श्री शिवाय नमस्तुभ्यं 1008 Times | Shree Shivay Namastubhyam 1008 Times
श्री शिवाय नमस्तुभ्यं (Shree Shivay Namastubhyam)
अर्थ
श्री- श्री, शिवाय- भगवान शिव, नमस्तुभ्यं- नमस्कार.
अर्थात: हे श्री शिव आपको मेरा नमस्कार है.
शिव मंत्र (Shiv Mantra) जाप करने की विधि
प्रत्येक मंत्र को जाप करने की एक उचित विधि होती होती है. उसी प्रकार Shiv Mantra (शिव मंत्र) के जाप की भी विधि है. इसे उचित विधि पूर्वक जाप करने से ही आपको फल प्राप्त होगा, अन्यथा मंत्र जाप का कोई फायदा नहीं होता. आईए आपको Shiv Mantra (शिव मंत्र) के जाप की विधि की जानकारी देते है.
आसन
मंत्र जाप के लिए आप किसी भी आसन का प्रयोग कर सकते है लेकिन कुश या ऊन के आसन का प्रयोग श्रेष्ठ माना जाता है. मंत्र जाप करते समय हमेशा शुद्ध और पवित्र आसन का प्रयोग करना चाहिए. हमेशा मंत्र जाप करते समय एक ही आसन का उपयोग करे.
समय
वैसे तो इस मंत्र का जाप कभी भी किया जा सकता है लेकिन प्रातः काल का समय इस मंत्र के जाप के लिए बहुत अच्छा माना जाता है. सुबह के समय इस मंत्र का जाप करना ज्यादा लाभदायक होता है.
चित्र या प्रतिमा
शिव जी की फोटो या प्रतिमा को सामने रखे. चित्र या प्रतिमा को नमस्कार करे और अपने मन में शिव जी का ध्यान करते हुए मंत्र उच्चारण करे. अपने घर के मंदिर के सामने बैठ कर भी आप इस मंत्र का जाप कर सकते है.
माला
मंत्र जाप के लिए रुद्राक्ष की 108 मोती की माला का उपयोग करे. और इस मंत्र का 108 बार उच्चारण करे. यदि आप इस मंत्र का जाप दिन में 108 बार करते है तो यह बहुत अच्छा माना जाता है क्यूंकि इससे आपको 1 लाख 8 हजार महामृत्युंजय मंत्र का लाभ प्राप्त होता है.
रोगियों के लिए राम बाण है शिव मंत्र (Shiv Mantra)
इस शक्तिशाली शिव मंत्र (Shiv Mantra) का उपयोग कई रोगों के उपचार के लिए किया जाता है.
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