभी को नामस्मरण का महत्व सहज मार्ग से बता रहे है | श्री महाराज की बताई गई बातों को विशे कर तीन बातों नामस्मरण,अन्नदान और आपसी प्रेम का महाराज का संदेश जन-जन तक पहुचा रहे है,वे लोगो को बार-बार यही बात कह रहे है,की आप किसी को भी गुरु माने,काही भी धार्मिक स्थल पर जाये,आप किसी भी संप्रदाय के हो आप जिस भगवान पर श्रद्धा रखते हो,उसी का निरंतर नामस्मरण करते रहे क्योकि यही एकमात्र प्रभु पाने का सच्चा साधन है |
श्री गोंदवलेकर महाराज के बताये मार्ग तथा उनकी विचारधारा तथा सिद्धांतों के अनुसार 27 सितम्बर 1997 मे श्री सत्संग केंद्र की स्थापना परम पूज्य श्री कोकजे साहब ने 4 नारायण बाग इंदौर मे श्री साटे साहब के निवास पर प्रारंभ की यह शुभ कार्य 5 लोगो से शुरू हुआ यह सत्संग केंद्र आज एक बहुत ही विशाल रूप ले चुका है जिसमे लगभग 15000 परिवार आनंद से नामस्मरण करते हुये आनंद के साथ रह रहे है इस विशाल धर्म यज्ञ मे उनकी धर्मपत्नी श्रीमती मंगला कोकजे अपने पूर्ण सर्मपन के साथ योगदान दे रही है |
गोंदवले धाम, इंदौर की यह विशेषता है की समस्त समाज के लोग श्री गोंदवलेकर महाराज के इस सत्संग मे अपने धर्म मे पूर्ण आस्था रखते हुये नामस्मरण करते हुये आनंदपूर्ण वातावरण मे आपस मे एक दूसरे के साथ भाईचारे के वातावरण मे सत्संग का लाभ ले रहे है
प्रतिवर्ष गुरुपूर्णिमा पर्व नाम संकल्प महोत्सव के रूप में मनाया जाता है, एवेम गोंदवलेकर महाराज के पुण्यतिथि पर प्रतिवर्ष यहाँ हरीहाट ईश्वरीय बाजार का आयोजन परमपूजनीय श्री श्रीराम कोकजे गुरूजी के सानिध्य में किया जाता है |
Негізгі бет श्री ब्रह्मचैतन्य गोंदवलेकर महाराज और गुरुआज्ञा का पालन । गुरु वचनामृत
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